देहरादून: उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में डिप्लोमा इंजीनियरों ने अपनी समस्याओं को लेकर सचिवालय कूच किया. इससे पहले प्रदर्शनकारी परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए. उसके बाद जुलूस की शक्ल में पैदल मार्च निकालते हुए लैंसडाउन चौक, कनक चौक से होते हुए सचिवालय की ओर बढ़े, लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सचिवालय से पहले ही बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. रोके जाने से नाराज डिप्लोमा इंजीनियर्स सड़क पर ही धरने पर बैठ गए. सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करने लगे.
इस दौरान उत्तराखंड डिप्लोमा इंजिनियर्स महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष एसएस चौहान ने कहा समस्या समाधान समिति की अध्यक्षता और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समझौता वार्ता संपन्न हुई थी, लेकिन अभी तक उनकी समस्याओं का क्रियान्वयन नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा विभिन्न विभागों में कार्यरत समूह ख अभियंताओं को कार अनुरक्षण भत्ता अनुमन्य किए जाने से संबंधित शासनादेश अभी तक निर्गत नहीं किया गया है. जिससे डिप्लोमा इंजीनियरों में व्याप्त आक्रोश है.
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उन्होंने कहा इसके अलावा कनिष्ठ अभियंता और अपर सहायक अभियंता को अनुमन्य मोटरसाइकिल और स्कूटर कि भत्ते की दरों का पुनरीक्षण कर शासनादेश वर्ष 2013 के बाद से अभी तक नहीं किया गया है. डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ के अध्यक्ष ने कहा 17 दिसंबर 2015 के शासनादेश के अनुसार कनिष्ठ अभियंता और अपर सहायक अभियंता को 10 वर्ष की सेवा के बाद सहायक अभियंता का ग्रेड वेतन 5400 दिया जाना चाहिए. अपर सहायक अभियंता की वेतन विसंगति दूर की जानी चाहिए. उन्होंने कहा तीनों ऊर्जा निगमों में शासन और अन्य निगमों की भांति कनिष्ठ अभियंता से सहायक अभियंता पद पर प्रोन्नति कोटा 40 से बढ़ाकर 50% और डिग्री धारी कनिष्ठ अभियंताओं का कोटा 8.33 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया जाए. इसके साथ ही कनिष्ठ अभियंता को सेवा नियमावली में पदोन्नति की पात्रता के अनुसार तीन पदोन्नति वह पदों में वेतनमान अनिवार्य रूप से स्वीकृत किया जाए.