ETV Bharat / state

ऋषिकेश के गीता भवन को सिडकुल शिफ्ट करने का विरोध, पेट्रोल लेकर छत पर चढ़े प्रदर्शनकारी

गीता भवन आयुर्वेदिक संस्थान (Gita Bhawan Ayurved Sansthan) को हरिद्वार सिडकुल में शिफ्ट किए जाने को लेकर संस्थान के कर्मचारियों की ओर से प्रदर्शन किया जा रहा है. कुछ कर्मचारी बोतल में पेट्रोल लेकर गीता भवन की छत पर चढ़ गए. कर्मचारियों का कहना है कि उनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो वे कुछ भी करने को तैयार हैं.

protest
protest
author img

By

Published : Sep 23, 2021, 11:47 AM IST

Updated : Sep 23, 2021, 12:03 PM IST

ऋषिकेश: गीता भवन आयुर्वेदिक संस्थान (Gita Bhawan Ayurved Sansthan) को हरिद्वार सिडकुल में शिफ्ट कर दिया गया है. इसको लेकर संस्थान में कार्य करने वाले 30 कर्मचारियों के परिवार पिछले कई महीनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. कुछ कर्मचारियों ने अब छत पर चढ़कर प्रदर्शन किया. कर्मचारियों का आरोप है कि गीता भवन संस्थान की ओर से कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है.

कर्मचारियों का कहना है कि इस महंगाई के दौर में उन्हें 8 हजार से लेकर 10 हजार रुपये की तनख्वाह दी जा रही है. जिससे परिवार का पालन-पोषण करना मुश्किल हो रहा है. बावजूद इसके अब उन लोगों को बिना बताए आयुर्वेदिक संस्थान को हरिद्वार शिफ्ट कर दिया. जबकि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्य सचिव को आदेश दिया था कि पलायन को रोकने के लिए गीता भवन आयुर्वेदिक संस्थान को स्वर्ग आश्रम में ही यथावत रखा जाए. बावजूद इसके नियमों को ताक पर रखकर संस्थान द्वारा जबरदस्ती गीता भवन आयुर्वेदिक संस्थान को हरिद्वार शिफ्ट कर दिया गया है.

ऋषिकेश के गीता भवन को सिडकुल शिफ्ट करने का विरोध.

उन्होंने कहा कहा कि पिछले 40 सालों से संस्थान में कार्य करने वाले कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. आलम यह है कि 2 वक्त की रोटी के लिए भी कर्मचारियों को लाले पड़ गए हैं. इसको लेकर कई महीनों से कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन गीता भवन के ट्रस्टी हठधर्मिता पर उतर आए हैं. उन्होंने सभी 30 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. इसी को लेकर आज कर्मचारियों ने आर-पार की लड़ाई करने के लिए मन बना लिया है. कुछ कर्मचारी बोतल में पेट्रोल लेकर गीता भवन की छत पर चढ़ गए. सभी कर्मचारियों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई और उन्हें नौकरी पर वापस नहीं लिया गया तो वह कुछ भी करने के लिए तैयार हैं.

वहीं मामले की गंभीरता से लेते हुए लक्ष्मण झूला थानाध्यक्ष मौके पर पहुंचे और पुलिस तैनात कर दी गई. जनप्रतिनिधियों के साथ पुलिस प्रशासन द्वारा जब गीता भवन के ट्रस्टी और से बातचीत की गई तो सदस्यों ने साफ तौर पर कह दिया कि किसी भी कर्मचारियों को नौकरी पर नहीं रखेंगे. जिस पर कर्मचारी भड़क गए और काफी कहासुनी हो गई. थानाध्यक्ष द्वारा बीच-बचाव किया गया और 2 दिन का समय लिया गया.

पढ़ें: हरीश रावत ने बाजवा को कहा 'प्रा' तो भड़के बलूनी, बोले- हमारे सैनिकों के खून से रंगे हैं उनके हाथ

गीता भवन के ट्रस्टी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि कर्मचारियों को हरिद्वार जाने के लिए कहा गया था, लेकिन कुछ लोग नहीं गए. जिस वजह से उनको नौकरी से हटाया जा रहा है. वहीं जोंक नगर पंचायत अध्यक्ष माधव अग्रवाल ने कहा कि गीता भवन के ट्रस्टी द्वारा तानाशाही की जा रही है. इतने वर्षों से गीता भवन में कार्य कर रहे कर्मचारियों को नौकरी से निकलना गलत है.

ऋषिकेश: गीता भवन आयुर्वेदिक संस्थान (Gita Bhawan Ayurved Sansthan) को हरिद्वार सिडकुल में शिफ्ट कर दिया गया है. इसको लेकर संस्थान में कार्य करने वाले 30 कर्मचारियों के परिवार पिछले कई महीनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. कुछ कर्मचारियों ने अब छत पर चढ़कर प्रदर्शन किया. कर्मचारियों का आरोप है कि गीता भवन संस्थान की ओर से कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है.

कर्मचारियों का कहना है कि इस महंगाई के दौर में उन्हें 8 हजार से लेकर 10 हजार रुपये की तनख्वाह दी जा रही है. जिससे परिवार का पालन-पोषण करना मुश्किल हो रहा है. बावजूद इसके अब उन लोगों को बिना बताए आयुर्वेदिक संस्थान को हरिद्वार शिफ्ट कर दिया. जबकि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्य सचिव को आदेश दिया था कि पलायन को रोकने के लिए गीता भवन आयुर्वेदिक संस्थान को स्वर्ग आश्रम में ही यथावत रखा जाए. बावजूद इसके नियमों को ताक पर रखकर संस्थान द्वारा जबरदस्ती गीता भवन आयुर्वेदिक संस्थान को हरिद्वार शिफ्ट कर दिया गया है.

ऋषिकेश के गीता भवन को सिडकुल शिफ्ट करने का विरोध.

उन्होंने कहा कहा कि पिछले 40 सालों से संस्थान में कार्य करने वाले कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. आलम यह है कि 2 वक्त की रोटी के लिए भी कर्मचारियों को लाले पड़ गए हैं. इसको लेकर कई महीनों से कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन गीता भवन के ट्रस्टी हठधर्मिता पर उतर आए हैं. उन्होंने सभी 30 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. इसी को लेकर आज कर्मचारियों ने आर-पार की लड़ाई करने के लिए मन बना लिया है. कुछ कर्मचारी बोतल में पेट्रोल लेकर गीता भवन की छत पर चढ़ गए. सभी कर्मचारियों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई और उन्हें नौकरी पर वापस नहीं लिया गया तो वह कुछ भी करने के लिए तैयार हैं.

वहीं मामले की गंभीरता से लेते हुए लक्ष्मण झूला थानाध्यक्ष मौके पर पहुंचे और पुलिस तैनात कर दी गई. जनप्रतिनिधियों के साथ पुलिस प्रशासन द्वारा जब गीता भवन के ट्रस्टी और से बातचीत की गई तो सदस्यों ने साफ तौर पर कह दिया कि किसी भी कर्मचारियों को नौकरी पर नहीं रखेंगे. जिस पर कर्मचारी भड़क गए और काफी कहासुनी हो गई. थानाध्यक्ष द्वारा बीच-बचाव किया गया और 2 दिन का समय लिया गया.

पढ़ें: हरीश रावत ने बाजवा को कहा 'प्रा' तो भड़के बलूनी, बोले- हमारे सैनिकों के खून से रंगे हैं उनके हाथ

गीता भवन के ट्रस्टी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि कर्मचारियों को हरिद्वार जाने के लिए कहा गया था, लेकिन कुछ लोग नहीं गए. जिस वजह से उनको नौकरी से हटाया जा रहा है. वहीं जोंक नगर पंचायत अध्यक्ष माधव अग्रवाल ने कहा कि गीता भवन के ट्रस्टी द्वारा तानाशाही की जा रही है. इतने वर्षों से गीता भवन में कार्य कर रहे कर्मचारियों को नौकरी से निकलना गलत है.

Last Updated : Sep 23, 2021, 12:03 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.