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'पटाखों पर न रहें 'देवी-देवता', बैन करने की उठी मांग, जानिए क्यों

इस दीपावली भी देवी-देवताओं की फोटो वाले पटाखों का विरोध शुरू हो गया है. देहरादून में वीर सावरकर संस्था ने प्रशासन से ऐसे पटाखों पर बैन लगाने की मांग की है, जिन पर देवी-देवताओं की फोटो बनी है.

देहरादून
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Published : Oct 20, 2019, 7:33 PM IST

देहरादून: दीपावाली में जलाए जाने वालों पटाखों को लेकर वीर सावरकर धार्मिक संस्था ने उन पटाखों पर रोक लगाने की मांग की है, जिन पर धार्मिक चित्र बने होते हैं. संस्था का कहना है कि दीपावाली के अगले दिन ये सभी चित्र पैरों के नीचे होते हैं और धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं. इस विषय को लेकर संगठन ने सिटी मजिस्ट्रेट से इन्हें रोकने की मांग की जिस पर उचित कार्रवाई का आश्वाशन दिया है.

देवी-देवताओं की फोटो वाले पटाखों पर रोक लगाने की मांग

किसी समय अपनी विशेष पहचान रखने वाला लक्ष्मी बम पटाखा आज भी उसी नाम से जाना जाता है, लेकिन इस पर बनी लक्ष्मी माता की फोटो का पिछले कई सालों से विरोध हो रहा है. ऐसा केवल इसी पटाखे के साथ नहीं बल्कि उन सभी पटाखों के साथ है जिन पर किसी देवी-देवताओं की फोटो बनी है. इस्तेमाल होने के बाद यह फोटो पैरों के नीचे आती हैं.

हिन्दू धर्म के सबसे बड़े त्योहार दीपावाली पर जहां अब तक पटाखा व्यवसायी, इन्हीं धार्मिक चित्रों के जरिये लोगों में लोकप्रिय थे तो वहीं अब समय के साथ-साथ सोच बदली है, अब यही चित्र इन व्यवसायियों के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं.

देहरादून में वीर सावरकर धार्मिक संस्था पिछले कई सालों से इस तरह के पटाखों के खिलाफ कार्यरत हैं, जिन पर धार्मिक चित्र छपे होते हैं. इस बार भी संस्था ने नगर प्रशासन से इस तरह के पटाखों पर बैन लगाने का अनुरोध किया है. साथ ही अधिकारियों को चेताया है कि इससे धार्मिक अनुनाद फैलने की भी आशंका है. संगठन के संथापक कुलदीप स्वेडिया ने बताया कि वो पिछले कई सालों से इस मुद्दे को उठा रहे हैं. हालांकि, इसमें कमी आई है लेकिन अभी पूरी तरह से खत्म करने के लिए हर किसी को जागरुक होने की जरूरत है.

पढ़ें- गधी के दूध से बन रहा ब्यूटी प्रोडक्ट, जानिए इसकी उपयोगिता

वहीं, दूसरी तरफ सिटी मजिस्ट्रेट अभिषेक रुहेला ने भी अपील की है कि वह शांतिपूर्ण ढंग से दीपावाली का पर्व मनाएं. साथ ही इस तरह के पटाखे न खरीदें, जिस पर देवी देवताओं की तस्वीरें बनी हों, जिससे किसी की भावनाएं आहत न हों. इसके अलावा सिटी मजिस्ट्रेट ने पटाखा व्यापारियों को भी बुला कर सख्त हिदायत दी है, कि वह इस तरह के पटाखे ना बेचें, जिन पर देवी देवताओं की तस्वीरें बनी हों.

देहरादून: दीपावाली में जलाए जाने वालों पटाखों को लेकर वीर सावरकर धार्मिक संस्था ने उन पटाखों पर रोक लगाने की मांग की है, जिन पर धार्मिक चित्र बने होते हैं. संस्था का कहना है कि दीपावाली के अगले दिन ये सभी चित्र पैरों के नीचे होते हैं और धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं. इस विषय को लेकर संगठन ने सिटी मजिस्ट्रेट से इन्हें रोकने की मांग की जिस पर उचित कार्रवाई का आश्वाशन दिया है.

देवी-देवताओं की फोटो वाले पटाखों पर रोक लगाने की मांग

किसी समय अपनी विशेष पहचान रखने वाला लक्ष्मी बम पटाखा आज भी उसी नाम से जाना जाता है, लेकिन इस पर बनी लक्ष्मी माता की फोटो का पिछले कई सालों से विरोध हो रहा है. ऐसा केवल इसी पटाखे के साथ नहीं बल्कि उन सभी पटाखों के साथ है जिन पर किसी देवी-देवताओं की फोटो बनी है. इस्तेमाल होने के बाद यह फोटो पैरों के नीचे आती हैं.

हिन्दू धर्म के सबसे बड़े त्योहार दीपावाली पर जहां अब तक पटाखा व्यवसायी, इन्हीं धार्मिक चित्रों के जरिये लोगों में लोकप्रिय थे तो वहीं अब समय के साथ-साथ सोच बदली है, अब यही चित्र इन व्यवसायियों के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं.

देहरादून में वीर सावरकर धार्मिक संस्था पिछले कई सालों से इस तरह के पटाखों के खिलाफ कार्यरत हैं, जिन पर धार्मिक चित्र छपे होते हैं. इस बार भी संस्था ने नगर प्रशासन से इस तरह के पटाखों पर बैन लगाने का अनुरोध किया है. साथ ही अधिकारियों को चेताया है कि इससे धार्मिक अनुनाद फैलने की भी आशंका है. संगठन के संथापक कुलदीप स्वेडिया ने बताया कि वो पिछले कई सालों से इस मुद्दे को उठा रहे हैं. हालांकि, इसमें कमी आई है लेकिन अभी पूरी तरह से खत्म करने के लिए हर किसी को जागरुक होने की जरूरत है.

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वहीं, दूसरी तरफ सिटी मजिस्ट्रेट अभिषेक रुहेला ने भी अपील की है कि वह शांतिपूर्ण ढंग से दीपावाली का पर्व मनाएं. साथ ही इस तरह के पटाखे न खरीदें, जिस पर देवी देवताओं की तस्वीरें बनी हों, जिससे किसी की भावनाएं आहत न हों. इसके अलावा सिटी मजिस्ट्रेट ने पटाखा व्यापारियों को भी बुला कर सख्त हिदायत दी है, कि वह इस तरह के पटाखे ना बेचें, जिन पर देवी देवताओं की तस्वीरें बनी हों.

Intro:Note- दीवाली स्पेशल ट्रोरी (पटाखा)


एंकर- दीवाली में जलाए जाने वालों पटाखों को लेकर वीर सावरकर धार्मिक संस्था ने इसे सभी पटाखों पर रोक लगाने की मांग की है जिन पर धार्मिक चित्र लगे होते हैं। संस्था का कहना है कि दीवाली के अगले दिन ये सभी चित्र पैरों में होते हैं और धार्मिक भावनाएं आहत होती है। इस विषय को लेकर संगठन ने सिटी मजिस्ट्रेट से इन्हें रोकने की मांग की जिस पर उचित कार्यवाही का आश्वाशन दिया गया।


Body:वीओ- किसी समय अपनी विशेष पहचान रखने वाला लक्ष्मी बम अब भी भले ही उसी नाम से जाना जाता है लेकिन इसपर बनी लक्ष्मी माता की फ़ोटो का पिछले कई सालों से विरोध हो रहा है। ऐसा केवल लक्ष्मी बम के साथ ही नही बल्कि उन सभी पटाखों के साथ ही जिन पर किसी भी देवी देवता की फ़ोटो लगी है और वो बाद में पैरों में आता है।

हिन्दू धर्म के सबसे बड़े त्योहार दीवाली पर जहां अब तक पटाखा व्यवसायी इन्ही धार्मिक चित्रों के जरिये लोगों में लोकप्रिय थे तो वहीं अब समय के साथ साथ सोच बदली है और अब यही चित्र इन व्यवाईयों के लिए नुकसान का सबब बन सकते हैं।

देहरादून में वीर सावरकर धार्मिक संस्था पिछले कई सालों से इस तरह के पटाखों के खिलाफ कार्यरत है जिन पर धार्मिक चित्र छपे होते हैं। इस बार भी वीर सावरकर धार्मिक संस्था ने नगर प्रशासन से इस तरह के पटाखों पर बैन लगाने का अनुरोध किया है साथ ही अधिकारियों को चेताया है कि इस से धार्मिक अनुनाद फैलने की भी आशंका है। संगठन के संथापक कुलदीप स्वेडिया ने बताया कि वो पिछले कई सालों से इस मुद्दे को उठा रहे हैं जिसकी वजह से अब ये कम हुआ है लेकिन पूरी तरह से इसे खत्म करने के लिए हर किसी को जागरूक होने की जरूरत है।

बाइट- कुलदीप स्वेडिया, संस्थापक वीर सावरकर संगठन

वहीं दूसरी तरफ सिटी मजिस्ट्रेट अभिषेक रुहेला ने भी आमजन से अपील की है कि वह शांतिपूर्ण ढंग से दिवाली का पर्व मनाए। साथ ही इस तरह के पटाखे ना खरीदें जिस पर देवी देवताओं की तस्वीरें बनी हो और किसी की भावनाएं उस से आहत हो। इसके अलावा सिटी मजिस्ट्रेट ने पटाखा व्यापारियों को भी बुला कर सख्त हिदायत दी कि वह इस तरह के पटाखे ना बेचे जिन पर देवी देवताओं की तस्वीरें लगी हो। सिटी मजिस्ट्रेट ने आमजन से अनुरोध किया है कि अगर कोई ऐसे पटाखे बेचते हुए पकड़ा जाता है तो उसकी सूचना नगर प्रशासन को करें

बाइट- अभिषेक रुहेला, सिटी मजिस्ट्रेट देहरादून


Conclusion:
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