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शासन की जांच पर PWD मंत्री को नहीं विश्वास! थाने में FIR कराने से उलझा मसला, जानें मामला - पीआरओ कृष्ण मोहन

मंत्री सतपाल महाराज के पीआरओ ने आरपी सिंह व पीडब्ल्यूडी चीफ अयाज अहमद के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. आरपी सिंह मंत्री सतपाल महाराज के पूर्व निजी सचिव रह चुके हैं. उन पर आरोप है कि उन्होंने मंत्री के फर्जी डिजिटल सिग्नेचर कर सीएम को पत्रावली प्रेषित की.

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Published : Dec 11, 2022, 8:39 AM IST

देहरादूनः उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के पीआरओ कृष्ण मोहन (Satpal Maharaj PRO Krishna Mohan) ने हाल ही में डालनवाला थाने में एक ऐसे मामले पर मुकदमा दर्ज करवाया जिस पर शासन जांच के बाद पहले ही आरोपी को दोषमुक्त कर चुका है. मामला कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की अनुमति के बिना पीडब्ल्यूडी चीफ के तौर पर अयाज अहमद के प्रमोशन का है.

पिछले दिनों डालनवाला थाने में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के पीआरओ कृष्ण मोहन ने उस पुराने मामले पर सतपाल महाराज के ही तत्कालीन निजी सचिव आरपी सिंह और प्रमोट होने वाले अयाज अहमद के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया, जिसमें पीडब्ल्यूडी चीफ के तौर पर अयाज अहमद को कैबिनेट मंत्री की मंजूरी के बिना मुख्यमंत्री को पत्रावली ऑनलाइन प्रेषित की गई थी.

आरोप लगाया गया था कि पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज से इस मामले में अनुमोदन नहीं लिया गया और फर्जी डिजिटल सिग्नेचर कर मुख्यमंत्री को यह फाइल ऑनलाइन प्रेषित कर दी गई. अब यह मामला इसलिए चर्चाओं में है क्योंकि 27 जुलाई 2022 का शासन का वो पत्र अब सामने आया है, जिसमें अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इसी मामले से जुड़ी पूर्व में हुई जांच रिपोर्ट में तत्कालीन निजी सचिव आईपी सिंह पर दोष सिद्ध नहीं होने की जानकारी दी है.
ये भी पढ़ेंः सीएम धामी गुजरात के नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में होंगे शामिल, आज पहुंचेंगे गांधीनगर

जाहिर है कि 5 महीने पहले अपर सचिव के स्तर पर फर्जी डिजिटल सिग्नेचर करने की जांच रिपोर्ट कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज को भी मिल चुकी है और अपर सचिव द्वारा जांच में दोषमुक्त करने की जानकारी सतपाल महाराज को भी है. लेकिन इसके बावजूद 5 महीने बाद सतपाल महाराज के पीआरओ इसी मामले पर आईपी सिंह और पीडब्ल्यूडी चीफ अयाज अहमद के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हैं. जाहिर है कि इससे शासन स्तर पर हुई जांच पर मंत्री और उनके स्टाफ का विश्वास नहीं होने की बात झलकती है.

हालांकि इस मामले पर फिलहाल कोई भी कुछ कहने से बच रहा है और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से भी इसको लेकर संपर्क नहीं हो पाया है. लेकिन यह साफ है कि यह मुद्दा सतपाल महाराज के लिए काफी महत्वपूर्ण भी है और मुकदमा दर्ज करवाने से साफ है कि वह इसे गंभीरता से भी ले रहे हैं.

देहरादूनः उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के पीआरओ कृष्ण मोहन (Satpal Maharaj PRO Krishna Mohan) ने हाल ही में डालनवाला थाने में एक ऐसे मामले पर मुकदमा दर्ज करवाया जिस पर शासन जांच के बाद पहले ही आरोपी को दोषमुक्त कर चुका है. मामला कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की अनुमति के बिना पीडब्ल्यूडी चीफ के तौर पर अयाज अहमद के प्रमोशन का है.

पिछले दिनों डालनवाला थाने में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के पीआरओ कृष्ण मोहन ने उस पुराने मामले पर सतपाल महाराज के ही तत्कालीन निजी सचिव आरपी सिंह और प्रमोट होने वाले अयाज अहमद के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया, जिसमें पीडब्ल्यूडी चीफ के तौर पर अयाज अहमद को कैबिनेट मंत्री की मंजूरी के बिना मुख्यमंत्री को पत्रावली ऑनलाइन प्रेषित की गई थी.

आरोप लगाया गया था कि पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज से इस मामले में अनुमोदन नहीं लिया गया और फर्जी डिजिटल सिग्नेचर कर मुख्यमंत्री को यह फाइल ऑनलाइन प्रेषित कर दी गई. अब यह मामला इसलिए चर्चाओं में है क्योंकि 27 जुलाई 2022 का शासन का वो पत्र अब सामने आया है, जिसमें अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इसी मामले से जुड़ी पूर्व में हुई जांच रिपोर्ट में तत्कालीन निजी सचिव आईपी सिंह पर दोष सिद्ध नहीं होने की जानकारी दी है.
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जाहिर है कि 5 महीने पहले अपर सचिव के स्तर पर फर्जी डिजिटल सिग्नेचर करने की जांच रिपोर्ट कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज को भी मिल चुकी है और अपर सचिव द्वारा जांच में दोषमुक्त करने की जानकारी सतपाल महाराज को भी है. लेकिन इसके बावजूद 5 महीने बाद सतपाल महाराज के पीआरओ इसी मामले पर आईपी सिंह और पीडब्ल्यूडी चीफ अयाज अहमद के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हैं. जाहिर है कि इससे शासन स्तर पर हुई जांच पर मंत्री और उनके स्टाफ का विश्वास नहीं होने की बात झलकती है.

हालांकि इस मामले पर फिलहाल कोई भी कुछ कहने से बच रहा है और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से भी इसको लेकर संपर्क नहीं हो पाया है. लेकिन यह साफ है कि यह मुद्दा सतपाल महाराज के लिए काफी महत्वपूर्ण भी है और मुकदमा दर्ज करवाने से साफ है कि वह इसे गंभीरता से भी ले रहे हैं.

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