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उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला, निजी स्कूल नहीं बढ़ा सकेंगे फीस - निजी स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकते हैं

उत्तराखंड सरकार के नए फैसले से अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है. निजी स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकते हैं. यह आदेश सभी निजी स्कूलों पर लागू होगा.

Private schools will not be able to increase fees
सरकार ने जारी किया शासनादेश
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Published : Jun 24, 2020, 4:42 PM IST

देहरादून: त्रिवेंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. उत्तराखंड में निजी स्कूलों को वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2020-21 में फीस न बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन के बीच निजी स्कूल अभिभावकों पर फीस जमा करने का दबाव बना रहे हैं. अभिभावकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने निजी विद्यालयों को शिक्षा सचिव को प्रत्यावेदन देने का आदेश दिया था. जिसके संदर्भ में राज्य सरकार ने शासनादेश जारी कर दिया है.

Private schools will not be able to increase fees
सत्र 2020-21 में प्राइवेट स्कूल नहीं बढ़ा सकेंगे फीस.

शासनादेश में शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने 4 बिंदुओं पर फोकस किया है. इनमें लॉकडाउन अवधि में सिर्फ शिक्षण शुल्क लेने की अनुमति, असमर्थ अभिभावकों को अतिरिक्त समय देना, सरकारी एवं अर्द्धसरकारी कर्मचारियों द्वारा फीस जमा कराने और शैक्षिक सत्र 2020-21 में निजी स्कूलों द्वारा किसी भी परिस्थिति में शुल्क न बढ़ाया जाना शामिल है. सरकार द्वारा जारी आदेश डे-बोर्डिंग विद्यालयों पर भी समान रूप से लागू होंगे.

Private schools will not be able to increase fees
सरकार ने जारी किया शासनादेश.

ये भी पढ़ें: 'कोरोनिल' पर बाबा रामदेव से जवाब मांगेगी उत्तराखंड सरकार, इम्यूनिटी बूस्टर के नाम पर लिया था लाइसेंस

शासनादेश के मुख्य बिंदु

  • ऑनलाइन, अन्य संचार माध्यमों से शिक्षण कराने वाले निजी विद्यालयों को लॉकडाउन अवधि में मात्र शिक्षण शुल्क लेने की अनुमति दी गई है. अन्य किसी भी प्रकार का शुल्क अभिभावकों से नहीं लिया जाएगा.
  • ऑनलाइन और अन्य संचार माध्यमों से शिक्षा का लाभ लेने के बावजूद भी शुल्क देने में असमर्थ अभिभावक कारणों का उल्लेख करते हुए संबंधित विद्यालय के प्राचार्य/प्रबंधन समिति से शुल्क जमा करने के लिए अतिरिक्त समय का अनुरोध कर सकेंगे.
  • कोविड-19 के चलते लागू किए गए लॉकडाउन की अवधि में सरकारी/अर्द्ध सरकारी अधिकारियों/ कर्मचारियों द्वारा नियमित रूप से वेतन प्राप्त करने एवं उनकी आजीविका में किसी प्रकार का प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ने के कारण ऑनलाइन/ अन्य संचार माध्यमों से कक्षाओं का लाभ लेने के फलस्वरूप नियमित रूप से निर्धारित शिक्षण शुल्क जमा कराना होगा.
  • शिक्षा सचिव द्वारा जारी किए गए आदेश में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि शैक्षिक सत्र 2020-21 में निजी विद्यालयों द्वारा किसी भी परिस्थिति में किसी भी प्रकार के शुल्क में वृद्धि नहीं की जाएगी.

देहरादून: त्रिवेंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. उत्तराखंड में निजी स्कूलों को वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2020-21 में फीस न बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन के बीच निजी स्कूल अभिभावकों पर फीस जमा करने का दबाव बना रहे हैं. अभिभावकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने निजी विद्यालयों को शिक्षा सचिव को प्रत्यावेदन देने का आदेश दिया था. जिसके संदर्भ में राज्य सरकार ने शासनादेश जारी कर दिया है.

Private schools will not be able to increase fees
सत्र 2020-21 में प्राइवेट स्कूल नहीं बढ़ा सकेंगे फीस.

शासनादेश में शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने 4 बिंदुओं पर फोकस किया है. इनमें लॉकडाउन अवधि में सिर्फ शिक्षण शुल्क लेने की अनुमति, असमर्थ अभिभावकों को अतिरिक्त समय देना, सरकारी एवं अर्द्धसरकारी कर्मचारियों द्वारा फीस जमा कराने और शैक्षिक सत्र 2020-21 में निजी स्कूलों द्वारा किसी भी परिस्थिति में शुल्क न बढ़ाया जाना शामिल है. सरकार द्वारा जारी आदेश डे-बोर्डिंग विद्यालयों पर भी समान रूप से लागू होंगे.

Private schools will not be able to increase fees
सरकार ने जारी किया शासनादेश.

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शासनादेश के मुख्य बिंदु

  • ऑनलाइन, अन्य संचार माध्यमों से शिक्षण कराने वाले निजी विद्यालयों को लॉकडाउन अवधि में मात्र शिक्षण शुल्क लेने की अनुमति दी गई है. अन्य किसी भी प्रकार का शुल्क अभिभावकों से नहीं लिया जाएगा.
  • ऑनलाइन और अन्य संचार माध्यमों से शिक्षा का लाभ लेने के बावजूद भी शुल्क देने में असमर्थ अभिभावक कारणों का उल्लेख करते हुए संबंधित विद्यालय के प्राचार्य/प्रबंधन समिति से शुल्क जमा करने के लिए अतिरिक्त समय का अनुरोध कर सकेंगे.
  • कोविड-19 के चलते लागू किए गए लॉकडाउन की अवधि में सरकारी/अर्द्ध सरकारी अधिकारियों/ कर्मचारियों द्वारा नियमित रूप से वेतन प्राप्त करने एवं उनकी आजीविका में किसी प्रकार का प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ने के कारण ऑनलाइन/ अन्य संचार माध्यमों से कक्षाओं का लाभ लेने के फलस्वरूप नियमित रूप से निर्धारित शिक्षण शुल्क जमा कराना होगा.
  • शिक्षा सचिव द्वारा जारी किए गए आदेश में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि शैक्षिक सत्र 2020-21 में निजी विद्यालयों द्वारा किसी भी परिस्थिति में किसी भी प्रकार के शुल्क में वृद्धि नहीं की जाएगी.
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