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मॉनसून सत्र: भू-कानून और देवस्थानम बोर्ड पर प्राइवेट मेंबर बिल नहीं हुआ पास

उत्तराखंड विधानसभा मॉनसून सत्र के तीसरे दिन विपक्ष के विधायकों की तरफ के दो प्राइवेट मेंबर बिल लाए गए थे. पहला भू-कानून संशोधन और दूसरा चारधाम देवस्थानम बोर्ड से जुड़ा था. लेकिन दोनों ही बिलों को पास कराने में विपक्ष नाकाम रही.

उत्तराखंड विधानसभा
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Published : Aug 25, 2021, 10:02 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में मानसून सत्र का तीसरा दिन विपक्ष के लिहाज से काफी बेहतर रहा है. कांग्रेस के विधायकों सरकार को प्रश्नकाल के दौरान घेरने में कामयाब रहे. हालांकि विपक्ष के सदस्यों की तरफ से लाए दो प्राइवेट बिल कांग्रेस सदन में पास नहीं करा पाई और वे गिर गए.

उत्तराखंड में पिछले काफी दिनों से सख्त भू-कानून बनाने की मांग की जा रही है. इसको लेकर सोशल मीडिया पर काफी बड़ा कैंपन भी चला था. वहीं विपक्ष भी लगातार से सख्त भू-कानून लाने की मांग कर रहा है. इसी को लेकर कांग्रेस विधायक सदन में मानसून सत्र के तीसरे दिन एक प्राइवेट बिल लाए थे, लेकिन संख्या बल कम होने के कारण बिल गिर गया और पास नहीं हो सका.

पढ़ें- राज्य कर्मचारियों व पेंशनरों को सौगात, 11 फीसदी बढ़ाया गया महंगाई भत्ता, एरियर भी मिलेगा

हालांकि जब भू-कानून के प्राइवेट बिल चर्चा हुई तो संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत ने तर्क दिया कि प्रदेश में भू-कानून को लेकर पहले से ही सख्त नियम हैं और प्रदेश सरकार की अनुमति के बिना कोई जमीन नहीं खरीदी जा सकती है.

दूसरा प्राइवेट बिल कांग्रेस विधायक हरीश धामी लाए थे. उन्होंने देवस्थानम बोर्ड को निरस्त करने की मांग की थी. जब इस बिल पर चर्चा हुआ तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सदन में पेश हुए. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सरकार प्रदेश के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व से जुड़े मंदिरों एवं धामों में किसी भी तरह से हासिल नहीं करना चाहती है.

पढ़ें- सदन में चल रही थी चर्चा, मोबाइल पर BJP विधायक थे व्यस्त, स्पीकर ने जब्त किया फोन

उन्होंने बताया कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर एक हाई पावर कमेठी का गठन किया गया है. कमेठी में इस विषय से जुड़े कई प्रख्यात लोगों को शामिल किया गया है और जल्द ही हाई पावर कमेटी की जो रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर निर्णय लिया जाएगा. हालांकि विपक्ष का यह कहना है कि देवस्थानम बोर्ड पर सदन के बाहर किसी भी तरह का निर्णय नहीं लिया जा सकता है और सरकार को देवस्थानम बोर्ड पर सदन के अंदर ही निर्णय लेना होगा. बता दें कि बीजेपी के 56 विधायक और कांग्रेस के 10 विधायक सत्र में हिस्सा ले रहे हैं.

ये बिल गिरे: बता दें कि विपक्ष के विधायक मनोज रावत ने सरकारी विधेयक उत्तराखंड उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 संशोधन विधेयक 2021 को सदन में लाया गया, जो कि संख्या बल होने के कारण अस्वीकृत किया गया. इसके अलावा विपक्ष के विधायक हरीश धामी द्वारा और सरकारी विधेयक उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन निरसन विधेयक 2021 पुनर्स्थापित किया गया और यह भी संख्या बल कम होने के कारण गिर गया.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में मानसून सत्र का तीसरा दिन विपक्ष के लिहाज से काफी बेहतर रहा है. कांग्रेस के विधायकों सरकार को प्रश्नकाल के दौरान घेरने में कामयाब रहे. हालांकि विपक्ष के सदस्यों की तरफ से लाए दो प्राइवेट बिल कांग्रेस सदन में पास नहीं करा पाई और वे गिर गए.

उत्तराखंड में पिछले काफी दिनों से सख्त भू-कानून बनाने की मांग की जा रही है. इसको लेकर सोशल मीडिया पर काफी बड़ा कैंपन भी चला था. वहीं विपक्ष भी लगातार से सख्त भू-कानून लाने की मांग कर रहा है. इसी को लेकर कांग्रेस विधायक सदन में मानसून सत्र के तीसरे दिन एक प्राइवेट बिल लाए थे, लेकिन संख्या बल कम होने के कारण बिल गिर गया और पास नहीं हो सका.

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हालांकि जब भू-कानून के प्राइवेट बिल चर्चा हुई तो संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत ने तर्क दिया कि प्रदेश में भू-कानून को लेकर पहले से ही सख्त नियम हैं और प्रदेश सरकार की अनुमति के बिना कोई जमीन नहीं खरीदी जा सकती है.

दूसरा प्राइवेट बिल कांग्रेस विधायक हरीश धामी लाए थे. उन्होंने देवस्थानम बोर्ड को निरस्त करने की मांग की थी. जब इस बिल पर चर्चा हुआ तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सदन में पेश हुए. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सरकार प्रदेश के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व से जुड़े मंदिरों एवं धामों में किसी भी तरह से हासिल नहीं करना चाहती है.

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उन्होंने बताया कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर एक हाई पावर कमेठी का गठन किया गया है. कमेठी में इस विषय से जुड़े कई प्रख्यात लोगों को शामिल किया गया है और जल्द ही हाई पावर कमेटी की जो रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर निर्णय लिया जाएगा. हालांकि विपक्ष का यह कहना है कि देवस्थानम बोर्ड पर सदन के बाहर किसी भी तरह का निर्णय नहीं लिया जा सकता है और सरकार को देवस्थानम बोर्ड पर सदन के अंदर ही निर्णय लेना होगा. बता दें कि बीजेपी के 56 विधायक और कांग्रेस के 10 विधायक सत्र में हिस्सा ले रहे हैं.

ये बिल गिरे: बता दें कि विपक्ष के विधायक मनोज रावत ने सरकारी विधेयक उत्तराखंड उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 संशोधन विधेयक 2021 को सदन में लाया गया, जो कि संख्या बल होने के कारण अस्वीकृत किया गया. इसके अलावा विपक्ष के विधायक हरीश धामी द्वारा और सरकारी विधेयक उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन निरसन विधेयक 2021 पुनर्स्थापित किया गया और यह भी संख्या बल कम होने के कारण गिर गया.

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