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निजी अस्पतालों की योजनाओं में नहीं चलेगी मनमानी, सूचीबद्धता के लिए ये माननी होंगी शर्तें

प्रदेश के निजी अस्पतालों को अब अपनी सभी स्पेशलिटी को आयुष्मान योजना के तहत सूचीबद्ध करवाना होगा. उत्तराखंड राज्य प्राधिकरण के संज्ञान में आया है कि प्रदेश में ऐसे कई बड़े निजी चिकित्सालय हैं जो वैसे तो कई बीमारियों के इलाज में स्पेशियलिटी रखते हैं. लेकिन अस्पतालों की तरफ से अपनी इच्छा के अनुसार स्पेशलिटी में ही योजनाओं के लिए खुद को सूचीबद्ध किया है.

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Published : Apr 5, 2022, 6:45 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में निजी अस्पतालों की इंश्योरेंस स्कीम को लेकर मनमर्जी अब ज्यादा समय तक नहीं चल पाएगी. राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की तरफ से अस्पतालों के स्पेशलिटी के मामले पर दिशा-निर्देश जारी हुए हैं. जिसमें अस्पतालों को अपनी सभी स्पेशलिटी को आयुष्मान योजना के तहत सूचीबद्ध करवाना होगा.

उत्तराखंड में वैसे तो 240 अस्पताल हैं, जो इस समय केंद्र के आयुष्मान भारत और राज्य की अटल आयुष्मान योजना के लिए सूचीबद्ध हैं. इसमें 106 सरकारी अस्पताल हैं तो वहीं 240 निजी अस्पताल हैं. जिन्हें विविध स्पेशलिटी के लिए सूचीबद्ध किया गया है. उत्तराखंड राज्य प्राधिकरण के संज्ञान में आया है कि प्रदेश में ऐसे कई बड़े निजी चिकित्सालय हैं जो वैसे तो कई बीमारियों के इलाज में स्पेशियलिटी रखते हैं. लेकिन अस्पतालों की तरफ से अपनी इच्छा के अनुसार स्पेशलिटी में ही योजनाओं के लिए खुद को सूचीबद्ध किया है.

पढ़ें-उत्तराखंड: हर गांव में होगा किशोरी मंगल दल का गठन, PRD जवान बनेंगे फायर वाचर

इन स्थितियों को देखते हुए राज्य प्राधिकरण की तरफ से बाकी स्पेशलिटी में भी जोड़ने के निर्देश दिए जा रहे हैं. ऐसा न करने पर निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध से बाहर किया जा सकता है. दूसरी तरफ प्रदेश में कोरोना के मामले कम होने के बाद राज्य प्राधिकरण की तरफ से बायोमेट्रिक को अनिवार्य कर दिया गया है. इसके तहत अब मरीजों को इलाज के दौरान बायोमेट्रिक लगानी होगी, ताकि मरीज की सही पहचान राज्य प्राधिकरण के पास पहुंच सके. उधर दूसरी तरफ निजी अस्पतालों में रेफर करने को लेकर भी व्यवस्थाओं को बहाल कर दिया गया है.

देहरादून: उत्तराखंड में निजी अस्पतालों की इंश्योरेंस स्कीम को लेकर मनमर्जी अब ज्यादा समय तक नहीं चल पाएगी. राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की तरफ से अस्पतालों के स्पेशलिटी के मामले पर दिशा-निर्देश जारी हुए हैं. जिसमें अस्पतालों को अपनी सभी स्पेशलिटी को आयुष्मान योजना के तहत सूचीबद्ध करवाना होगा.

उत्तराखंड में वैसे तो 240 अस्पताल हैं, जो इस समय केंद्र के आयुष्मान भारत और राज्य की अटल आयुष्मान योजना के लिए सूचीबद्ध हैं. इसमें 106 सरकारी अस्पताल हैं तो वहीं 240 निजी अस्पताल हैं. जिन्हें विविध स्पेशलिटी के लिए सूचीबद्ध किया गया है. उत्तराखंड राज्य प्राधिकरण के संज्ञान में आया है कि प्रदेश में ऐसे कई बड़े निजी चिकित्सालय हैं जो वैसे तो कई बीमारियों के इलाज में स्पेशियलिटी रखते हैं. लेकिन अस्पतालों की तरफ से अपनी इच्छा के अनुसार स्पेशलिटी में ही योजनाओं के लिए खुद को सूचीबद्ध किया है.

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इन स्थितियों को देखते हुए राज्य प्राधिकरण की तरफ से बाकी स्पेशलिटी में भी जोड़ने के निर्देश दिए जा रहे हैं. ऐसा न करने पर निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध से बाहर किया जा सकता है. दूसरी तरफ प्रदेश में कोरोना के मामले कम होने के बाद राज्य प्राधिकरण की तरफ से बायोमेट्रिक को अनिवार्य कर दिया गया है. इसके तहत अब मरीजों को इलाज के दौरान बायोमेट्रिक लगानी होगी, ताकि मरीज की सही पहचान राज्य प्राधिकरण के पास पहुंच सके. उधर दूसरी तरफ निजी अस्पतालों में रेफर करने को लेकर भी व्यवस्थाओं को बहाल कर दिया गया है.

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