ETV Bharat / state

भाजपा सरकार की 'झूठी योजना' पर विस. में लगा प्रश्न, ईटीवी भारत ने किया था खुलासा

उत्तराखंड में बीजेपी की 'झूठी योजना' को लेकर उठाई गई खबर के बाद आज नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा में इस संबंध में नियम 300 के तहत प्रश्न लगाया.

भाजपा सरकार की 'झूठी योजना' पर विस. में लगा प्रश्न
भाजपा सरकार की 'झूठी योजना' पर विस. में लगा प्रश्न
author img

By

Published : Aug 27, 2021, 10:20 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में भाजपा सरकार के दौरान शुरू हुई झूठी योजना का खुलासा कुछ दिन पहले ईटीवी भारत ने किया था. आज इसी मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने विधानसभा में नियम 300 के तहत यह प्रश्न लगाया. समय कम होने के कारण इस प्रश्न का जवाब सरकार लिखित रूप में देगी. जिस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रसारित किया, अब विपक्ष भी उसकी जांच की मांग कर रहा है.

प्रदेश में गैरसैंण से राज्य स्थापना दिवस पर शुरू हुई 662 न्याय पंचायतों को ऑनलाइन करने की योजना को सरकार पूरा नहीं कर पाई है. कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए पंचायतों द्वारा 2500 रुपये देकर पंचायतों को ऑनलाइन करने की योजना तो शुरू हुई लेकिन हकीकत में 8 महीने पहले ही इस योजना का संबंधित कंपनी से अनुबंध खत्म हो चुका था. यानी बिना आधार के ही त्रिवेंद्र सरकार के दौरान योजना को शुरू कर दिया गया.

भाजपा सरकार की 'झूठी योजना' पर विस. में लगा प्रश्न

पढ़ें-उत्तराखंड में शुरू हुई थी 'झूठी योजना', भाजपा सरकार का धोखा आया सामने

14वें वित्त आयोग के तहत जारी होने वाले बजट को 15 वित्त में रिन्यू कराया ही नहीं गया. बिना इसके ही सरकार ने योजना का शुभारंभ कर इसका प्रचार प्रसार भी कर दिया. इस योजना को लेकर ईटीवी भारत ने कुछ दिन पहले ही खुलासा किया था. जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने खुद इस मामले को विधानसभा में रखा.

पढ़ें- उत्तराखंड की जनता से हुआ भद्दा सरकारी मजाक, जिस कंपनी से खत्म हो गया था करार उसे काम देने का हुआ प्रचार

नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने विधानसभा में नियम 300 के तहत सवाल लगाया. नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने बताया कि आज कॉमन सर्विस सेंटर के युवा भटक रहे हैं कि उनके द्वारा किए गए कार्यों का पैसा उन्हें दिया जाए, लेकिन यह पैसा उन्हें नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में जिन भी अधिकारियों ने इस झूठी योजना को शुरू करने को लेकर काम किया है ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी ही चाहिए.

पढ़ें- 'जामताड़ा' के साइबर अपराधी समेत पुणे से दो अरेस्ट, लोगों को लगा चुके करोड़ों की चपत

बता दें नौ नवंबर, 2020 को उत्तराखंड की तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार में ग्राम पंचायतों को ऑनलाइन करने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए एक महत्वपूर्ण योजना का शुभारंभ किया गया था. बड़ी बात ये है कि जिस कंपनी के साथ अनुबंध के जरिए पंचायतों को ऑनलाइन करने की योजना का शुभारंभ किया गया, उसका अनुबंध आठ महीने पहले ही खत्म हो चुका था.

देहरादून: उत्तराखंड में भाजपा सरकार के दौरान शुरू हुई झूठी योजना का खुलासा कुछ दिन पहले ईटीवी भारत ने किया था. आज इसी मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने विधानसभा में नियम 300 के तहत यह प्रश्न लगाया. समय कम होने के कारण इस प्रश्न का जवाब सरकार लिखित रूप में देगी. जिस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रसारित किया, अब विपक्ष भी उसकी जांच की मांग कर रहा है.

प्रदेश में गैरसैंण से राज्य स्थापना दिवस पर शुरू हुई 662 न्याय पंचायतों को ऑनलाइन करने की योजना को सरकार पूरा नहीं कर पाई है. कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए पंचायतों द्वारा 2500 रुपये देकर पंचायतों को ऑनलाइन करने की योजना तो शुरू हुई लेकिन हकीकत में 8 महीने पहले ही इस योजना का संबंधित कंपनी से अनुबंध खत्म हो चुका था. यानी बिना आधार के ही त्रिवेंद्र सरकार के दौरान योजना को शुरू कर दिया गया.

भाजपा सरकार की 'झूठी योजना' पर विस. में लगा प्रश्न

पढ़ें-उत्तराखंड में शुरू हुई थी 'झूठी योजना', भाजपा सरकार का धोखा आया सामने

14वें वित्त आयोग के तहत जारी होने वाले बजट को 15 वित्त में रिन्यू कराया ही नहीं गया. बिना इसके ही सरकार ने योजना का शुभारंभ कर इसका प्रचार प्रसार भी कर दिया. इस योजना को लेकर ईटीवी भारत ने कुछ दिन पहले ही खुलासा किया था. जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने खुद इस मामले को विधानसभा में रखा.

पढ़ें- उत्तराखंड की जनता से हुआ भद्दा सरकारी मजाक, जिस कंपनी से खत्म हो गया था करार उसे काम देने का हुआ प्रचार

नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने विधानसभा में नियम 300 के तहत सवाल लगाया. नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने बताया कि आज कॉमन सर्विस सेंटर के युवा भटक रहे हैं कि उनके द्वारा किए गए कार्यों का पैसा उन्हें दिया जाए, लेकिन यह पैसा उन्हें नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में जिन भी अधिकारियों ने इस झूठी योजना को शुरू करने को लेकर काम किया है ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी ही चाहिए.

पढ़ें- 'जामताड़ा' के साइबर अपराधी समेत पुणे से दो अरेस्ट, लोगों को लगा चुके करोड़ों की चपत

बता दें नौ नवंबर, 2020 को उत्तराखंड की तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार में ग्राम पंचायतों को ऑनलाइन करने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए एक महत्वपूर्ण योजना का शुभारंभ किया गया था. बड़ी बात ये है कि जिस कंपनी के साथ अनुबंध के जरिए पंचायतों को ऑनलाइन करने की योजना का शुभारंभ किया गया, उसका अनुबंध आठ महीने पहले ही खत्म हो चुका था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.