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उत्तराखंड के जेलों में बंद कैदियों के लिए 23 साल बाद हुआ बदलाव, दूध-घी-अंडे के साथ मिल रहा मोटा अनाज, जानें नई डाइट

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 26, 2023, 6:58 PM IST

Updated : Dec 27, 2023, 3:01 PM IST

District Jail Dehradun
जिला जेल देहरादून

Coarse Grains to Prisoners in Uttarakhand उत्तराखंड के जेलों में कैदियों को अब मोटा अनाज परोसा जाएगा. इतना ही नहीं अब कैदियों की सब्जी में प्याज और टमाटर के साथ जीरा भी डाला जाएगा. लिहाजा, अब कैदियों के सेहत पर भी ध्यान दिया जा रहा है.

देहरादूनः उत्तराखंड की जेलों में अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही खाने पीने की व्यवस्था में अब जाकर बदलाव हुआ है. अब तक कैदियों को बिना प्याज, लहसुन और जीरे के तड़के के खाना पीना मिलता था, लेकिन अब उत्तराखंड सरकार ने सभी जेलों में खाने पीने के मेन्यू में बदलाव किया है. इसके बाद कैदियों के खाने-पीने में इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि उन्हें आवश्यक पोषण भी मिलता रहे.

बता दें कि, राज्य बनने के बाद से ही यहां उत्तर प्रदेश कारागार नियमावली का पालन हो रहा था. हालांकि, बीते 14 नवंबर से उत्तराखंड कारागार नियमावली 2023 लागू कर दी गई है. इसके बाद राज्य सरकार ने 10 जेलों के खाने-पीने के मेन्यू में आमूल चूल बदलाव करते हुए कैदियों की सब्जी में प्याज और टमाटर के साथ जीरे को भी शामिल किया कर दिया है.

अब तक कैदी ब्रिटिश काल से चली आ रही व्यवस्था के अनुसार ही खाना खाते थे, जिसमें सब्जियों में प्याज और टमाटर नहीं डाला जाता था. यही कारण है कि कई कैदी जेल के अंदर खाना भी ठीक से नहीं खा पाते थे. हालांकि, अब नए मेनुअल के हिसाब से टमाटर और प्याज 25 ग्राम, घी 5 ग्राम प्रति कैदी, जीरा तीन ग्राम और लहसुन 2 ग्राम प्रति कैदी किया गया है. खाने में मसालों को भी बढ़ाया गया है, जैसे- मिर्च, हल्दी, सब्जी मसालों को दो ग्राम कर दिया है. इसके साथ ही शुगर पेशेंट कैदियों को हफ्ते में दो अंडे भी दिए जा रहे हैं.

अब न केवल रोजाना के खान-पान में बल्कि हफ्ते के डाइट में भी बड़े बदलाव किए गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मोटे अनाज को बढ़ावा दिए जाने के बाद अब जेल के अंदर भी कैदियों को मोटे अनाज की व्यवस्था की गई है. हफ्ते में जो कैदी मीठे के रूप में हलवा खाते थे, अब उन्हें झंगोरे की खीर और ठंड के मौसम में गहत की दाल दी जाएगी. अगर रोटी की अगर बात करें तो मडुंए की रोटी भी कैदियों को परोसी जाएगी.
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वहीं, रोजाना कुछ मात्रा में देशी घी भी दिया जाएगा. जेल में कैदी खुद अपना खाना पीना बनाते हैं. सभी किचन का काम भी संभालते हैं. जेल में बंद इन कैदियों को दिन में दो बार चाय और बिस्कुट के साथ अन्य सामान भी दिया जाएगा. इसके साथ ही महीने में एक बार कड़ी चावल भी कैदी खा सकेंगे. लिहाजा, अब जेलों में बंद कैदियों के खाने में बदलाव लाकर इसे अमलीजामा पहनाया जा रहा है.

प्रेग्नेंट महिला कैदियों के लिए प्रतिदिन दूध उपलब्ध करवाया जा रहा है. वहीं, महिलाओं के साथ उनके चार से छह साल के बच्चों के लिए तीन वक्त 500 एमएल दूध दिया जा रहा है. प्रतिदिन गुड़ भी उपलब्ध करवाया जा रहा है.

क्या बोले जेलर पवन कोठारी? देहरादून जेलर पवन कोठारी कहते हैं कि जेल में वैसे तो पहले भी अच्छा खाना कैदी खाते हैं, लेकिन अब और बेहतर व्यवस्था के बाद मोटे अनाज भी कैदी खाएंगे. ऐसे में उनके स्वास्थ्य में और अच्छा बदलाव आएगा. पीएम मोदी के मोटे अनाज के प्रोत्साहन के बाद से ही राज्य में कई जगह पर मोटे अनाज को लेकर जागरूकता चल रही है. इसी कड़ी में जेलों के खाने में इसे शामिल किया गया है.

Last Updated :Dec 27, 2023, 3:01 PM IST
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