देहरादून: शिक्षक दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के जरिए 47 शिक्षकों को 'राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार' से सम्मानित किया है. 45 सामान्य, जबकि 2 स्पेशल कैटेगरी के शिक्षकों को यह पुरस्कार दिया गया है. राष्ट्रपति ने पुरस्कार के लिए चुने गए सभी शिक्षकों को भी बधाई दी.
इसी क्रम में देहरादून के कालसी स्थित एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की शिक्षिका सुधा पैन्यूली को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया. देहरादून कचहरी स्थित एनआईसी भवन में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
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एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय जोगला, कालसी, देहरादून की उप-प्रधानाचार्या सुधा पैन्यूली द्वारा अपने गुरूत्तर शैक्षिक कर्तव्यों का श्रेष्ठतापूर्वक निर्वहन करने पर उन्हें 'शिक्षक-दिवस' पर #NAT2020 से सम्मानित होने पर बधाई एवं शुभकामनाएं।#OurTeachersOurHeroes
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#TeachersFromIndia pic.twitter.com/KEByb7B6Vuएकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय जोगला, कालसी, देहरादून की उप-प्रधानाचार्या सुधा पैन्यूली द्वारा अपने गुरूत्तर शैक्षिक कर्तव्यों का श्रेष्ठतापूर्वक निर्वहन करने पर उन्हें 'शिक्षक-दिवस' पर #NAT2020 से सम्मानित होने पर बधाई एवं शुभकामनाएं।#OurTeachersOurHeroes
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देश भर में एकलव्य आदर्श स्कूलों में राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाली पहली अध्यापिका बनीं सुधा का जीवन अध्यापन कार्य में ही बीता है. सुधा सिर्फ शैक्षणिक कार्यों तक ही सीमित रहने पर विश्वास नहीं रखती. बल्कि, उन्होंने छात्रों के लिए कुछ ऐसे नए प्रयोग भी किए हैं. साथ ही आदिवासी छात्रों के शैक्षणिक विकास का एक अच्छा संतुलन बनाते हुए जनजातीय कार्य मंत्रालय के प्रयासों को सही दिशा में ले जाना उनकी बड़ी उपलब्धि रही है. सुधा पैन्यूली के कार्यों की सराहना करते हुए जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने भी कहा है कि ईएमआरएस के लिए एक विशेष उपलब्धि है.
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एनआईसी भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद जिलाधिकारी आवास पर शिक्षिका सुधा पैन्यूली को जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया. इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि सुधा पैन्यूली ने जनजातीय शिक्षा में नए आयाम स्थापित किए हैं और अन्य शिक्षकों के साथ ही हम सबके लिए वह एक प्रेरणा स्रोत है.
एकलव्य बर्थडे गार्डन
सुधा पैन्यूली को राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान नए इनोवेशन और एक्सपेरिमेंट के लिए दिया गया है. दरअसल, सुधा शिक्षण कार्य के अलावा भी स्कूल कैंपस में दूसरी गतिविधियों का भी पूरा ध्यान रखती हैं. इसी के तहत उनके द्वारा चलाया गया एकलव्य बर्थडे गार्डन कार्यक्रम को बेहद ज्यादा सराहा गया है. इसके जरिए बोर्डिंग में रहने वाले बच्चे अपने बर्थडे के दिन एक पेड़ लगाकर पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देते हैं.
सुधा द्वारा स्कूल में ही थिएटर एजुकेशन कार्यक्रम भी चलाया जाता है, जिसमें न केवल बच्चों को एक्टिंग या ड्रामा की जानकारी दी जाती है बल्कि, स्क्रिप्ट राइटिंग और दूसरी खूबियों को भी निखारा जाता है. सुधा पैन्यूली को राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान नए इनोवेशन और एक्सपेरिमेंट के लिए दिया गया है. सुधा शिक्षण कार्य के अलावा भी स्कूल कैंपस में दूसरी गतिविधियों पर पूरा ध्यान रखती हैं.