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रुड़की नगर निगम चुनावः निर्दलीय दे रहे टक्कर, कौशिक की साख दांव पर

रुड़की नगर निगम के लिए 22 नवंबर को मतदान होना है. चुनावी तैयारियों में जुटे राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.

नगर निगम के लिए 22 नवंबर को होगा मतदान.
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Published : Nov 20, 2019, 2:56 PM IST

Updated : Nov 20, 2019, 4:21 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के 8 नगर निगमों में एक रुड़की नगर निगम में इन दिनों चुनावी माहौल चरम पर है. रुड़की नगर निगम के लिए 22 नवंबर को मतदान होना है. 24 नवंबर को मतगणना की जानी है. ऐसे में चुनावी तैयारियों में जुटे राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है. खास बात यह है कि कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है.

कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के लिए यह चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 2018 में हरिद्वार नगर निगम चुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी थी. मदन कौशिक अपने गढ़ को भी बचाने में कामयाब नहीं हो पाए थे. ऐसे भी अब हरिद्वार जिले के दूसरे नगर निगम रुड़की में हो रहे चुनाव को लेकर मदन कौशिक की साख दांव पर लगी है. पार्टी ने कौशिक को इस चुनाव का प्रभारी भी बनाया है.

यह भी पढ़ें-ऋषिकेश: नगर निगम परिसर से यूनिपोल चोरी मामला, अबतक नहीं हुई कोई कार्रवाई

रुड़की नगर निगम का चुनावी इतिहास बताता है कि इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस के लिए जीत इतनी आसान नहीं होगी. दरअसल, इस सीट पर अब तक लगातार निर्दलीयों का कब्जा रहा है. गौरतलब है कि भाजपा ने मयंक गुप्ता को अपना प्रत्याशी बनाया है और कांग्रेस ने पूर्व मेयर के भाई रिशु राणा को टिकट दिया है, लेकिन चुनावी मैदान में डटे बागी और निर्दलीय प्रत्याशियों से इन्हें टक्कर मिल रही है.

अब तक के चुनावी परिणाम

  • साल 2003 से 2013 तक हुए तीन चुनावों में नगर पालिका चेयरमैन और मेयर पद पर बागियों और निर्दलीयों का कब्जा रहा है.
  • साल 2003 में कांग्रेस के बागी दिनेश कौशिक ने नगर पालिका चेयरमैन की सीट जीती थी.
  • 2008 में नगरपालिका के लिए हुए चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी और मौजूदा भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा ने जीत हासिल की.
  • रुड़की नगर निगम बनने के बाद 2008 में हुए चुनाव में रुड़की नगर निगम में भाजपा के बागी यशपाल राणा मेयर चुने गए थे.

देहरादून: उत्तराखंड के 8 नगर निगमों में एक रुड़की नगर निगम में इन दिनों चुनावी माहौल चरम पर है. रुड़की नगर निगम के लिए 22 नवंबर को मतदान होना है. 24 नवंबर को मतगणना की जानी है. ऐसे में चुनावी तैयारियों में जुटे राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है. खास बात यह है कि कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है.

कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के लिए यह चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 2018 में हरिद्वार नगर निगम चुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी थी. मदन कौशिक अपने गढ़ को भी बचाने में कामयाब नहीं हो पाए थे. ऐसे भी अब हरिद्वार जिले के दूसरे नगर निगम रुड़की में हो रहे चुनाव को लेकर मदन कौशिक की साख दांव पर लगी है. पार्टी ने कौशिक को इस चुनाव का प्रभारी भी बनाया है.

यह भी पढ़ें-ऋषिकेश: नगर निगम परिसर से यूनिपोल चोरी मामला, अबतक नहीं हुई कोई कार्रवाई

रुड़की नगर निगम का चुनावी इतिहास बताता है कि इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस के लिए जीत इतनी आसान नहीं होगी. दरअसल, इस सीट पर अब तक लगातार निर्दलीयों का कब्जा रहा है. गौरतलब है कि भाजपा ने मयंक गुप्ता को अपना प्रत्याशी बनाया है और कांग्रेस ने पूर्व मेयर के भाई रिशु राणा को टिकट दिया है, लेकिन चुनावी मैदान में डटे बागी और निर्दलीय प्रत्याशियों से इन्हें टक्कर मिल रही है.

अब तक के चुनावी परिणाम

  • साल 2003 से 2013 तक हुए तीन चुनावों में नगर पालिका चेयरमैन और मेयर पद पर बागियों और निर्दलीयों का कब्जा रहा है.
  • साल 2003 में कांग्रेस के बागी दिनेश कौशिक ने नगर पालिका चेयरमैन की सीट जीती थी.
  • 2008 में नगरपालिका के लिए हुए चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी और मौजूदा भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा ने जीत हासिल की.
  • रुड़की नगर निगम बनने के बाद 2008 में हुए चुनाव में रुड़की नगर निगम में भाजपा के बागी यशपाल राणा मेयर चुने गए थे.
Intro:Summary-रुड़की नगर निगम चुनाव यूं तो भाजपा और कांग्रेस के लिए कड़ी परीक्षा हैं..लेकिन कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के लिए भी ये चुनाव प्रतिष्ठा का है... खासतौर पर रुड़की के पिछले चुनावी रिकॉर्ड तो कुछ इसी ओर इशारा कर रहे हैं..देखिये ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट...





Body:उत्तराखंड के 8 नगर निगमों में एक रुड़की नगर निगम इन दिनों चुनावी शोर से गूंज रहा है.. रुड़की नगर निगम के लिए 22 नवंबर को मतदान होना है, जबकि 24 नवंबर को मतगणना की जानी है... ऐसे में चुनावी तैयारियों में जुटे राजनीतिक दलों ने इस पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है... खास बात यह है कि कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है...ऐसा इसलिये क्योंकि 2018 की हरिद्वार नगर निगम चुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी थी.. और मदन कौशिक अपने गढ़ को भी बचाने में कामयाब नहीं हो पाए थे.. ऐसे भी अब हरिद्वार जिले के दूसरे नगर निगम रुड़की में हो रहे चुनाव को लेकर मदन कौशिक की साख दांव पर लगी है।।  पार्टी ने संगठन के साथ सरकार के रूप में बदल कौशिक को इस चुनाव का प्रभारी बनाया है।।


बाइट खजान दास प्रदेश महामंत्री भाजपा


रुड़की नगर निगम का चुनावी इतिहास बताता है कि इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस के लिए जीत इतनी आसान नहीं होगी.. दरअसल इस सीट पर अब तक लगातार निर्दलीयों का कब्जा रहा है.. गौरतलब है कि भाजपा ने मयंक गुप्ता को अपना प्रत्याशी बनाया है और कांग्रेस ने पूर्व मेयर के भाई रिशु राणा को टिकट दिया है... लेकिन चुनावी मैदान में डटे बागी और निर्दलीय प्रत्याशियों से इन्हें मजबुत टक्कर दी जा रही है। 


रुड़की नगर निगम अब तक के चुनावी परिणामों पर भी गौर कीजिए


साल 2003 से 2013 तक हुए तीन चुनावों में नगर पालिका चेयरमैन और मेयर पद पर बागियों और निर्दलीयों का कब्जा रहा है।।। साल 2003 में कांग्रेस के बागी दिनेश कौशिक रे नगर पालिका चेयरमैन की सीट जीती थी.. इसके बाद 2008 में नगरपालिका के लिए हुए चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी और मौजूदा भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा ने जीत हासिल की.. इसके बाद रुड़की नगर निगम बनने के बाद 2008 में हुए चुनाव में रुड़की नगर निगम में भाजपा के बागी यशपाल राणा सीट पर मेयर चुने गए।।।


उत्तराखंड स्थापना के बाद रुड़की सीट पर बागी और निर्दलीयों का ही कब्जा रहा है...जिससे इस बार भी चुनाव के रोमांचक रहने की उम्मीद है.. सबसे खास बात यह है कि हरिद्वार जिले से सरकार में मंत्री मदन कौशिक के लिए यह सीट बेहद अहम है.. और हरिद्वार नगर निगम भारती के बाद रुड़की नगर निगम में जीत दर्ज करवा दे की बड़ी जिम्मेदारी उनके कंधों पर है.. हालांकि चुनाव से पहले ही कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक इससे पल्ला झाड़ते हुए सभी की सार्वजनिक जिम्मेदारी होने की बात कह रहे हैं।।


बाइट- मदन कौशिक कैबिनेट मंत्री उत्तराखंड




Conclusion:
Last Updated : Nov 20, 2019, 4:21 PM IST
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