देहरादून: उत्तराखंड के 8 नगर निगमों में एक रुड़की नगर निगम में इन दिनों चुनावी माहौल चरम पर है. रुड़की नगर निगम के लिए 22 नवंबर को मतदान होना है. 24 नवंबर को मतगणना की जानी है. ऐसे में चुनावी तैयारियों में जुटे राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है. खास बात यह है कि कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है.
कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के लिए यह चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 2018 में हरिद्वार नगर निगम चुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी थी. मदन कौशिक अपने गढ़ को भी बचाने में कामयाब नहीं हो पाए थे. ऐसे भी अब हरिद्वार जिले के दूसरे नगर निगम रुड़की में हो रहे चुनाव को लेकर मदन कौशिक की साख दांव पर लगी है. पार्टी ने कौशिक को इस चुनाव का प्रभारी भी बनाया है.
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रुड़की नगर निगम का चुनावी इतिहास बताता है कि इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस के लिए जीत इतनी आसान नहीं होगी. दरअसल, इस सीट पर अब तक लगातार निर्दलीयों का कब्जा रहा है. गौरतलब है कि भाजपा ने मयंक गुप्ता को अपना प्रत्याशी बनाया है और कांग्रेस ने पूर्व मेयर के भाई रिशु राणा को टिकट दिया है, लेकिन चुनावी मैदान में डटे बागी और निर्दलीय प्रत्याशियों से इन्हें टक्कर मिल रही है.
अब तक के चुनावी परिणाम
- साल 2003 से 2013 तक हुए तीन चुनावों में नगर पालिका चेयरमैन और मेयर पद पर बागियों और निर्दलीयों का कब्जा रहा है.
- साल 2003 में कांग्रेस के बागी दिनेश कौशिक ने नगर पालिका चेयरमैन की सीट जीती थी.
- 2008 में नगरपालिका के लिए हुए चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी और मौजूदा भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा ने जीत हासिल की.
- रुड़की नगर निगम बनने के बाद 2008 में हुए चुनाव में रुड़की नगर निगम में भाजपा के बागी यशपाल राणा मेयर चुने गए थे.