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NEP-2020 लागू करने के लिए तैयारियां तेज, जानिए खास बातें - उत्तराखंड में स्कूल

केंद्र सरकार की योजना के तहत साल 2022 तक देशभर के सभी शिक्षण संस्थानों में नई शिक्षा नीति से पठन-पाठन शुरू कर दिया जाएगा. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में स्कूल शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं. जानिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति की खास बातें.

National Education Policy
स्कूल
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Published : Apr 7, 2021, 6:52 AM IST

Updated : Apr 7, 2021, 7:43 AM IST

देहरादूनः केंद्रीय कैबिनेट की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दी जा चुकी है. इस नई शिक्षा नीति में स्कूल शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं. ऐसे में देश के साथ ही प्रदेश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए तैयारियां जोरों पर हैं.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की खास बातें.

शिक्षा विशेषज्ञ अंजना वाही बताती हैं कि नई शिक्षा नीति से भारत की शिक्षा नीति में निकट भविष्य में अलग ही सुधार देखने को मिलेगा. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि नई शिक्षा नीति में स्कूल पाठ्यक्रम के 10+2 के ढांचे को बदलकर 5+3+3+4 का नया पाठ्यक्रम तैयार किया गया है. इसके तहत कक्षा पांचवीं तक छात्र मातृभाषा या फिर लोकल भाषा में पढ़ाई कर सकेंगे, जिससे छात्र अपनी मातृभाषा को सही तरह से समझ सकेंगे.

ये भी पढ़ेंः कुमाऊं के 6 जिलों में अबतक 443 प्राइमरी स्कूल बंद, 1200 से अधिक पर जल्द लटकने वाला है ताला

क्या है 5+3+3+4 का नया पाठ्यक्रम?

  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के इस फॉर्मेट के तहत स्कूल के पहले 5 साल में प्री प्राइमरी स्कूल के 3 साल और कक्षा एक और कक्षा दो समेत फाउंडेशन स्टेज शामिल होंगे. फिर अगले 3 साल को कक्षा 3 से 5 की तैयारी के चरण में विभाजित किया गया है.
  • कक्षा 6 से कक्षा 8 तक 3 साल मध्य चरण के होंगे और माध्यमिक अवस्था के 4 वर्ष यानी कि कक्षा 9 से 12 तक निर्धारित किए गए हैं. इसके तहत स्कूल में छात्र-छात्राओं को कला वाणिज्य, विज्ञान का कोई कठोर पालन नहीं करना होगा. छात्र-छात्राओं के पास यह स्वतंत्रता होगी कि वह अपनी इच्छा अनुसार कभी भी कोई भी पाठ्यक्रम चुन सकते हैं.
  • इसके साथ ही नई शिक्षा नीति की एक और सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस नीति के तहत छात्रों को अब स्कूल लेवल पर ही व्यवसायिक शिक्षा भी दी जाएगी. जिससे किसी कारणवश यदि छात्र आगे की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाता है तो छात्र स्कूल में मिले व्यवसायिक ज्ञान के आधार पर अपना खुद का काम या किसी नौकरी की तलाश कर सकेगा.

मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा पैन्यूली के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक बेहतरीन शिक्षा नीति है. देश के साथ ही प्रदेश में भी एनसीईआरटी की ओर से इस शिक्षा नीति को प्रदेश के प्रत्येक शिक्षण संस्थाओं में लागू करने की तैयारियां की जा रही है. इसके तहत स्कूलों में सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं.

इसके साथ ही स्कूलों की सूरत भी संवारी जा रहा है, जिससे कि आने वाले समय में स्कूल छात्र-छात्राओं के लिए एक ऐसा स्थान बन जाए, जहां छात्र-छात्राएं अपनी इच्छा से ही खुशी-खुशी आना पसंद करें. नई शिक्षा नीति के माध्यम से छात्र-छात्राओं का चौतरफा विकास हो सकेगा. वहीं, देश के बच्चे विश्व स्तर पर देश का नाम रोशन करने में सफल हो सकेंगे.

ये भी पढ़ेंः देहरादून: माननीयों के आवास से चंद कदमों की दूरी पर स्थित स्कूल में लगा ताला, दावे हवा

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की कुछ अन्य खास बातें-

  • नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा पांचवीं तक मातृभाषा शिक्षा का एक माध्यम बन सकेगा.
  • नई शिक्षा नीति के अनुसार विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए आम प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी. यह परीक्षा एनडीए यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी आयोजित करेगा.
  • नई शिक्षा नीति के तहत सरकार ने साल 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% ग्रॉस एनरोलमेंट रेश्यो (जीईआर) के साथ माध्यमिक स्तर तक ग्रेजुएशन फॉर ऑल का लक्ष्य रखा है.
  • नई शिक्षा नीति के तहत सामाजिक और आर्थिक नजरिया से वंचित समूहों (SEDG) की शिक्षा पर विशेष जोर दिया जाएगा. जिससे देश की साक्षरता दर में इजाफा हो सके.

देहरादूनः केंद्रीय कैबिनेट की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दी जा चुकी है. इस नई शिक्षा नीति में स्कूल शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं. ऐसे में देश के साथ ही प्रदेश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए तैयारियां जोरों पर हैं.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की खास बातें.

शिक्षा विशेषज्ञ अंजना वाही बताती हैं कि नई शिक्षा नीति से भारत की शिक्षा नीति में निकट भविष्य में अलग ही सुधार देखने को मिलेगा. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि नई शिक्षा नीति में स्कूल पाठ्यक्रम के 10+2 के ढांचे को बदलकर 5+3+3+4 का नया पाठ्यक्रम तैयार किया गया है. इसके तहत कक्षा पांचवीं तक छात्र मातृभाषा या फिर लोकल भाषा में पढ़ाई कर सकेंगे, जिससे छात्र अपनी मातृभाषा को सही तरह से समझ सकेंगे.

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क्या है 5+3+3+4 का नया पाठ्यक्रम?

  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के इस फॉर्मेट के तहत स्कूल के पहले 5 साल में प्री प्राइमरी स्कूल के 3 साल और कक्षा एक और कक्षा दो समेत फाउंडेशन स्टेज शामिल होंगे. फिर अगले 3 साल को कक्षा 3 से 5 की तैयारी के चरण में विभाजित किया गया है.
  • कक्षा 6 से कक्षा 8 तक 3 साल मध्य चरण के होंगे और माध्यमिक अवस्था के 4 वर्ष यानी कि कक्षा 9 से 12 तक निर्धारित किए गए हैं. इसके तहत स्कूल में छात्र-छात्राओं को कला वाणिज्य, विज्ञान का कोई कठोर पालन नहीं करना होगा. छात्र-छात्राओं के पास यह स्वतंत्रता होगी कि वह अपनी इच्छा अनुसार कभी भी कोई भी पाठ्यक्रम चुन सकते हैं.
  • इसके साथ ही नई शिक्षा नीति की एक और सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस नीति के तहत छात्रों को अब स्कूल लेवल पर ही व्यवसायिक शिक्षा भी दी जाएगी. जिससे किसी कारणवश यदि छात्र आगे की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाता है तो छात्र स्कूल में मिले व्यवसायिक ज्ञान के आधार पर अपना खुद का काम या किसी नौकरी की तलाश कर सकेगा.

मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा पैन्यूली के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक बेहतरीन शिक्षा नीति है. देश के साथ ही प्रदेश में भी एनसीईआरटी की ओर से इस शिक्षा नीति को प्रदेश के प्रत्येक शिक्षण संस्थाओं में लागू करने की तैयारियां की जा रही है. इसके तहत स्कूलों में सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं.

इसके साथ ही स्कूलों की सूरत भी संवारी जा रहा है, जिससे कि आने वाले समय में स्कूल छात्र-छात्राओं के लिए एक ऐसा स्थान बन जाए, जहां छात्र-छात्राएं अपनी इच्छा से ही खुशी-खुशी आना पसंद करें. नई शिक्षा नीति के माध्यम से छात्र-छात्राओं का चौतरफा विकास हो सकेगा. वहीं, देश के बच्चे विश्व स्तर पर देश का नाम रोशन करने में सफल हो सकेंगे.

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की कुछ अन्य खास बातें-

  • नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा पांचवीं तक मातृभाषा शिक्षा का एक माध्यम बन सकेगा.
  • नई शिक्षा नीति के अनुसार विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए आम प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी. यह परीक्षा एनडीए यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी आयोजित करेगा.
  • नई शिक्षा नीति के तहत सरकार ने साल 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% ग्रॉस एनरोलमेंट रेश्यो (जीईआर) के साथ माध्यमिक स्तर तक ग्रेजुएशन फॉर ऑल का लक्ष्य रखा है.
  • नई शिक्षा नीति के तहत सामाजिक और आर्थिक नजरिया से वंचित समूहों (SEDG) की शिक्षा पर विशेष जोर दिया जाएगा. जिससे देश की साक्षरता दर में इजाफा हो सके.
Last Updated : Apr 7, 2021, 7:43 AM IST
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