देहरादूनः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगे (Namami Gange Project) को लेकर एक बड़ी समीक्षा बैठक होने जा रही है. यह बैठक 30 दिसंबर को पश्चिम बंगाल के कोलकाता (Review meeting of Namami Gange project in Kolkata) में होगी. उद्गम स्थल से लेकर एक बड़े क्षेत्र में गंगा उत्तराखंड से गुजरती है. लिहाजा उत्तराखंड से जुड़े विभिन्न विभाग भी गंगा की स्वच्छता से जुड़े इस प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक के लिए तैयारी में जुटे हुए हैं. यही नहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस संदर्भ में 28 दिसंबर को अधिकारियों से फीडबैक लेने जा रहे हैं.
उत्तराखंड समेत देश के कई राज्यों के लिए नमामि गंगे प्रोजेक्ट बेहद अहम है. इसमें उद्गम स्थल वाले उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्य शामिल हैं. इन पांच राज्यों में नमामि गंगे प्रोजेक्ट के जरिए गंगा को स्वच्छ करने के पिछले कई सालों से प्रयास चल रहे हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक 30 दिसंबर को करने जा रहे हैं. कोलकाता में होने जा रही है समीक्षा बैठक को लेकर उत्तराखंड भी अपनी तैयारियों में जुटा हुआ है. राज्य के विभिन्न विभाग नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत हुए कामों की रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं.
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जानकारी के मुताबिक, गोमुख से लेकर हरिद्वार तक उत्तराखंड में बहने वाली गंगा कुल 405 किलोमीटर की दूरी तय करती है. इसमें गंगा के किनारे करीब 15 शहर आते हैं. 2017 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट में फिलहाल 65 प्रोजेक्ट चल रहे हैं और इन्हीं की रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने रखी जाएगी. वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया वरिष्ठ वैज्ञानिक और नमामि गंगे प्रोजेक्ट को देख रहीं रुचि बडोला ने बताया कि 30 दिसंबर को कोलकाता में जो समीक्षा बैठक होने जा रही है, उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब तक हुए कार्यों की जानकारी तो लेंगे ही साथ ही कुछ नए सुझाव भी दिए जा सकते हैं. ताकि इस प्रोजेक्ट को और भी बेहतर तरीके से आगे बढ़ाया जा सके. उत्तराखंड से उदय राज डायरेक्टर नमामि गंगे प्रोजेक्ट के साथ साथ कई और अधिकारी भी समीक्षा बैठक में हिस्सा लेंगे.