देहरादूनः उत्तराखंड में भर्ती घोटाले इन दिनों चर्चाओं में है. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और विधानसभा भर्ती घोटाले के बाद एक बार फिर सहकारिता बैंक में नियुक्तियों (Cooperative Bank Recruitments) का जिन बाहर आ गया है. मामले में देहरादून और पिथौरागढ़ के सहकारिता बैंक नियुक्ति अनियमितता शासन के पास पहुंच चुकी है, जबकि उधमसिंह नगर की जांच रिपोर्ट इस हफ्ते तक शासन के पास पहुंच जाएगी.
उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों में नियुक्ति को लेकर हुए घोटाले इन दिनों देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. एक तरफ उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में पेपर लीक का सनसनीखेज खुलासा हुआ और इस मामले में अब तक 34 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. वहीं, विधानसभा भर्ती घोटाले को लेकर भी अब जांच शुरू हो चुकी. इसके अलावा सहकारिता विभाग में हुए घोटाले की जांच रिपोर्ट भी सरकार के मिलने वाली है.
सहकारिता सचिव बीआरसी पुरुषोत्तम (Cooperative Secretary BRC Purushottam) ने जानकारी देते हुए बताया कि सहकारिता बैंकों को लेकर 3 जिलों में नियुक्ति प्रक्रिया अपनाई गई थी. इसमें देहरादून और पिथौरागढ़ जिले में नियुक्ति में हुए अनियमितता को लेकर के जांच रिपोर्ट शासन के पास आ चुकी है. वहीं, इसके अलावा उधमसिंह नगर से जांच रिपोर्ट अभी आना बाकी है. उन्होंने बताया कि जांच अधिकारी ने आश्वस्त किया है कि इस सप्ताह उधमसिंह नगर की जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी जाएगी और इसके बाद शासन इस पर आगे की कार्रवाई करेगा.
क्या है सहकारी बैंक घोटाला: BJP की पिछली सरकार में भी सहकारिता विभाग धन सिंह रावत के पास था. आरोप है कि उनके उस कार्यकाल में सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की बंपर भर्ती हुई. इन भर्तियों में घोटाला हुआ है. फिलहाल, इस मामले में जांच अधिकारी जांच कर रहे हैं. 7 अप्रैल को जांच टीम उधमसिंह नगर में जिला सहकारी बैंक की जांच के लिए पहुंची थी. बड़ी बात यह रही कि जांच प्रक्रिया चलने के दौरान ही 4 जिलों में डिप्टी रजिस्ट्रार को स्थानांतरित कर दिया गया. यही नहीं कुछ बैंकों के जीएम को मुख्यालय में भी अटैच कर दिया गया. खास बात यह है कि देहरादून जिला सहकारी बैंक की वंदना श्रीवास्तव का तो सेवा विस्तार ही समाप्त कर उन्हें पद से हटा दिया गया.