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स्वच्छता रैंकिंग में स्थान पाने की कवायद तेज, दून नगर निगम ने बनाया एक्शन प्लान

नगर निगम एक बार फिर स्वच्छता की कसौटी पर खरा उतरने की जुगत में जुट गया है. जिसके लिए नगर निगम ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी है. दरअसल, हर साल देशभर में स्वच्छता सर्वेक्षण किया जाता है. इसी कड़ी में स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 शुरू हो चुका है. ऐसे में इस स्वच्छता रैंकिंग में स्थान पाने लिए नगर निगम ने अपनी कवायद तेज कर दी है.

नगर निगम ने बनाया प्लान
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Published : Oct 16, 2019, 7:37 PM IST

देहरादूनः नगर निगम एक बार फिर स्वच्छता की कसौटी पर खरा उतरने की जुगत में जुट गया है. जिसके लिए नगर निगम ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी है. दरअसल, हर साल देशभर में स्वच्छता सर्वेक्षण किया जाता है. इसी कड़ी में स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 शुरू हो चुका है. ऐसे में इस स्वच्छता रैंकिंग में स्थान पाने लिए नगर निगम ने अपनी कवायद तेज कर दी है.

नगर निगम ने बनाया प्लान.

बता दें कि, बीते तीन सालों से नगर निगम देहरादून की रैंकिंग स्वच्छता सर्वेक्षण में फिसड्डी साबित हुई है. ऐसे में इस साल स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर नगर निगम देहरादून के सामने चुनौती बनी हुई है. क्योंकि इस साल का सर्वे तिमाही के आधार पर होगा. सर्वे में खुले में शौच की समस्या से मुक्ति, कूड़ा निस्तारण, सार्वजनिक शौचालय के निर्माण के आधार पर शहरों को अंक दिए जाएंगे. इस साल के सर्वे में सबसे खास है कि शहरों को निरंतरता के आधार पर अंक दिए जाएंगे.

ये भी पढ़ेंःमसूरी में दर्दनाक सड़क हादसा, दो युवकों को डंपर ने कुचला

वहीं, इस बार शहरों को तभी बेहतर अंक मिलेंगे जब वे पूरे साल सफाई रखेंगे. क्योंकि इस बार त्रैमासिक यानि तीन-तीन महीने के स्वच्छता संबंधी किए गए कामों के डाटा के आधार पर अंक दिए जाएंगे. स्वच्छता गतिविधियां अप्रैल 2019 से शुरू होकर दिसंबर 2019 तक आयोजित की गई थी. सर्वे में इस बार कुल 4000 अंक रखे गये हैं.

वहीं, नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि स्वच्छता रैंकिंग में हम लोगों का प्रयास है कि देहरादून रैंकिंग में सुधार हो और हम लोग इसके लिए काफी प्रयासरत भी है. मुख्य रूप से जो हमारा डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन बेहतर हो. साथ कूड़े का निस्तारण व्यवस्थित तरीके से किया जाए.

देहरादूनः नगर निगम एक बार फिर स्वच्छता की कसौटी पर खरा उतरने की जुगत में जुट गया है. जिसके लिए नगर निगम ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी है. दरअसल, हर साल देशभर में स्वच्छता सर्वेक्षण किया जाता है. इसी कड़ी में स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 शुरू हो चुका है. ऐसे में इस स्वच्छता रैंकिंग में स्थान पाने लिए नगर निगम ने अपनी कवायद तेज कर दी है.

नगर निगम ने बनाया प्लान.

बता दें कि, बीते तीन सालों से नगर निगम देहरादून की रैंकिंग स्वच्छता सर्वेक्षण में फिसड्डी साबित हुई है. ऐसे में इस साल स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर नगर निगम देहरादून के सामने चुनौती बनी हुई है. क्योंकि इस साल का सर्वे तिमाही के आधार पर होगा. सर्वे में खुले में शौच की समस्या से मुक्ति, कूड़ा निस्तारण, सार्वजनिक शौचालय के निर्माण के आधार पर शहरों को अंक दिए जाएंगे. इस साल के सर्वे में सबसे खास है कि शहरों को निरंतरता के आधार पर अंक दिए जाएंगे.

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वहीं, इस बार शहरों को तभी बेहतर अंक मिलेंगे जब वे पूरे साल सफाई रखेंगे. क्योंकि इस बार त्रैमासिक यानि तीन-तीन महीने के स्वच्छता संबंधी किए गए कामों के डाटा के आधार पर अंक दिए जाएंगे. स्वच्छता गतिविधियां अप्रैल 2019 से शुरू होकर दिसंबर 2019 तक आयोजित की गई थी. सर्वे में इस बार कुल 4000 अंक रखे गये हैं.

वहीं, नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि स्वच्छता रैंकिंग में हम लोगों का प्रयास है कि देहरादून रैंकिंग में सुधार हो और हम लोग इसके लिए काफी प्रयासरत भी है. मुख्य रूप से जो हमारा डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन बेहतर हो. साथ कूड़े का निस्तारण व्यवस्थित तरीके से किया जाए.

Intro:देरादून नगर निगम एक बार फिर स्वच्छता की कसौटी पर खरा उतरने की जुगत में जुट गया है जिसके लिए नगर निगम ने तैयारियां शुरू कर दी है । दरअसल हर साल देशभर में स्वच्छता सर्वेक्षण किया जाता है इसी कडी मेे स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 शुरू हो चुका है । चूकि बीते तीन सालों से नगर निगम देहरादून की रैकिग स्वच्छता सर्वेक्षण में फिसडर साबित हुई है ऐसे में इस साल स्वच्छता सर्वेक्षण  2019 को लेकर एक बार फिर नगर निगम देहरादून के सामने चुनौती है । हालाकि नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे के मुताबिक इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर निगम बेहतर प्रर्दशन करेगा ।साथ ही उन्होने बताया कि शहर में डोर टू डोर कूडा उठान लगातार चल रहा है ।Body:इस साल का सर्वे तिमाही के आधार पर होगा। सर्वे में खुले में शौच की समस्या से मुक्ति, कूड़ा निस्तारण, सार्वजनिक शौचालय के निर्माण के आधार पर शहरों को अंक दिए जाएगे। इस साल के सर्वे में सबसे खास है कि शहरों को निरंतरता के आधार पर अंक दिए जाएंगे। इस बार शहरों को तभी बेहतर अंक मिलेंगे जब वे पूरे साल सफाई रखेंगे।क्योंकि इस बार त्रैमासिक यानि तीन-तीन महीने के स्वच्छता संबंधी किए गए कामों के डाटा के आधार पर अंक दिए जाएंगे। स्वच्छता गतिविधियां अप्रैल 2019 से शुरू होकर दिसंबर 2019 तक आयोजित की गई थी,सर्वे में इस बार कुल 4000 अंक रखे गये हैं।


Conclusion:नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि स्वच्छता रैकिंग में हम लोगो का प्रयास है कि देहरादून रैकिंग में सुधार हो और हम लोग इसके लिए काफी प्रयासरत भी है।मुख्य रूप से जो हमारा डोर टू डोर कलेक्शन बेहतर हो ओर जो कूड़ा शहर से शीशमबाड़ा जा रहा है उसका सही तरीके से व्यवस्था हो।साथ ही जो हमारे सार्वजनिक शौचालय को सही करवा रहे है और नई जगह पर भी शौचालय बनाने का काम शुरू हो गया है।इसके अतिरिक्त जनता भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।उसके लिए भी हम प्रयास कर रहे है।हम उम्मीद कर रहे है कि देहरादून की स्वच्छता रैकिंग में सुधार निश्चित रूप से होनी चाहिए।

बाइट-विनय शंकर पांडे(नगर आयुक्त)
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