ETV Bharat / state

चारधाम यात्रा पर आफत की बारिश! समय से पहले मानसून पहुंचने से बिगड़ेगा 'गणित' ?

author img

By

Published : May 18, 2022, 10:49 PM IST

Updated : May 19, 2022, 1:46 PM IST

इस बार उत्तराखंड में मानसून एक सप्ताह पहले दस्तक देने जा रहा है. ऐसे में इस बार अत्यधिक बारिश होने के पूरे आसार हैं. मौसम विभाग ने इसको लेकर अलर्ट जारी किया है. ऐसे में प्रदेश में होने वाली चारधाम यात्रा पर बारिश आफत बनकर टूट सकती है.

Monsoon knock in Uttarakhand ahead of time
चारधाम यात्रा में बढ़ेगी मुश्किलें

देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा के दौरान बारिश आफत बन सकती है. इस बार मानसून करीब 8 दिन पहले अपनी दस्तक देने जा रहा है. अमूमन जून में मानसून अपनी दस्तक देता है, लेकिन इस बार 27 मई से मानसून दस्तक देने जा रहा है. मौसम विभाग के मुताबिक इस बार अत्यधिक बारिश होने के आसार है.

लगातार मौसम और पर्यावरण में परिवर्तन होने के चलते इस बार उत्तराखंड में मई के महीने में बारिश अपने पुराने रिकॉर्ड से ज्यादा हुई है. वैसे तो मई और जून का महीना काफी गर्म होता है, लेकिन इस बार तापमान तो अधिक है, लेकिन गर्मी नहीं है. इसकी वजह मई महीने में बारिश का होना है. मौसम विभाग के मुताबिक इस बार मार्च और अप्रैल के महीने में बारिश नहीं होने से बहुत ज्यादा गर्मी हुई है, लेकिन मई के महीने में बारिश होने से गर्मी कम है.

चारधाम यात्रा पर आफत की बारिश!

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा चरम पर है. 31 मई तक चारों धामों में दर्शन करने के लिए रजिस्ट्रेशन बुक हो चुके हैं. यहां तक कि छोटे बड़े होटलों की बुकिंग भी एडवांस बुक हो चुकी है. पर्यटन विभाग के मुताबिक 14 लाख से ज्यादा लोगों ने अपना अभी तक पंजीकरण करा लिया है. 3 मई से शुरू हुई चारधाम में 6 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं.

ये भी पढ़ें: Chardham Yatra: साढ़े 6 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने टेका मत्था, यात्रा के दौरान 47 यात्रियों की मौत

चारों धामों में दर्शन के लिए यात्रा मार्गों पर लंबी कतारें और धामों में श्रद्धालुओं की भीड़ इस बात का सबूत है, लेकिन अब मानसून इन सब पर खलल डाल सकता है. क्योंकि इस बार मानसून मई के महीने में रिकॉर्ड बारिश आफत बनकर आ सकती है. देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह कहा मौसम की जानकारी लेने के बाद ही लोग चारधाम यात्रा पर जाएं.

पिछला रिकॉर्ड देखे तो मानसून सीजन में खासकर उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले में बारिश से काफी नुकसान होता रहा है. विक्रम सिंह ने कहा 3 महीने के प्रीडिक्शन की अगर बात करें तो जून, जुलाई और अगस्त में सबसे ज्यादा बारिश होती है. ऐसे में इस बार अत्यधिक बारिश होने के पूरे आसार बने हुए हैं.

सबसे बड़ी बात यह है कि उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली में बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम आते हैं. यहां पर देश-विदेश से काफी श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं. ऐसे में बारिश बड़ा संकट खड़ा कर सकती है. इसलिए बारिश का अलर्ट चारों धामों के लिए खास हो जाता है.

देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा के दौरान बारिश आफत बन सकती है. इस बार मानसून करीब 8 दिन पहले अपनी दस्तक देने जा रहा है. अमूमन जून में मानसून अपनी दस्तक देता है, लेकिन इस बार 27 मई से मानसून दस्तक देने जा रहा है. मौसम विभाग के मुताबिक इस बार अत्यधिक बारिश होने के आसार है.

लगातार मौसम और पर्यावरण में परिवर्तन होने के चलते इस बार उत्तराखंड में मई के महीने में बारिश अपने पुराने रिकॉर्ड से ज्यादा हुई है. वैसे तो मई और जून का महीना काफी गर्म होता है, लेकिन इस बार तापमान तो अधिक है, लेकिन गर्मी नहीं है. इसकी वजह मई महीने में बारिश का होना है. मौसम विभाग के मुताबिक इस बार मार्च और अप्रैल के महीने में बारिश नहीं होने से बहुत ज्यादा गर्मी हुई है, लेकिन मई के महीने में बारिश होने से गर्मी कम है.

चारधाम यात्रा पर आफत की बारिश!

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा चरम पर है. 31 मई तक चारों धामों में दर्शन करने के लिए रजिस्ट्रेशन बुक हो चुके हैं. यहां तक कि छोटे बड़े होटलों की बुकिंग भी एडवांस बुक हो चुकी है. पर्यटन विभाग के मुताबिक 14 लाख से ज्यादा लोगों ने अपना अभी तक पंजीकरण करा लिया है. 3 मई से शुरू हुई चारधाम में 6 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं.

ये भी पढ़ें: Chardham Yatra: साढ़े 6 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने टेका मत्था, यात्रा के दौरान 47 यात्रियों की मौत

चारों धामों में दर्शन के लिए यात्रा मार्गों पर लंबी कतारें और धामों में श्रद्धालुओं की भीड़ इस बात का सबूत है, लेकिन अब मानसून इन सब पर खलल डाल सकता है. क्योंकि इस बार मानसून मई के महीने में रिकॉर्ड बारिश आफत बनकर आ सकती है. देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह कहा मौसम की जानकारी लेने के बाद ही लोग चारधाम यात्रा पर जाएं.

पिछला रिकॉर्ड देखे तो मानसून सीजन में खासकर उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले में बारिश से काफी नुकसान होता रहा है. विक्रम सिंह ने कहा 3 महीने के प्रीडिक्शन की अगर बात करें तो जून, जुलाई और अगस्त में सबसे ज्यादा बारिश होती है. ऐसे में इस बार अत्यधिक बारिश होने के पूरे आसार बने हुए हैं.

सबसे बड़ी बात यह है कि उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली में बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम आते हैं. यहां पर देश-विदेश से काफी श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं. ऐसे में बारिश बड़ा संकट खड़ा कर सकती है. इसलिए बारिश का अलर्ट चारों धामों के लिए खास हो जाता है.

Last Updated : May 19, 2022, 1:46 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.