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देहरादून-हरिद्वार में गर्भवती को मिलेगी बर्थ वेटिंग होम की सुविधा, रुद्रप्रयाग में कार्डियक केयर सेंटर शुरू - Health Center Guptkashi

देहरादून में उत्तराखंड स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समिति की 34वीं कार्यकारिणी समिति की बैठक हुई. दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के ब्लड बैंक में करीब सभी ग्रुपों के रक्त का स्टॉक उपलब्ध है, जिससे गर्भवती माताओं थैलेसीमिया के मरीजों या किसी दुर्घटना में घायलों को कोई परेशानी ना उठानी पड़े. वहीं, रुद्रप्रयाग जिला चिकित्सालय में कार्डियक केयर यूनिट की स्थापना की गई है.

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Published : Dec 15, 2022, 12:20 PM IST

Updated : Dec 15, 2022, 12:33 PM IST

देहरादून/रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समिति की देहरादून में 34वीं कार्यकारिणी समिति की बैठक हुई. इस बैठक का आयोजन सचिवालय में सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक डॉ. आर राजेश कुमार की अध्यक्षता में किया गया. बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. बैठक में सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि हरिद्वार और देहरादून में महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत वर्किंग वुमन हॉस्टल, वन स्टॉप सेंटर्स एवं कार्यशील महिला छात्रावास का जन्म गृह केंद्रों (बर्थ वेटिंग होम- Birth Waiting Home) के रूप में उपयोग किया जाएगा, जिसमें गर्भवती महिलाओं के प्रसव पूर्व ठहरने व खान-पान की सुविधा होगी.

उन्होंने बताया कि एनएचएम उत्तराखंड के तहत संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में कार्यरत आयुष डॉक्टरों का मानदेय एलोपैथिक डॉक्टरों के समान कर दिया जाएगा. साथ ही जनवरी, 2023 से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी जन आरोग्य अभियान- एक कदम स्वस्थ जीवन की ओर में शामिल किया जाएगा. बैठक में डॉ. आर राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि देहरादून स्थित हर्रावाला में निर्माणाधीन 300 बेड के कैंसर केयर अस्पताल को पीपीपी मोड के माध्यम से संचालित किए जाने की सैद्धांतिक सहमति हुई है.

जिसके लिए चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की अधिप्राप्ति/पीपीपी सेल एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड, उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट अनुबंध प्रबंधन टीम के सहयोग से टेंडर डाक्यूमेंट तैयार कर विज्ञप्ति 15 जनवरी 2023 तक जारी की जाएगी. “You Quote We Pay” के आधार पर राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए आईपीएचएस मानकों के अनुसार विशेषज्ञ डाक्टरों की नियुक्ति राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखंड के तहत की जाएगी.

प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के ब्लड बैंक में करीब सभी ग्रुपों के रक्त का स्टॉक उपलब्ध है, जिसमें गर्भवती माताओं थैलेसीमिया के मरीजों या किसी दुर्घटना में घायलों को कोई दिक्कत ना हो. ब्लड बैंक की नोडल अधिकारी डॉ शशि उप्रेती ने बताया कि अस्पताल की ओर से लगातार ब्लड डोनेशन कैंप लगाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि ब्लड बैंक की ओर से लगातार यह कोशिश की जाती है कि निरंतर रक्तदान शिविर लगाये जाएं, ताकि जरूरतमंद मरीजों के लिए रक्त का अभाव ना हो सके.

डॉ शशि उप्रेती ने बताया कि अस्पताल के ब्लड बैंक में फिलहाल काफी स्टॉक उपलब्ध है. डॉ शशि उप्रेती के मुताबिक ब्लड बैंक में इस समय 108 यूनिट screened RBC ब्लड उपलब्ध है. इसके अलावा अस्पताल के ब्लड बैंक में करीब सभी ग्रुपों के ब्लड और प्लेटलेट्स स्टॉक में हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान में ब्लड की डिमांड पूरी करने के लिए समय-समय पर काउंसलर से यह कहा जाता है कि वॉलंटरी ऑर्गेनाइजेशन (Voluntary Organization) से समन्वय स्थापित करते हुए डोनेशन कैंप आयोजित कराए जाएं, ताकि मरीजों के लिए रक्त की कमी पूरी की जा सके.
ये भी पढ़ें- हरिद्वार में नीलगाय ने मंत्री के आश्रम में मचाया उत्पात, रेस्क्यू टीम को घंटों दौड़ाया

रुद्रप्रयाग जिला चिकित्सालय में कार्डियक केयर यूनिट की स्थापना: केदारनाथ, बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आने वाले यात्रियों के अलावा चमोली एवं रुद्रप्रयाग जनपद के मरीजों के लिये अच्छी खबर है. अब हार्ट के मरीजों को रुद्रप्रयाग जिला चिकित्सालय में ही प्रारंभिक उपचार मिल जायेगा. यहां पर कार्डियक केयर यूनिट की स्थापना की गई है. फिलहाल यहां पर पांच बेड लगाये गये हैं और एक चिकित्सक को तैनात किया गया है. इससे पहले यहां पर कार्डियक केयर यूनिट न होने के कारण हार्ट के मरीजों को सीधे ऋषिकेश या फिर देहरादून रेफर किया जाता था. साथ ही यात्रा सीजन के दौरान कई यात्रियों की मौत हार्ट अटैक से हो जाती है.

रुद्रप्रयाग के विधायक भरत सिंह चौधरी का कहना है कि जनता लंबे समय से कार्डियक केयर यूनिट की स्थापना की मांग कर रही थी. अब मरीजों के हार्ट की जांच यहीं पर हो पाएगी. उन्होंने कहा कि फिजिशियन डॉ संजय तिवारी को तीन महीने का प्रशिक्षण दिया गया है. साथ ही दो अन्य चिकित्सकों भी प्रशिक्षित किया गया है. जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि यहां पर मरीजों को अब अच्छी सुविधाएं मिलेंगी. इस यूनिट में आवश्यक उपकरणों के साथ चिकित्सकों को तैनात किया गया है.

स्वास्थ्य केंद्र गुप्तकाशी के उच्चीकरण की मांग: रुद्रप्रयाग जनपद में केदारघाटी के स्थित स्वास्थ्य केंद्र गुप्तकाशी का उच्चीकरण न होने से स्थानीय लोगों में खासी नाराजगी है. स्वास्थ्य केन्द्र में सुविधाएं नहीं होने से स्थानीय लोगों के साथ केदारनाथ यात्रा पर पहुंचने वाले यात्रियों को स्वास्थ्य सुविधा का बेहतर लाभ नहीं मिल पा रहा है. स्थानीय लोगों ने सरकार से केन्द्र की उच्चीकरण की मांग की है.

दरअसल, गुप्तकाशी क्षेत्र केदारघाटी के साथ ही केदारनाथ यात्रा का अहम पड़ाव है. यहां रोजमर्रा के कार्य के लिए केदारघाटी के विभिन्न गांवों से लोग पहुंचते हैं लेकिन गुप्तकाशी में अस्पताल की दयनीय स्थिति होने से स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य सुविधा का बेहतर लाभ नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की ओर से केंद्र में डॉक्टर तो उपलब्ध हैं लेकिन जरूरी दवाइयां एवं ब्लड सैंपल, एक्स-रे मशीन, अल्ट्रासाउंड समेत कई प्रकार की जांचों के लिए मरीजों को जिला चिकित्सालय के साथ बेस चिकित्सालय श्रीनगर की दौड़ लगानी पड़ती है.

साल 2013 जून माह में आई केदारनाथ आपदा के बाद तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने गुप्तकाशी अस्पताल का उच्चीकरण करने की घोषणा की थी. लेकिन अभी तक वह धरातल पर नहीं उतर सकी है. जिससे क्षेत्र के लगभग चालीस हजार से अधिक आबादी को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मोहताज होना पड़ रहा है. जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि गुप्तकाशी स्वास्थ्य केन्द्र में आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. उन्होंने कहा कि जल्द ही स्थानीय जनता को स्वास्थ्य केन्द्र की स्थिति में काफी सुधार देखने को मिलेंगे.

देहरादून/रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समिति की देहरादून में 34वीं कार्यकारिणी समिति की बैठक हुई. इस बैठक का आयोजन सचिवालय में सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक डॉ. आर राजेश कुमार की अध्यक्षता में किया गया. बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. बैठक में सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि हरिद्वार और देहरादून में महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत वर्किंग वुमन हॉस्टल, वन स्टॉप सेंटर्स एवं कार्यशील महिला छात्रावास का जन्म गृह केंद्रों (बर्थ वेटिंग होम- Birth Waiting Home) के रूप में उपयोग किया जाएगा, जिसमें गर्भवती महिलाओं के प्रसव पूर्व ठहरने व खान-पान की सुविधा होगी.

उन्होंने बताया कि एनएचएम उत्तराखंड के तहत संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में कार्यरत आयुष डॉक्टरों का मानदेय एलोपैथिक डॉक्टरों के समान कर दिया जाएगा. साथ ही जनवरी, 2023 से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी जन आरोग्य अभियान- एक कदम स्वस्थ जीवन की ओर में शामिल किया जाएगा. बैठक में डॉ. आर राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि देहरादून स्थित हर्रावाला में निर्माणाधीन 300 बेड के कैंसर केयर अस्पताल को पीपीपी मोड के माध्यम से संचालित किए जाने की सैद्धांतिक सहमति हुई है.

जिसके लिए चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की अधिप्राप्ति/पीपीपी सेल एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड, उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट अनुबंध प्रबंधन टीम के सहयोग से टेंडर डाक्यूमेंट तैयार कर विज्ञप्ति 15 जनवरी 2023 तक जारी की जाएगी. “You Quote We Pay” के आधार पर राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए आईपीएचएस मानकों के अनुसार विशेषज्ञ डाक्टरों की नियुक्ति राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखंड के तहत की जाएगी.

प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के ब्लड बैंक में करीब सभी ग्रुपों के रक्त का स्टॉक उपलब्ध है, जिसमें गर्भवती माताओं थैलेसीमिया के मरीजों या किसी दुर्घटना में घायलों को कोई दिक्कत ना हो. ब्लड बैंक की नोडल अधिकारी डॉ शशि उप्रेती ने बताया कि अस्पताल की ओर से लगातार ब्लड डोनेशन कैंप लगाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि ब्लड बैंक की ओर से लगातार यह कोशिश की जाती है कि निरंतर रक्तदान शिविर लगाये जाएं, ताकि जरूरतमंद मरीजों के लिए रक्त का अभाव ना हो सके.

डॉ शशि उप्रेती ने बताया कि अस्पताल के ब्लड बैंक में फिलहाल काफी स्टॉक उपलब्ध है. डॉ शशि उप्रेती के मुताबिक ब्लड बैंक में इस समय 108 यूनिट screened RBC ब्लड उपलब्ध है. इसके अलावा अस्पताल के ब्लड बैंक में करीब सभी ग्रुपों के ब्लड और प्लेटलेट्स स्टॉक में हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान में ब्लड की डिमांड पूरी करने के लिए समय-समय पर काउंसलर से यह कहा जाता है कि वॉलंटरी ऑर्गेनाइजेशन (Voluntary Organization) से समन्वय स्थापित करते हुए डोनेशन कैंप आयोजित कराए जाएं, ताकि मरीजों के लिए रक्त की कमी पूरी की जा सके.
ये भी पढ़ें- हरिद्वार में नीलगाय ने मंत्री के आश्रम में मचाया उत्पात, रेस्क्यू टीम को घंटों दौड़ाया

रुद्रप्रयाग जिला चिकित्सालय में कार्डियक केयर यूनिट की स्थापना: केदारनाथ, बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आने वाले यात्रियों के अलावा चमोली एवं रुद्रप्रयाग जनपद के मरीजों के लिये अच्छी खबर है. अब हार्ट के मरीजों को रुद्रप्रयाग जिला चिकित्सालय में ही प्रारंभिक उपचार मिल जायेगा. यहां पर कार्डियक केयर यूनिट की स्थापना की गई है. फिलहाल यहां पर पांच बेड लगाये गये हैं और एक चिकित्सक को तैनात किया गया है. इससे पहले यहां पर कार्डियक केयर यूनिट न होने के कारण हार्ट के मरीजों को सीधे ऋषिकेश या फिर देहरादून रेफर किया जाता था. साथ ही यात्रा सीजन के दौरान कई यात्रियों की मौत हार्ट अटैक से हो जाती है.

रुद्रप्रयाग के विधायक भरत सिंह चौधरी का कहना है कि जनता लंबे समय से कार्डियक केयर यूनिट की स्थापना की मांग कर रही थी. अब मरीजों के हार्ट की जांच यहीं पर हो पाएगी. उन्होंने कहा कि फिजिशियन डॉ संजय तिवारी को तीन महीने का प्रशिक्षण दिया गया है. साथ ही दो अन्य चिकित्सकों भी प्रशिक्षित किया गया है. जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि यहां पर मरीजों को अब अच्छी सुविधाएं मिलेंगी. इस यूनिट में आवश्यक उपकरणों के साथ चिकित्सकों को तैनात किया गया है.

स्वास्थ्य केंद्र गुप्तकाशी के उच्चीकरण की मांग: रुद्रप्रयाग जनपद में केदारघाटी के स्थित स्वास्थ्य केंद्र गुप्तकाशी का उच्चीकरण न होने से स्थानीय लोगों में खासी नाराजगी है. स्वास्थ्य केन्द्र में सुविधाएं नहीं होने से स्थानीय लोगों के साथ केदारनाथ यात्रा पर पहुंचने वाले यात्रियों को स्वास्थ्य सुविधा का बेहतर लाभ नहीं मिल पा रहा है. स्थानीय लोगों ने सरकार से केन्द्र की उच्चीकरण की मांग की है.

दरअसल, गुप्तकाशी क्षेत्र केदारघाटी के साथ ही केदारनाथ यात्रा का अहम पड़ाव है. यहां रोजमर्रा के कार्य के लिए केदारघाटी के विभिन्न गांवों से लोग पहुंचते हैं लेकिन गुप्तकाशी में अस्पताल की दयनीय स्थिति होने से स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य सुविधा का बेहतर लाभ नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की ओर से केंद्र में डॉक्टर तो उपलब्ध हैं लेकिन जरूरी दवाइयां एवं ब्लड सैंपल, एक्स-रे मशीन, अल्ट्रासाउंड समेत कई प्रकार की जांचों के लिए मरीजों को जिला चिकित्सालय के साथ बेस चिकित्सालय श्रीनगर की दौड़ लगानी पड़ती है.

साल 2013 जून माह में आई केदारनाथ आपदा के बाद तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने गुप्तकाशी अस्पताल का उच्चीकरण करने की घोषणा की थी. लेकिन अभी तक वह धरातल पर नहीं उतर सकी है. जिससे क्षेत्र के लगभग चालीस हजार से अधिक आबादी को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मोहताज होना पड़ रहा है. जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि गुप्तकाशी स्वास्थ्य केन्द्र में आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. उन्होंने कहा कि जल्द ही स्थानीय जनता को स्वास्थ्य केन्द्र की स्थिति में काफी सुधार देखने को मिलेंगे.

Last Updated : Dec 15, 2022, 12:33 PM IST
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