देहरादून: त्रिवेंद्र सरकार भले ही राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का दावा करती हो लेकिन प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के हालात बद से बदतर है, जिसकी बानगी सरकारी अस्पताल गांधी नेत्र चिकित्सालय में देखने को मिल रही है. चमोली के एक शख्स ने आरोप लगाया है कि उनकी गर्भवती पत्नी अस्पताल में भर्ती है लेकिन उसे यहां इलाज नहीं मिल रहा है.
दरअसल, बीते रोज चमोली जिले के गोपेश्वर के रहने वाली एक गर्भवती महिला को जब गोपेश्वर से लेकर श्रीनगर तक इलाज नहीं मिला, तो डाक्टरों ने उसे देहरादून के लिए रेफर कर दिया, लेकिन मरीज के परिजनों को देहरादून के लिए 108 आपतकालीन एम्बुलेंस तक नहीं मिली. ऐसे में जैसे-तैसे पीड़िता का पति उसे लेकर देहरादून पहुंचा.
लेकिन आलम है कि राजधानी देहरादून के जिला अस्पताल पंहुची गर्भवती महिला को यहां भी इलाज नहीं मिल रहा है, पीड़ित पति नरेंद्र नेगी का कहना है कि बीती रात उन्होंने अपनी पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन अस्पताल में कोई भी डॉक्टर देखने नहीं आया. साथ ही अब तक उसे कोई रिपोर्ट भीं नहीं दी गई है.
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वहीं, आपतकालीन 108 सेवा न मिलने को लेकर प्रभारी अनील शर्मा भी 108 को बचाते हुए नजर आए. अनील शर्मा का कहना है कि दूसरी एम्बुलेंस किसी अन्य मरीज को लेने गई थी, जिससे कि समय पर एम्बुलेंस नहीं मिल पाई, उन्होंने पूरे मामले पर जांच का हवाला दिया है.