देहरादून: उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल किसी से छिपा नहीं है. बीते 19 सालों में उत्तराखंड में कई सरकारें बदल गई, लेकिन नहीं बदली तो स्वास्थ्य सेवाओं की बदइंतजामी. राजधानी देहरादून में इसी बदइंतजामी का शिकार एक गर्भवती महिला हुई है.
दरअसल, बीती तीन जून को एक गर्भवती महिला इलाज के लिए दून हॉस्पिटल पहुंची थी, लेकिन हॉस्पिटल ने उसे भर्ती करने के बचाए, अभी डिलवरी में समय होने की बात कह घर भेज दिया. इसी बीच महिला कोरोनेशन और गांधी हॉस्पिटल भी गई थी. लेकिन वहां भी उसे भर्ती नहीं किया गया. आखिर में परिजन महिला को घर लेकर आ गए, जहां 9 जून को महिला ने दो बच्चों मरे हुए बच्चों की जन्म दिया. बच्चों की जन्म देने के बाद महिला की भी मौत हो गई.
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महिला की मौत के बाद जब मामला सुर्खियों में आया उसके बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी हरकत में आ गए. अब इस मामले में देहरादून जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं. हालांकि देहरादून सीएमओ डॉ. बीसी रमोला ने भी इस मामले की जांच के लिए अलग से तीन सदस्य टीम का गठन किया है.
सीएमओ रमोला ने कहा कि इस तरीके की घटनाएं नहीं घटनी चाहिए. इस मामले में एक जांच टीम गठित की गई है, जो 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी. रिपोर्ट में कोई भी अधिकारी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.