देहरादून: उत्तराखंड में मौसम के मिजाज बदलने लगे हैं. रविवार को मैदानी इलाकों में बारिश होने की वजह से लोगों को आसमान से बरस रही 'आग' से थोड़ी राहत मिली. लेकिन, पहाड़ी इलाकों में मौसम बदलने से काफी नुकसान हुआ. अतिवृष्टि के चलते चमोली, अल्मोड़ा, बागेश्वर सहित कई इलाकों में बादल फटने की घटनाएं सामने आईं हैं.
मानसून के आने से पहले ही मौसम ने उत्तराखंडवासियों को डरा दिया है. सोमवार को पहाड़ी इलाके में बज्रपात से एक महिला और करीब 88 जानवरों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि एक पुरुष भी फिलहाल लापता है. आपदा प्रबंधन विभाग ने अगर वक्त रहते मानसून से निपटने और इससे होने वाले नुकसान से बचने की तैयारी नहीं की तो उत्तराखंड में मौसम दोबारा से तांडव मचा सकता है.
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पहली घटना
उत्तराखंड सचिवालय में मौजूद सेंट्रल कन्ट्रोल रूम से प्राप्त जानकारी के मुताबिक रविवार दिन में 3:30 पर चमोली के गैरसैंण इलाके के लामबगड़ क्षेत्र में बादल फटा. बज्रपात से एक व्यक्ति की मौत की खबर है, जिसकी अभी शिनाख्त नहीं हो पाई है. इस दौरान ग्रामीणों की फसल को काफी नुकसान पहुंचा और कई संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
दूसरी घटना
अल्मोड़ा के चौखुटिया तहसील का खेड़ा गांव में करीब 4.30 बजे के बीच भारी बारिश और बादल फटने की वजह से एक व्यक्ति लापता हो गया है. इसके अलावा कुछ मवेशियों, गौशाला और भवन को नुकसान हुआ है. बताया जा रहा है कि पशुओं में 3 बैल, 1 भैंस और 1 गाय की मौत हो गई है.
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तीसरी घटना
आपदा कंट्रोल रूम के मुताबिक तीसरी घटना की सूचना बागेश्वर जिले से आई है. यहां भी बज्रपात की वजह से 88 भेड़ों की मौत हो गई है.