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अनुबंध बढ़ाने की मांग को लेकर PRD कर्मियों का धरना, जमकर नारेबाजी

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Published : Feb 26, 2021, 4:21 PM IST

नई ओपीडी भवन के सामने अपनी मांगों को लेकर धरने पर डटे हुए आउटसोर्सिंग कर्मचारियों से मिलने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह भी पहुंचे. प्रीतम ने उनकी मांगों को जायज ठहराया.

पीआरडी कर्मियों का धरना
पीआरडी कर्मियों का धरना

देहरादून: कोविड संक्रमण काल में आउटसोर्सिंग एजेंसी पीआरडी और उपनल के माध्यम से रखे गए स्वास्थ्य कर्मियों ने नए ओपीडी भवन के सामने धरना देते हुए जमकर नारेबाजी की और अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. इन स्वास्थ्य कर्मियों ने पहले पुराने परिसर में धरना दे रखा था. लेकिन शोरगुल और नारेबाजी के कारण मरीजों को हो रही परेशानी के चलते अस्पताल प्रबंधन ने पीआरडी कर्मियों को पुराना परिसर खाली करने के निर्देश दिए थे.

नाराज कर्मचारियों का कहना है कि जबतक उनको पुनः बहाल नहीं किया जाता है तबतक वे वहीं धरने पर डटे रहेंगे. पीआरडी कर्मचारी नीमा देवराड़ी का कहना है कि एक तरफ तो सरकार जान जोखिम में डालकर अपनी सेवाएं दे रहे कर्मियों को कोरोना योद्धाओं का दर्जा देती है. वहीं उन्हीं कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है.

पढ़ें- 'कालागढ़ वन मार्ग पर सुप्रीम रोक के लिए त्रिवेंद्र सरकार जिम्मेदार': पूर्व स्वास्थ्य मंत्री

इधर, नए ओपीडी भवन के सामने अपनी मांगों को लेकर धरने पर डटे हुए आउटसोर्सिंग कर्मचारियों से मिलने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह भी पहुंचे और उनकी मांगों को जायज ठहराया. इस दौरान प्रीतम सिंह ने पीआरडी और उपनल कर्मचारियों को इस मुद्दे को लेकर सदन में उठाने की प्रतिबद्धता जताई. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में अपनी जान की परवाह किए बगैर पीआरडी और उपनल कर्मियों ने अपनी सेवाएं दी हैं. इसकी जितनी भी सराहना की जाए उतनी कम है. इस संदर्भ में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने मुख्य सचिव से भी बात की है.

बता दें कि कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार पर रहने से अस्पताल की व्यवस्थाएं भी गड़बड़ा रही हैं. इसका असर ओपीडी मरीजों के साथ ही भर्ती मरीजों को भी झेलना पड़ रहा है. दरअसल, दून अस्पताल प्रबंधन ने कोविड काल में आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से इन कर्मियों की सेवाएं ली. अनुबंध पूरा होने के बाद इन कर्मियों को अस्पताल प्रबंधन की ओर से सेवा समाप्ति के नोटिस जारी कर दिए गए हैं. इससे नाराज पीआरडी के माध्यम से लगे वार्ड बॉय, स्टाफ नर्स, लैब टेक्नीशियन अनुबंध बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं.

देहरादून: कोविड संक्रमण काल में आउटसोर्सिंग एजेंसी पीआरडी और उपनल के माध्यम से रखे गए स्वास्थ्य कर्मियों ने नए ओपीडी भवन के सामने धरना देते हुए जमकर नारेबाजी की और अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. इन स्वास्थ्य कर्मियों ने पहले पुराने परिसर में धरना दे रखा था. लेकिन शोरगुल और नारेबाजी के कारण मरीजों को हो रही परेशानी के चलते अस्पताल प्रबंधन ने पीआरडी कर्मियों को पुराना परिसर खाली करने के निर्देश दिए थे.

नाराज कर्मचारियों का कहना है कि जबतक उनको पुनः बहाल नहीं किया जाता है तबतक वे वहीं धरने पर डटे रहेंगे. पीआरडी कर्मचारी नीमा देवराड़ी का कहना है कि एक तरफ तो सरकार जान जोखिम में डालकर अपनी सेवाएं दे रहे कर्मियों को कोरोना योद्धाओं का दर्जा देती है. वहीं उन्हीं कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है.

पढ़ें- 'कालागढ़ वन मार्ग पर सुप्रीम रोक के लिए त्रिवेंद्र सरकार जिम्मेदार': पूर्व स्वास्थ्य मंत्री

इधर, नए ओपीडी भवन के सामने अपनी मांगों को लेकर धरने पर डटे हुए आउटसोर्सिंग कर्मचारियों से मिलने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह भी पहुंचे और उनकी मांगों को जायज ठहराया. इस दौरान प्रीतम सिंह ने पीआरडी और उपनल कर्मचारियों को इस मुद्दे को लेकर सदन में उठाने की प्रतिबद्धता जताई. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में अपनी जान की परवाह किए बगैर पीआरडी और उपनल कर्मियों ने अपनी सेवाएं दी हैं. इसकी जितनी भी सराहना की जाए उतनी कम है. इस संदर्भ में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने मुख्य सचिव से भी बात की है.

बता दें कि कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार पर रहने से अस्पताल की व्यवस्थाएं भी गड़बड़ा रही हैं. इसका असर ओपीडी मरीजों के साथ ही भर्ती मरीजों को भी झेलना पड़ रहा है. दरअसल, दून अस्पताल प्रबंधन ने कोविड काल में आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से इन कर्मियों की सेवाएं ली. अनुबंध पूरा होने के बाद इन कर्मियों को अस्पताल प्रबंधन की ओर से सेवा समाप्ति के नोटिस जारी कर दिए गए हैं. इससे नाराज पीआरडी के माध्यम से लगे वार्ड बॉय, स्टाफ नर्स, लैब टेक्नीशियन अनुबंध बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं.

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