देहरादून: कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार देश में बढ़ता ही जा रहा है. कोरोना के संक्रमण के साये में मुसलमानों का पवित्र रमजान 25 अप्रैल से शुरू हो रहा है. कोरोना संक्रमण के चलते भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में मस्जिदें पूरी तरह से बंद हैं. मुसलमानों का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल मक्का और मदीना तक बंद है.
रमजान से पहले उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय द्वारा सभी 13 जनपदों के पुलिस अधिकारियों के लिए सख्त गाइडलाइन जारी की गई है. रमजान के दौरान किसी भी तरह से सामूहिक नमाज पढ़ने पर पूरी पाबंदी रहेगी. इसके साथ ही मस्जिदों एवं अन्य स्थानों से माइक अनाउंसमेंट पर भी रोक रहेगी.
राज्य भर के सभी पुलिस अधिकारियों को धर्मगुरुओं से बातचीत कर सौहार्द स्थापित करने के आदेश जारी किए गए हैं. उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने यह साफ किया है कि रमजान के दौरान पुलिस अधिकारी सामंजस्य बनाकर लोगों का सहयोग जरूर करेंगे. लेकिन लॉकडाउन उल्लंघन और सौहार्द बिगड़ने की स्थिति में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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नियमों का पालन ना हुआ तो कड़ी कार्रवाई
पुलिस महानिदेशक लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार के मुताबिक रमज़ान का पवित्र महीना आपसी भाईचारे और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो. इसको लेकर लगातार पुलिस अधिकारी और धर्मगुरु लोगों से अपने-अपने घरों में रहकर इबादत की अपील कर रहे हैं. इस संकट की घड़ी में सभी से सहयोग की अपेक्षा की जा रही है. जो लोग लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं करेंगे या जो लोग कानून-व्यवस्था भंग करेंगे. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
लॉकडाउन में ऐसे पढ़ें तरावीह की नमाज
मुस्लिम धर्मगुरुओं के मुताबिक जिन लोगों पर जकात फर्ज है. वे गरीबों में जकात जरूर बांटें. रमजान में लोग तरावीह भी जरूर पढ़ें, लेकिन मस्जिदों में आने के बजाय अपने-अपने घरों में ही रहकर तरावीह की नमाज अदा करें. जिन घरों में हाफिज हों तो वह पूरी कुरान मजीद पढ़ें, वरना जिसको जितना भी याद हो, वह 20 रकाज में उसे पढ़ें.