देहरादून: ऊर्जा निगम कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 26 जुलाई की रात से हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. ऐसे में उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा की ओर से लोगों को अपील की गई है कि 26-27 जुलाई की मध्य रात्रि से होने वाली हड़ताल के मद्देनजर आप सभी लोग अपने अपने स्तर से उचित व्यवस्था रखें.
बता दें कि उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने संविदा और सेल्फ हेल्प कार्मिकों के समान कार्य, समान वेतन के अलावा 14 सूत्रीय मांगों को 26 जुलाई से हड़ताल का ऐलान किया है.
उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन के प्रांतीय महासचिव पवन रावत का कहना है कि ऊर्जा निगम के कार्मिक बीते 4 सालों से एसीपी की पुरानी व्यवस्था तथा उपनल के माध्यम से कार्यरत कार्मिकों के नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में ऊर्जा निगम के कार्य में आंदोलनरत थे तब 22 दिसंबर 2017 को कार्मिकों के संगठनों तथा सरकार के बीच द्विपक्षीय समझौता हो परंतु आज तक उस समझौते पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
वहीं, उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन के प्रांतीय उपाध्यक्ष दीपक पाठक का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती तब तक उनका ही आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि 26 जुलाई से उत्तरांचल जल विद्युत निगम में तीनों निगमों के कर्मचारी सत्याग्रह करेंगे, उसके बाद शाम को सभी कर्मचारी उज्जवल से ऊर्जा निगम तक पैदल मार्च निकालते हुए अपना विरोध दर्ज कराएंगे.
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ऊर्जा निगम कर्मियों का कहना है कि इससे पूर्व बीती 22 जुलाई को बल्लीवाला चौक स्थित ऊर्जा भवन में सत्याग्रह करके सरकार को जगाने की कोशिश की गई थी लेकिन शासन में अभी तक उन्हें वार्ता के लिए आमंत्रित नहीं किया. ऐसे में उन्हें मजबूरन कार्य बहिष्कार के लिए बाध्य होना पड़ेगा. अगर प्रदर्शन के दौरान सरकार द्वारा किसी भी ऊर्जा कार्मिक को गिरफ्तार करने की कोशिश की जाती है तो राज्य के सभी उर्जा कर्मी जेल भरो आंदोलन से भी पीछे नहीं हटेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी ऊर्जा प्रबंधन और सरकार की होगी.