देहरादून: वरिष्ठता निर्धारित न होने से प्रदेश के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के करीब डेढ़ हजार पद लंबे समय से खाली पड़े हैं. इसका कारण तदर्थ विनियमित शिक्षकों के बीच लंबे अरसे से वरिष्ठता को लेकर चल रही खींचतान बताई जा रही है.
हालांकि शासन स्तर पर शिक्षकों की वरिष्ठता पर सुनवाई पूरी हो चुकी है, लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों की वरिष्ठता सूची पर अब आपत्तियां आमंत्रित की गई हैं, जिसके बाद ही प्रधानाचार्य और प्रधानाध्यापकों के लंबे समय से रिक्त चल रहे पदों को भरे जाने का रास्ता साफ हो सकेगा.
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हालांकि, वर्तमान में एक दूसरी समस्या यह भी है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच माध्यमिक शिक्षा निदेशालय का कामकाज पूरी तरह से ठप पड़ा है. बीते दिनों निदेशालय के कई अधिकारी और कर्मचारियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी, जिसके चलते प्रधानाचार्य और प्रधानाध्यापक के लिए शिक्षकों की पदोन्नति का मुद्दा एक बार फिर लटक चुका है.