ऋषिकेश: क्षेत्र में नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत कोलघाटी से लेकर सीमा डेंटल कॉलेज तक सीवर लाइन बिछाने का कार्य किया गया था. जिसके बाद विभाग द्वारा सड़क का कंप्लेक्शन कर आईआईटी रुड़की से टेस्ट कराने के बाद क्लीनचिट के आधार पर लोक निर्माण विभाग ने सड़क बनाने का कार्य शुरू किया. लेकिन सड़क की मिट्टी कुछ जगहों पर धंसने लगी. जिसके बाद लोक निर्माण विभाग द्वारा कार्य बंद कर दिया गया. वही अब आईआईटी रुड़की की रिपोर्ट पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं.
बता दें कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई गंगा सीवर लाइन बिछा रही है. जिसके लिए एम्स को नेशनल हाईवे से जोड़ने वाली बैराज रोड को भी करीब 5 किलोमीटर तक खोदा गया. लाइन बिछाने का काम पूरा करने के बाद विभाग ने सड़क की टेस्टिंग आईआईटी रुड़की से कराई. आईआईटी के विशेषज्ञों ने सड़क की गुणवत्ता की जांच की. विभाग को सड़क डामर बिछाने लायक बताते हुए सर्टिफिकेट दिया, जिसके बाद विभाग ने सड़क को पीडब्ल्यूडी के हैंडओवर कर दिया. आईआईटी के प्रमाण-पत्र के आधार पर पीडब्ल्यूडी ने करीब ढाई किलोमीटर सड़क पर निर्माण कार्य शुरू किया, तो कई जगह से सड़क की मिट्टी धंस गई. लिहाजा, अब सड़क का निर्माण अधर में है. सड़क की मिट्टी धंसने से आईआईटी की रिपोर्ट पर भी सवाल खड़े हो गए हैं.
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अधिकारियों की लापरवाही से अधर में पड़ी व्यस्ततम बैराज रोड से गुजरने वाले स्थानीय लोगों और इलाज के लिए एम्स आने वाले मरीजों व उनके तीमारदारों की मुसीबतें भी बढ़ गई हैं. वहीं अब विभागीय अधिकारी कमियों को जल्द ठीक कराने की बात कर रहे हैं.