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लॉकडाउन में ऑनलाइन क्लासः दो वक्त की रोटी नहीं जुटा पा रहे गरीब, बच्चों की पढ़ाई के लिये कहां से लाएं स्मार्ट फोन - लॉकडाउन में ऑनलाइन क्लास

तीर्थनगरी ऋषिकेश में स्कूल बंद होने के कारण बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है. दिहड़ी-मजदूरी करने वाले परिवरों के पास स्मार्टफोन न होने के कारण बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था भी नहीं हो पा रही है.

rishikesh school
आनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे बच्चे.
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Published : May 18, 2020, 5:35 PM IST

ऋषिकेश: कोरोना महामारी के बीच जारी लॉकडाउन के कारण प्रदेश में सभी स्कूलों को बंद रखा गया है. सरकार की तरफ से जारी आदेश में ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा देने की बात गयी है. वहीं, ऋषिकेश में दिहाड़ी-मजदूरी करने वाले लोगों के पास स्मार्ट फोन न होने के कारण उन्हें अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सताने लगी है.

ऋषिकेश में मजदूरों को परिवार के लिये दो वक्त की रोटियां जुटाना भी मुश्किल हो रहा है. लॉकडाउन के कारण दिहाड़ी मजदूरों के पास न तो काम है और जमा-पूंजी भी खत्म हो गयी है. वहीं, अब उन्हें अनपे बच्चों के भविष्य की चिंता भी सताने लगी है.

गरीबों को सता रही बच्चों के भविष्य की चिंता.

पढ़ें: ऋषिकेश: लॉकडाउन 4.0 में खुला रजिस्ट्री कार्यालय

लॉकडाउन की वजह से सरकार ने सभी स्कूलों को बंद करने के आदेश जारी किए हैं, साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा देने की बात कही है. वहीं, गरीब मजदूरों का कहना है कि उनके पास न तो स्मार्ट फोन खरीदने के पैसे हैं और न ही रिचार्ज कराने के पैसे. ऐसे में हमारे बच्चों की पढ़ाई भी नहीं हो पा रही है.

ऋषिकेश में दिहाड़ी-मजदूरी करने वाले लोगों का कहना है कि उनके बच्चे होशियार होने के बाद भी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. मजदूरों को चिंता सताने लगी है कि अगर उनके बच्चों की पढ़ाई इसी तरह से प्रभावित होती रही तो वे भी भविष्य में दिहाड़ी-मजदूरी करने को मजबूर होंगे. ऐसे में इन लोगों ने सरकार से मदद की गुहार लगाते हुए बच्चों की पढ़ाई की उचित व्यवस्था करने की बात कही.

ऋषिकेश: कोरोना महामारी के बीच जारी लॉकडाउन के कारण प्रदेश में सभी स्कूलों को बंद रखा गया है. सरकार की तरफ से जारी आदेश में ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा देने की बात गयी है. वहीं, ऋषिकेश में दिहाड़ी-मजदूरी करने वाले लोगों के पास स्मार्ट फोन न होने के कारण उन्हें अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सताने लगी है.

ऋषिकेश में मजदूरों को परिवार के लिये दो वक्त की रोटियां जुटाना भी मुश्किल हो रहा है. लॉकडाउन के कारण दिहाड़ी मजदूरों के पास न तो काम है और जमा-पूंजी भी खत्म हो गयी है. वहीं, अब उन्हें अनपे बच्चों के भविष्य की चिंता भी सताने लगी है.

गरीबों को सता रही बच्चों के भविष्य की चिंता.

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लॉकडाउन की वजह से सरकार ने सभी स्कूलों को बंद करने के आदेश जारी किए हैं, साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा देने की बात कही है. वहीं, गरीब मजदूरों का कहना है कि उनके पास न तो स्मार्ट फोन खरीदने के पैसे हैं और न ही रिचार्ज कराने के पैसे. ऐसे में हमारे बच्चों की पढ़ाई भी नहीं हो पा रही है.

ऋषिकेश में दिहाड़ी-मजदूरी करने वाले लोगों का कहना है कि उनके बच्चे होशियार होने के बाद भी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. मजदूरों को चिंता सताने लगी है कि अगर उनके बच्चों की पढ़ाई इसी तरह से प्रभावित होती रही तो वे भी भविष्य में दिहाड़ी-मजदूरी करने को मजबूर होंगे. ऐसे में इन लोगों ने सरकार से मदद की गुहार लगाते हुए बच्चों की पढ़ाई की उचित व्यवस्था करने की बात कही.

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