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प्लास्टिक मुक्त शहर घोषित करने में नाकाम रहा नगर निगम, अभियान जारी रखने का लिया फैसला

देहरादून नगर निगम ने 2 अक्टूबर तक राजधानी को प्लास्टिक मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया था. लेकिन, काफी प्रयास के बाद भी नगर निगम की कोशिशें असफल नजर आ रही हैं.

प्लास्टिक मुक्त शहर घोषित करने में नाकाम रही दून नगर निगम.
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Published : Oct 1, 2019, 11:05 PM IST

देहरादून: राजधानी को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए नगर निगम ने प्लास्टिक मुक्त अभियान चलाया था. साथ ही 2 अक्टूबर तक पूरे शहर को प्लास्टिक मुक्त घोषित करने का लक्ष्य तय किया गया था. लेकिन नगर निगम अपनी इस कोशिश में असफल नजर आ रही है. नगर निगम ने अब इस अभियान को लगातार जारी रखने का फैसला लिया है. साथ ही पॉलिथीन का प्रयोग करते नजर आए लोगों के खिलाफ भारी जुर्माना वसूले जाने की बात कही गई है.

प्लास्टिक मुक्त शहर घोषित करने में नाकाम रही दून नगर निगम.

बता दें कि 27 अगस्त से नगर निगम ने प्लास्टिक के खिलाफ अभियान शुरू कर 2 अक्टूबर तक शहर में प्लास्टिक को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का लक्ष्य तय किया गया था. लेकिन, नगर निगम के काफी प्रयास के बाद भी पॉलिथीन मुक्त का असर शहर में कम ही दिखाई दिया है. अब नगर निगम 2 अक्टूबर के बाद भी ये अभियान जारी रखेगा. शहर की जनता को प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर सभी को निशुल्क कपड़े के थैले वितरण करने का कार्यक्रम शुरू करेगी.

ये भी पढ़ें: पंचायत चुनावः आचार संहिता का खुलेआम उल्लंघन, प्रत्याशी नियमों को कर रहे दरकिनार

नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि पॉलिथीन उत्तराखंड में पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है. हाईकोर्ट ने भी आदेश दिया है. लेकिन, नगर निगम ने इस अभियान को जब शुरू किया तो हम दूसरी विचारधारा लेकर चले थे, लेकिन लंबे समय से प्लास्टिक और पॉलिथीन के खिलाफ कानून बना हुआ है, जिसमें कोई सफलता नहीं मिल पा रही थी. ये अभियान इसी प्रकार चलता रहेगा. साथ ही जल्दी कपड़े के थैले का वितरण का काम शुरू हो जाएगा.

देहरादून: राजधानी को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए नगर निगम ने प्लास्टिक मुक्त अभियान चलाया था. साथ ही 2 अक्टूबर तक पूरे शहर को प्लास्टिक मुक्त घोषित करने का लक्ष्य तय किया गया था. लेकिन नगर निगम अपनी इस कोशिश में असफल नजर आ रही है. नगर निगम ने अब इस अभियान को लगातार जारी रखने का फैसला लिया है. साथ ही पॉलिथीन का प्रयोग करते नजर आए लोगों के खिलाफ भारी जुर्माना वसूले जाने की बात कही गई है.

प्लास्टिक मुक्त शहर घोषित करने में नाकाम रही दून नगर निगम.

बता दें कि 27 अगस्त से नगर निगम ने प्लास्टिक के खिलाफ अभियान शुरू कर 2 अक्टूबर तक शहर में प्लास्टिक को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का लक्ष्य तय किया गया था. लेकिन, नगर निगम के काफी प्रयास के बाद भी पॉलिथीन मुक्त का असर शहर में कम ही दिखाई दिया है. अब नगर निगम 2 अक्टूबर के बाद भी ये अभियान जारी रखेगा. शहर की जनता को प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर सभी को निशुल्क कपड़े के थैले वितरण करने का कार्यक्रम शुरू करेगी.

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नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि पॉलिथीन उत्तराखंड में पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है. हाईकोर्ट ने भी आदेश दिया है. लेकिन, नगर निगम ने इस अभियान को जब शुरू किया तो हम दूसरी विचारधारा लेकर चले थे, लेकिन लंबे समय से प्लास्टिक और पॉलिथीन के खिलाफ कानून बना हुआ है, जिसमें कोई सफलता नहीं मिल पा रही थी. ये अभियान इसी प्रकार चलता रहेगा. साथ ही जल्दी कपड़े के थैले का वितरण का काम शुरू हो जाएगा.

Intro:नगर निगम द्वारा प्लास्टिक ओर पोलोथिन को शहर से मुक्त करने के लिए चलाये जा रहे अभियान तहत 2 अक्टूबर तक पूरे शहर में प्लास्टिक ओर पोलोथिन बन्द होनी थी।लेकिन नगर निगम के अभियान के तहत किये गए प्रयास के बाद शहर में पोलोथिन मुक्त का असर कम ही दिखा है।जिसके चलते नगर निगम का यह अभियान लगातार जारी कर आमजनमानस की पोलोथिन के खिलाफ मानसिकता बदलने की कोशिश की जाएगी।ओर उसके बाद शहर में जो भी पोलोथिन का प्रयोग करते हुए नज़र आएगा उस पर नगर निगम द्वारा भारी जुर्माना वसूला जायेग।


Body:27 अगस्त से नगर निगम ने पोलोथिन के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है और नगर निगम का लक्ष्य था कि 2 अक्टूबर से शहर में पोलोथिन पूरी तरह से प्रतिबंधित हो जाएगी लेकिन ऐसा नही हो पाया।नगर निगम के काफी प्रयास के बाद भी पोलोथिन मुक्त का असर शहर कम ही दिखाई दिया है।लेकिन पूरी तरह से नगर निगम शहर को पोलोथिन मुक्त नही कर पाया।जिसके तहत नगर निगम अब 2 अक्टूबर के बाद भी यह अभियान जारी रखेगा।ओर शहर की जनता को प्लास्टिक का विकल्प के तौर पर सभी को निशुल्क कपड़े के थैले वितरण करने का कार्यक्रम चलाएगा।


Conclusion:नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि पॉलिथीन और प्लास्टिक उत्तराखंड में पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। और हाईकोर्ट ने भी अपने आदेशों में कह रखा है कि उनका इस्तेमाल नहीं होगा।लेकिन नगर निगम ने इस अभियान को जब शुरू किया था तो हम दूसरी विचारधारा लेकर चले थे क्योंकि लंबे समय से प्लास्टिक और पॉलिथीन के खिलाफ कानून बना हुआ है लेकिन कोई सफलता नहीं मिल पा रही थी।हमारा मानना है कि यह एक सामाजिक बुराई है और लोगों को मानसिक रूप से तैयार करना होगा और इस बात के लिए प्रेरित करना होगा कि डर दिखाकर इसे बंद नहीं किया जा सकता बल्कि स्वेच्छा से इसका त्याग किया जा सकता है।और नगर निगम ने जो भी प्रयास किए हैं उसके रिजल्ट सामने आए हैं कई लोगों ने पॉलिथीन का त्याग किया है,यह अभियान इसी प्रकार चलता रहेग।साथ ही जल्दी कपड़े के थैले का वितरण का काम शुरू हो जाएगा और हमारा लक्ष्य है कि घर घर कपड़े के थैले निशुल्क पहुंचाने हैं इसमें 10 से 15 दिन का समय लगेगा,शहर की आठ लाख जनता तक थैले पहुंचाना बहुत बड़ा काम है।जब हम लोगों का मानसिक रूप से तैयार कर देंगे,उनके अंदर जागरूकता आ जाएगी और जनता को विकल्प भी दे देंगे।उसके बाद भी अगर कोई भी पोलोथिन इस्तेमाल करेगा तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बाइट-विनय शंकर पांडे(नगर आयुक्त)
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