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आपदा पर सियासत हुई तेज, कांग्रेस हमलावर तो बीजेपी डटकर मुकाबले की कह रही बात

uttarakhand disaster उत्तराखंड में आपदा में कांग्रेस और बीजेपी राजनीति के अवसर खोज रहे हैं. वहीं एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. वहीं आपदा में लोगों में खासा रोष भी देखने को मिल रहा है, जो जनप्रतिनिधियों पर उतर रहा है.

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Published : Aug 18, 2023, 12:26 PM IST

Updated : Aug 18, 2023, 2:20 PM IST

आपदा पर सियासत हुई तेज

देहरादून: प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई हुई है. उत्तराखंड में इस हफ्ते भूस्खलन की घटनाओं में 16 लोगों की जान चली गई है और 15 लोग लापता हैं. जबकि जून से राज्य में अब तक 74 लोगों की मौत हो चुकी है.ऐसे में जनप्रतिनिधि आपदाग्रस्त क्षेत्र का मुआयना कर रहे हैं. वहीं लोगों में जनप्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश भी देखने को मिल रहा है. वहीं कांग्रेस और बीजेपी आपदा को लेकर एक दूसरे पर निशाना साध रही हैं.

गौर हो कि बीते दिन विधानसभा क्षेत्र कोटद्वार में आपदाग्रस्त क्षेत्र का मुआयना करने पहुंची विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी का स्थानीय महिलाओं द्वारा विरोध देखने को मिला. रितु खंडूड़ी कोटद्वार में आपदाग्रस्त लाल पानी और सनेह क्षेत्र में हुए नुकसान का जायजा लेने पहुंची थी. इसी बीच उन्हें स्थानीय महिलाओं के आक्रोश के बाद वापस लौटना पड़ा. प्रदेश में आई आपदा को लेकर कांग्रेस भी भाजपा पर हमलावर है.

कांग्रेस का कहना है कि पार्टी बरसात के मौसम से पहले ही सरकार को चेता रही थी और सुझाव भी दिए जा रहे थे कि मानसून से पहले नोडल एजेंसियां जैसे पीडब्ल्यूडी, पेयजल और आपदा प्रबंधन विभाग को पूरी तरह से जांचना और परखना चाहिए. इसके अलावा संवेदनशील स्थानों पर प्रोटेक्शन के काम जल्द करने चाहिए. लेकिन सरकार ने आपदा के आकलन में कोई भी गंभीरता नहीं दिखाई. आज परिस्थितियों सबके सामने हैं.
पढ़ें-ऋषिकेश के आसपास 100 रिसॉर्ट्स की बुकिंग 31 अगस्त तक कैंसिल करने का नोटिस, मोहनचट्टी हादसे से लिया सबक

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट का कहना है कि आपदा की वजह से लोगों के मकान ध्वस्त हो रहे हैं और ऑल वेदर रोड जगह-जगह से बाधित हो रही है, 500 से अधिक सड़कें राज्य की अवरुद्ध पड़ी हुई हैं. इस स्थिति में लोगों को चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है, इससे आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. उन्होंने कहा कि सरकार आपदा से निपटने में पूरी तरह से फेल साबित हुई है, इसलिए जनता रोष में है, जिसका विरोध सरकार के जनप्रतिनिधियों को झेलना पड़ रहा है.
पढ़ें-उत्तराखंड आपदा में अब तक 74 लोगों की मौत, 19 लापता, 21 अगस्त तक अलर्ट जारी

वहीं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विपिन कैंथोला का कहना है कि अतिवृष्टि से हुए नुकसान के कारण कर कई लोगों ने अपने घर, जमीन और मेहनत की पूंजी खो दी है. इससे स्वाभाविक है कि आपदा की घड़ी में जनता के बीच थोड़ा बहुत रोष बना रहता है. उन्होंने कहा कि सभी लोगों को खड़ा होकर आपदा कि इस चुनौती का डटकर मुकाबला करना चाहिए.

आपदा पर सियासत हुई तेज

देहरादून: प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई हुई है. उत्तराखंड में इस हफ्ते भूस्खलन की घटनाओं में 16 लोगों की जान चली गई है और 15 लोग लापता हैं. जबकि जून से राज्य में अब तक 74 लोगों की मौत हो चुकी है.ऐसे में जनप्रतिनिधि आपदाग्रस्त क्षेत्र का मुआयना कर रहे हैं. वहीं लोगों में जनप्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश भी देखने को मिल रहा है. वहीं कांग्रेस और बीजेपी आपदा को लेकर एक दूसरे पर निशाना साध रही हैं.

गौर हो कि बीते दिन विधानसभा क्षेत्र कोटद्वार में आपदाग्रस्त क्षेत्र का मुआयना करने पहुंची विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी का स्थानीय महिलाओं द्वारा विरोध देखने को मिला. रितु खंडूड़ी कोटद्वार में आपदाग्रस्त लाल पानी और सनेह क्षेत्र में हुए नुकसान का जायजा लेने पहुंची थी. इसी बीच उन्हें स्थानीय महिलाओं के आक्रोश के बाद वापस लौटना पड़ा. प्रदेश में आई आपदा को लेकर कांग्रेस भी भाजपा पर हमलावर है.

कांग्रेस का कहना है कि पार्टी बरसात के मौसम से पहले ही सरकार को चेता रही थी और सुझाव भी दिए जा रहे थे कि मानसून से पहले नोडल एजेंसियां जैसे पीडब्ल्यूडी, पेयजल और आपदा प्रबंधन विभाग को पूरी तरह से जांचना और परखना चाहिए. इसके अलावा संवेदनशील स्थानों पर प्रोटेक्शन के काम जल्द करने चाहिए. लेकिन सरकार ने आपदा के आकलन में कोई भी गंभीरता नहीं दिखाई. आज परिस्थितियों सबके सामने हैं.
पढ़ें-ऋषिकेश के आसपास 100 रिसॉर्ट्स की बुकिंग 31 अगस्त तक कैंसिल करने का नोटिस, मोहनचट्टी हादसे से लिया सबक

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट का कहना है कि आपदा की वजह से लोगों के मकान ध्वस्त हो रहे हैं और ऑल वेदर रोड जगह-जगह से बाधित हो रही है, 500 से अधिक सड़कें राज्य की अवरुद्ध पड़ी हुई हैं. इस स्थिति में लोगों को चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है, इससे आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. उन्होंने कहा कि सरकार आपदा से निपटने में पूरी तरह से फेल साबित हुई है, इसलिए जनता रोष में है, जिसका विरोध सरकार के जनप्रतिनिधियों को झेलना पड़ रहा है.
पढ़ें-उत्तराखंड आपदा में अब तक 74 लोगों की मौत, 19 लापता, 21 अगस्त तक अलर्ट जारी

वहीं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विपिन कैंथोला का कहना है कि अतिवृष्टि से हुए नुकसान के कारण कर कई लोगों ने अपने घर, जमीन और मेहनत की पूंजी खो दी है. इससे स्वाभाविक है कि आपदा की घड़ी में जनता के बीच थोड़ा बहुत रोष बना रहता है. उन्होंने कहा कि सभी लोगों को खड़ा होकर आपदा कि इस चुनौती का डटकर मुकाबला करना चाहिए.

Last Updated : Aug 18, 2023, 2:20 PM IST
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