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ऋषिकेश में मुकदमे वापस होने पर शुरू हुई राजनीति, कांग्रेस मुखर

संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले तमाम दलों के नेताओं ने 46 दिन तक शराब की दुकान के विरोध (Rishikesh liquor shop protest) में धरना-प्रदर्शन किया था. विरोध के दौरान शराब के ट्रक में तोड़फोड़ पर आग लगाने का मामला भी सामने आया. विरोध करने वालों के खिलाफ अनुज्ञापी की तहरीर पर कई धाराओं में नामजद मुकदमे पंजीकृत किए गए.

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ऋषिकेश में मुकदमे वापस होने पर शुरू हुई राजनीति
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Published : Dec 9, 2021, 9:02 AM IST

ऋषिकेश: जनपद टिहरी के ढालवाला क्षेत्र में शराब की दुकान खोलने का विरोध (Rishikesh liquor shop protest) करने वालों पर दर्ज हुए मुकदमों के मामले में राजनीति शुरू हो गई है. आरोप है कि सरकार ने भाजपा ज्वाइन करने वालों के मुकदमे वापस करा दिए हैं. जबकि सत्ता की हनक से पुलिस पर कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार करने का दबाव बनाया जा रहा है.

करीब दो साल पहले जनपद टिहरी के ढालवाला क्षेत्र में आवंटित हुए शराब की दुकान का जमकर विरोध हुआ. उस दौरान संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले तमाम दलों के नेताओं ने 46 दिन तक धरना-प्रदर्शन किया. विरोध के दौरान शराब के ट्रक में तोड़फोड़ पर आग लगाने का मामला भी सामने आया. विरोध करने वालों के खिलाफ अनुज्ञापी की तहरीर पर कई धाराओं में नामजद मुकदमे पंजीकृत किए गए. कोविड-19 की वजह से ठंडे बस्ते में गया, जिसके बाद मामला अब बाहर आया है.

पढ़ें-अरविंद पांडे बोले- अपने बच्चों को सेटल करने में जुटे कांग्रेसी, यशपाल आर्य पर हुए हमले को लेकर ये कहा

बता दें कि मामले में कांग्रेस नेता हिमांशु बिजलवाण के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है. यह सूचना मिलने के बाद कांग्रेस नेता भड़क गए हैं. उन्होंने कहा कि धरना- प्रदर्शन के दौरान मुकदमे कई नेताओं पर दर्ज हुए. मुकदमे दर्ज होने वाले नेताओं में शामिल ओम गोपाल रावत भाजपा के नेता हैं.आरोप लगाया कि सरकार ने ओम गोपाल रावत पर दर्ज मुकदमे वापस ले लिए हैं. जबकि कांग्रेस नेताओं पर दर्ज मुकदमों की वापसी नहीं की गई.

चुनाव नजदीक आने के बाद बढ़ती कांग्रेस की लोकप्रियता से घबराकर सरकार सत्ता की हनक में कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार करने के प्रयास में जुट गई है. कांग्रेस नेताओं पर कोर्ट के द्वारा गैर जमानती वारंट जारी कराकर दबाव बनाया जा रहा है. कांग्रेस का कहना है कि यदि शराब के ठेके का विरोध पतीत-पावनी धरती पर किया जाना गलत है तो कांग्रेस अपनी इस गलती को बार-बार दोहराने के लिए तैयार है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुरु घर के क्षेत्र में शराब के ठेके का विरोध लगातार जारी रहेगा.

ऋषिकेश: जनपद टिहरी के ढालवाला क्षेत्र में शराब की दुकान खोलने का विरोध (Rishikesh liquor shop protest) करने वालों पर दर्ज हुए मुकदमों के मामले में राजनीति शुरू हो गई है. आरोप है कि सरकार ने भाजपा ज्वाइन करने वालों के मुकदमे वापस करा दिए हैं. जबकि सत्ता की हनक से पुलिस पर कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार करने का दबाव बनाया जा रहा है.

करीब दो साल पहले जनपद टिहरी के ढालवाला क्षेत्र में आवंटित हुए शराब की दुकान का जमकर विरोध हुआ. उस दौरान संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले तमाम दलों के नेताओं ने 46 दिन तक धरना-प्रदर्शन किया. विरोध के दौरान शराब के ट्रक में तोड़फोड़ पर आग लगाने का मामला भी सामने आया. विरोध करने वालों के खिलाफ अनुज्ञापी की तहरीर पर कई धाराओं में नामजद मुकदमे पंजीकृत किए गए. कोविड-19 की वजह से ठंडे बस्ते में गया, जिसके बाद मामला अब बाहर आया है.

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बता दें कि मामले में कांग्रेस नेता हिमांशु बिजलवाण के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है. यह सूचना मिलने के बाद कांग्रेस नेता भड़क गए हैं. उन्होंने कहा कि धरना- प्रदर्शन के दौरान मुकदमे कई नेताओं पर दर्ज हुए. मुकदमे दर्ज होने वाले नेताओं में शामिल ओम गोपाल रावत भाजपा के नेता हैं.आरोप लगाया कि सरकार ने ओम गोपाल रावत पर दर्ज मुकदमे वापस ले लिए हैं. जबकि कांग्रेस नेताओं पर दर्ज मुकदमों की वापसी नहीं की गई.

चुनाव नजदीक आने के बाद बढ़ती कांग्रेस की लोकप्रियता से घबराकर सरकार सत्ता की हनक में कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार करने के प्रयास में जुट गई है. कांग्रेस नेताओं पर कोर्ट के द्वारा गैर जमानती वारंट जारी कराकर दबाव बनाया जा रहा है. कांग्रेस का कहना है कि यदि शराब के ठेके का विरोध पतीत-पावनी धरती पर किया जाना गलत है तो कांग्रेस अपनी इस गलती को बार-बार दोहराने के लिए तैयार है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुरु घर के क्षेत्र में शराब के ठेके का विरोध लगातार जारी रहेगा.

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