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इंटरनेशनल फर्जी कॉल सेंटर मामला: फरार कॉल सेंटर संचालक के रसूखदार लोगों से संबंध, तस्वीरें बयां कर रही सच्चाई

फर्जी कॉल सेंटर मामले में एक नई जानकारी सामने आई है. पता चला है कि आरोपी संचालक के रसूखदार लोगों तक अच्छी पहुंच थी. रसूखदार और पॉलिटिक्ल लोगों के साथ आरोपी संचालक के कई फोटोग्राफ सामने आये हैं. जिसमें वह सभी से बड़ी आत्मीयता से मिलता नजर आ रहा है. इतना ही नहीं, पता चला है कि आरोपी लग्जरी लाइफ का शौकीन है.

dehradun international fake call center case
इंटरनेशनल फर्जी कॉल सेंटर मामला
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Published : Jul 23, 2022, 9:10 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ ने देहरादून शहर में दो दिन पहले एक इंटरनेशनल फर्जी कॉल सेंटर सहित हवाला मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अवैध कारोबार का पर्दाफाश किया. अब इस मामले में संचालक व तथाकथित पत्रकार के राजनीतिक रसूखदार लोगों तक पहुंच के प्रमाण भी सामने आ रहे हैं. इस बात की तस्दीक आरोपी संचालक के बड़े-बड़े राजनेताओं और रसूखदार लोगों के साथ खिचांए गये फोटोग्राफ कर रहे हैं. ऐसे में इस बात की आशंका है कि एसटीएफ रेड की भनक लगते ही लगभग 2 करोड़ की रकम लेकर फरार हुआ यह मुख्य आरोपी रसूखदार लोगों के साथ फोटो खिंचाकर अपनी नजदीकियों का प्रभाव सरकारी तंत्र को जताया करता था. फिलहाल, एसटीएफ कॉल सेंटर संचालक सहित तीन वांटेड लोगों लगातार तलाश में जुटी हुई है.

आरोपी संचालक के VVIP लोगों के साथ फोटोग्राफ: मुख्य आरोपी और इंटरनेशनल फर्जी कॉल सेंटर के संचालक के कई फोटोग्राफ सामने आये हैं. जिसमें वो बाबा रामदेव, पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक', महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, उत्तराखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे, रिटा. कर्नल अजय कोठियाल और अरविंद केजरीवाल के साथ नजर आ रहा है. सभी तस्वीरों को देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि फर्जी कॉल सेंटर के संचालक के इन सभी रसूखदार लोगों के साथ अच्छे संबंध हैं.

पढे़ं-इंटरनेशनल फर्जी कॉल सेंटर: 15 आरोपी भेजे गए जेल, हवाला-मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका, हो सकती है ED की एंट्री

लग्ज़री लाइफ जीता है आरोपी: देहरादून में पर्दाफाश किए गए अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर के मुख्य लोग फाइव स्टार क्लास की लग्जरी लाइफ जीते थे. बताया जा रहा है इस केस में जेल भेजी गई युवती सहस्त्रधारा आईटी पार्क रोड के पास फाइव स्टार सुविधाओं का आलीशान बंगला है. STF की जांच-पड़ताल में पता चला है कि इस बंगले में ऐसे विदेशी कुत्ते पाले गए हैं, जिनकी देखरेख के लिए अलग से कर्मचारी रखे गए हैं. आरोपी युवती हजारों-लाखों रुपये के जूते-कपड़े और लग्जरी कार का इस्तेमाल करती थी. ऐसे में इस बात की आशंका है कि फर्जी कॉल सेंटर के जरिए ये लोग विदेशी नागरिकों से लाखों डॉलर की लूट और करोड़ों की हवाला-मनी लॉन्ड्रिंग की कमाई से खूब चांदी काट रहे थे.

सूत्रों के मुताबिक, ईटीवी भारत को मिली जानकारी के अनुसार विदेशी नागरिकों से ऑनलाइन साइबर फाइनेंशियल फ्रॉड करने के अलावा इंटरनेशनल एजेंटों के मिलीभगत से हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग का अवैध धंधा चलाने वाला फर्जी कॉल सेंटर हर महीने पुलिस की साठगांठ से करोड़ों रुपये वारे न्यारे कर रहे थे.

रेंट एग्रीमेंट एक ठेली वाले के नाम: देहरादून में फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर व हवाला-मनी लॉन्ड्रिंग पर्दाफाश मामले में जो भवन किराए पर लिया गया था. उसका प्रतिमाह किराया 5 लाख 41 हजार था. 'ए टू जेड सॉल्यूशन' के नाम से संचालित होने वाले इस फर्जी कॉल सेंटर भवन का रेंट एग्रीमेंट एक ठेली लगाने वाले आरिफ अली के नाम से लिया गया था. ताकि इस गोरखधंधे में असल संचालकों पर किसी को शक ना हो. आरिफ अली सब्जी मंडी के पास सड़क पर ठेली लगाता था. उसके नाम पर बिल्डिंग का एग्रीमेंट बनाने के बाद से उसे कॉल सेंटर में चपरासी की नौकरी दी गई थी. एसटीएफ की कार्रवाई के बाद से आरिफ अली भी फरार है.

पढे़ं -देहरादून में फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का भंडाफोड़, अमेरिका के सीनियर सिटीजन को बनाते थे शिकार

मिलीभगत करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा: देहरादून में फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर पर्दाफाश मामले में अब कुछ पुलिस कर्मियों की मिलीभगत की भी शिकायत प्राप्त हुई है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने इस विषय में उच्च स्तरीय गोपनीय जांच के आदेश दिए हैं. डीजीपी अशोक कुमार ने साफ तौर पर कहा कि अगर जांच में मामला सही पाया गया तो दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. हालांकि, अभी इस आरोप कोई पुष्टि नहीं हुई है. इस मामले में गुप्त शिकायत के आधार पर पुलिस मुख्यालय स्तर से उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं. जांच में आरोपों की पुष्टि होती है तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

पढे़ं- देहरादून में फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का भंडाफोड़, अमेरिका के सीनियर सिटीजन को बनाते थे शिकार

बता दें दो दिन पहले उत्तराखंड एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस की संयुक्त छापेमारी कार्रवाई के दौरान देहरादून शहर के बीचों-बीच इसी रोड के नजदीक एक ऐसे फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया था, जो अमेरिका कनाडा जैसे विदेशी नागरिकों को माइक्रोसॉफ्ट सर्विसेस के नाम पर ऑनलाइन साइबर धोखाधड़ी और विदेशी एजेंटों की मदद से हवाला और मनीष लॉन्ड्री का गोरखधंधा चला रहे थे.

एसटीएफ की छापेमारी में कॉल सेंटर से सैकड़ों की संख्या में लैपटॉप, कंप्यूटर व इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स एविडेंस के रूप बरामद किए गए. इतना ही नहीं छापेमारी के दौरान 1 करोड़ 26 लाख रुपए का कैश भी बरामद किया गया . इस मामले में 15 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. हालांकि, अभी इस मामले में एक तथाकथित पत्रकार सहित तीन नामजद लोग वांटेड हैं. जिनकी तलाश जारी है.

देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ ने देहरादून शहर में दो दिन पहले एक इंटरनेशनल फर्जी कॉल सेंटर सहित हवाला मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अवैध कारोबार का पर्दाफाश किया. अब इस मामले में संचालक व तथाकथित पत्रकार के राजनीतिक रसूखदार लोगों तक पहुंच के प्रमाण भी सामने आ रहे हैं. इस बात की तस्दीक आरोपी संचालक के बड़े-बड़े राजनेताओं और रसूखदार लोगों के साथ खिचांए गये फोटोग्राफ कर रहे हैं. ऐसे में इस बात की आशंका है कि एसटीएफ रेड की भनक लगते ही लगभग 2 करोड़ की रकम लेकर फरार हुआ यह मुख्य आरोपी रसूखदार लोगों के साथ फोटो खिंचाकर अपनी नजदीकियों का प्रभाव सरकारी तंत्र को जताया करता था. फिलहाल, एसटीएफ कॉल सेंटर संचालक सहित तीन वांटेड लोगों लगातार तलाश में जुटी हुई है.

आरोपी संचालक के VVIP लोगों के साथ फोटोग्राफ: मुख्य आरोपी और इंटरनेशनल फर्जी कॉल सेंटर के संचालक के कई फोटोग्राफ सामने आये हैं. जिसमें वो बाबा रामदेव, पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक', महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, उत्तराखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे, रिटा. कर्नल अजय कोठियाल और अरविंद केजरीवाल के साथ नजर आ रहा है. सभी तस्वीरों को देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि फर्जी कॉल सेंटर के संचालक के इन सभी रसूखदार लोगों के साथ अच्छे संबंध हैं.

पढे़ं-इंटरनेशनल फर्जी कॉल सेंटर: 15 आरोपी भेजे गए जेल, हवाला-मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका, हो सकती है ED की एंट्री

लग्ज़री लाइफ जीता है आरोपी: देहरादून में पर्दाफाश किए गए अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर के मुख्य लोग फाइव स्टार क्लास की लग्जरी लाइफ जीते थे. बताया जा रहा है इस केस में जेल भेजी गई युवती सहस्त्रधारा आईटी पार्क रोड के पास फाइव स्टार सुविधाओं का आलीशान बंगला है. STF की जांच-पड़ताल में पता चला है कि इस बंगले में ऐसे विदेशी कुत्ते पाले गए हैं, जिनकी देखरेख के लिए अलग से कर्मचारी रखे गए हैं. आरोपी युवती हजारों-लाखों रुपये के जूते-कपड़े और लग्जरी कार का इस्तेमाल करती थी. ऐसे में इस बात की आशंका है कि फर्जी कॉल सेंटर के जरिए ये लोग विदेशी नागरिकों से लाखों डॉलर की लूट और करोड़ों की हवाला-मनी लॉन्ड्रिंग की कमाई से खूब चांदी काट रहे थे.

सूत्रों के मुताबिक, ईटीवी भारत को मिली जानकारी के अनुसार विदेशी नागरिकों से ऑनलाइन साइबर फाइनेंशियल फ्रॉड करने के अलावा इंटरनेशनल एजेंटों के मिलीभगत से हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग का अवैध धंधा चलाने वाला फर्जी कॉल सेंटर हर महीने पुलिस की साठगांठ से करोड़ों रुपये वारे न्यारे कर रहे थे.

रेंट एग्रीमेंट एक ठेली वाले के नाम: देहरादून में फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर व हवाला-मनी लॉन्ड्रिंग पर्दाफाश मामले में जो भवन किराए पर लिया गया था. उसका प्रतिमाह किराया 5 लाख 41 हजार था. 'ए टू जेड सॉल्यूशन' के नाम से संचालित होने वाले इस फर्जी कॉल सेंटर भवन का रेंट एग्रीमेंट एक ठेली लगाने वाले आरिफ अली के नाम से लिया गया था. ताकि इस गोरखधंधे में असल संचालकों पर किसी को शक ना हो. आरिफ अली सब्जी मंडी के पास सड़क पर ठेली लगाता था. उसके नाम पर बिल्डिंग का एग्रीमेंट बनाने के बाद से उसे कॉल सेंटर में चपरासी की नौकरी दी गई थी. एसटीएफ की कार्रवाई के बाद से आरिफ अली भी फरार है.

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मिलीभगत करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा: देहरादून में फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर पर्दाफाश मामले में अब कुछ पुलिस कर्मियों की मिलीभगत की भी शिकायत प्राप्त हुई है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने इस विषय में उच्च स्तरीय गोपनीय जांच के आदेश दिए हैं. डीजीपी अशोक कुमार ने साफ तौर पर कहा कि अगर जांच में मामला सही पाया गया तो दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. हालांकि, अभी इस आरोप कोई पुष्टि नहीं हुई है. इस मामले में गुप्त शिकायत के आधार पर पुलिस मुख्यालय स्तर से उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं. जांच में आरोपों की पुष्टि होती है तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

पढे़ं- देहरादून में फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का भंडाफोड़, अमेरिका के सीनियर सिटीजन को बनाते थे शिकार

बता दें दो दिन पहले उत्तराखंड एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस की संयुक्त छापेमारी कार्रवाई के दौरान देहरादून शहर के बीचों-बीच इसी रोड के नजदीक एक ऐसे फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया था, जो अमेरिका कनाडा जैसे विदेशी नागरिकों को माइक्रोसॉफ्ट सर्विसेस के नाम पर ऑनलाइन साइबर धोखाधड़ी और विदेशी एजेंटों की मदद से हवाला और मनीष लॉन्ड्री का गोरखधंधा चला रहे थे.

एसटीएफ की छापेमारी में कॉल सेंटर से सैकड़ों की संख्या में लैपटॉप, कंप्यूटर व इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स एविडेंस के रूप बरामद किए गए. इतना ही नहीं छापेमारी के दौरान 1 करोड़ 26 लाख रुपए का कैश भी बरामद किया गया . इस मामले में 15 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. हालांकि, अभी इस मामले में एक तथाकथित पत्रकार सहित तीन नामजद लोग वांटेड हैं. जिनकी तलाश जारी है.

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