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सहसपुर सीट: BJP प्रत्याशी सहदेव पुंडीर को लेकर जनता में असंतोष, आर्येंद्र शर्मा दे रहे कड़ी टक्कर

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Published : Feb 5, 2022, 12:06 PM IST

Updated : Feb 5, 2022, 5:24 PM IST

पछवादून की सहसपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस में कड़ी देखने को मिल रही है. एक ओर जहां बीजेपी प्रत्याशी सहदेव सिंह पुंडीर से जनता में असंतोष हैं. तो वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी आर्येंद्र शर्मा जनता के बीच उनकी समस्याओं को लेकर जा रहे हैं. सहसपुर की जनता का कहना है कि जो भी प्रत्याशी उनकी समस्याओं का निदान करने की बात करेगा वोट उसी को दिया जाएगा.

uttarakhand assembly election 2022
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 (uttarakhand assembly election 2022) में सभी प्रत्याशी अपने-अपने चुनाव प्रचार में जुटे हैं और क्षेत्र की समस्याओं को लेकर लोगों को बीच पहुंच रहे हैं. साथ ही लोगों को विकास का भरोसा दे रहे हैं. इस बीच सहसपुर से दो बार के सिटिंग विधायक सहदेव सिंह पुंडीर इस बार भी मैदान में हैं. ऐसे में सहदेव सिंह पुंडीर (BJP candidate Sahdev Singh Pundir) को लेकर सहसपुर की जनता के मन में क्या है ? आइये आपको बताते हैं....

देहरादून जनपद ग्रामीण सहसपुर विधानसभा सीट पछवादून के हिसाब से बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है. क्षेत्रफल और आबादी के हिसाब से इस विधानसभा का अधिकांश भाग के लोगों की जिंदगी खेती से जुड़ी हैं. ऐसे में यहां सिंचाई, बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य केंद्र, डिग्री कॉलेज, बरसाती नालों पर पुल और मुख्य नेशनल हाईवे से जोड़ने वाले गांव में पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसी तमाम समस्याएं अब भी बरकरार हैं. ऐसे में इस बार सहदेव सिंह पुंडीर की राह इतनी आसान नहीं नजर आ रही है.

BJP प्रत्याशी सहदेव पुंडीर को लेकर जनता में असंतोष.

सहसपुर की जनता में गुस्सा: दूरस्थ इलाकों की मूलभूत समस्याएं आज तक हल नहीं होने से सहदेव सिंह पुंडीर के प्रति लोगों में नाराजगी देखी जा रही है. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी आर्येंद्र शर्मा (Congress candidate Aryendra Sharma) विकास मुद्दों को लेकर इस बार बीजेपी प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दे रहे हैं.

सिंचाई और पब्लिक ट्रांसपोर्ट: सहसपुर के दूरस्थ क्षेत्र के कैंचीवाला, रामपुर और अब्दुल्लापुर जैसे इलाकों के अधिकांश लोग भी खेतीबाड़ी से जुड़े हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उनके क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या सिंचाई को लेकर सामने आती हैं. पर्याप्त मात्रा में ट्यूबल ना होने के कारण उनकी फसल खराब होती है. तो वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि मुख्य नेशनल हाईवे से उनका गांव काफी दूर है. ऐसे में उनके सामने सबसे बड़ी समस्या पब्लिक ट्रांसपोर्ट की है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट न होने के चलते ग्रामीणों को आवाजाही में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

पढ़ें- मुस्लिम यूनिवर्सिटी वाले मुद्दे पर CM धामी का पलटवार, कांग्रेस पर साधा जमकर निशाना

डिग्री कॉलेज और पुलों का अभाव: सहसपुर विधानसभा क्षेत्र में जूनियर हाई स्कूलों का इंटर कॉलेज में उच्चीकरण ना होना और क्षेत्र की जनसंख्या के लिहाज से डिग्री कॉलेज का ना होना एक बड़ी समस्या है. ऐसे में बच्चों को काफी परेशानी होती है. कैचीवाला और खैरी गांव को जोड़ने वाला नदी का पुल न बनना भी बड़ी समस्या है. इसके अलावा जो ग्रामीण नौकरी के लिए सेलाकुई इंडस्ट्रियल एरिया जाते हैं. उनको रास्ते में कई स्थानों पर बरसाती नाले पर पुल नहीं होने से खतरा बना रहता है.

पुंडीर पर भड़कीं कैंचीवाला की महिलाएं: कैचीवाला गांव में शुक्रवार दोपहर जब एक जनसभा को संबोधित करने सहदेव सिंह पुंडीर पहुंचे तो उनको महिलाओं की नाराजगी का सामना करना पड़ा. पंडीर जब तक उनसे वोट मांगने की अपील करते उससे पहले ही महिलाओं ने घेर लिया और 5 साल तक दिखाई नहीं देने का आरोप लगाया. हालांकि, विधायक हाथ जोड़कर यह कहते नजर आए कि वह इलाके में पिछले 5 सालों में एक बार नहीं बल्कि 100 बार आ चुके हैं. बिजली, पानी, पेयजल और सड़के जैसी तमाम अन्य योजनाओं को वह लगातार कराते रहे हैं.

पढ़ें- रायपुर सीट: हीरा सिंह बिष्ट V/s उमेश शर्मा काऊ के बीच दिलचस्प मुकाबला, कांटे की है टक्कर

अब्दुल्ला गांव की मूलभूत समस्याएं: कैंचीवाला से सटे अब्दुल्ला गांव के निवासियों का कहना है कि पिछले 10 साल से क्षेत्र के विधायक, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक बीजेपी से हैं लेकिन इलाके में मूलभूत सुविधाएं अभी तक पूरी नहीं हुई हैं. पेयजल, नाले पुल, कच्चे मकान और रोजगार की समस्या जस की तस बनी हुई है. ऐसे में इस बार जो उनके क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं को देने की बात करेगा मतदाता उन्हीं को अपना समर्थन देंगे.

नुक्कड़ नाटक के जरिए प्रचार-प्रसार: सहसपुर विधानसभा क्षेत्र से अपनी जीत की मैट्रिक का दावा करने वाले बीजेपी प्रत्याशी सहदेव सिंह पुंडीर इस बार नुक्कड़ नाटक के जरिए अपना प्रचार-प्रसार करते नजर आ रहे हैं. किसी भी जनसभा में सहदेव सिंह पुंडीर के आने से पहले जनसभा स्थल में पेशेवर नुक्कड़ नाटक करने वाले केंद्र से लेकर राज्य तक भाजपा के विकास कार्य योजनाओं का बखान करते हुए जनता को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं.

क्या कहते हैं सहदेव सिंह पुंडीर: भाजपा प्रत्याशी सहदेव सिंह पुंडीर का कहना है कि राज्य और केंद्र की डबल इंजन सरकार के सहयोग से उनके विधानसभा क्षेत्र में 80 फीसदी विकास कार्य हुआ है. पेजयल, सिंचाई, सड़कें, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोड कनेक्टिविटी जैसी जरूरतों को उनके कार्यकाल में पूरा किया गया है. ऐसे में उन्होंने दावा किया है कि इस बार अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी आर्येंद्र शर्मा को 25 हजार वोटों से हराकर जीत दर्ज कराएंगे.

एक नजर आंकड़ों पर: सहसपुर विधानसभा से साल 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी सहदेव सिंह पुंडीर को 26064 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी आर्येंद्र शर्मा को 20574 वोट मिले थे. पुंडीर ने 5,490 वोट से जीत दर्ज कराई थी. वहीं, साल 2017 विधानसभा चुनाव में सहसपुर से बीजेपी प्रत्याशी सहदेव सिंह पुंडीर को 44,055 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी किशोर उपाध्याय को 25,192 वोट मिले थे. इस साल निर्दलीय प्रत्याशी आर्येंद्र शर्मा 21,888 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे.

सहसपुर विधानसभा क्षेत्र में इस बार 2017 चुनाव के मुकाबले लगभग 22 हजार से अधिक नए वोटर की संख्या बढ़ी है. यानी अभी तक निर्वाचन सूची में 1 लाख 71 हजार 762 मतदाता इस विधानसभा में वोटर सूची में है. हालांकि, अभी एक और अंतिम सूची जारी होनी बाकी हैं. इस बार सहसपुर विधानसभा सीट पर कांटे की टक्कर होगी.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 (uttarakhand assembly election 2022) में सभी प्रत्याशी अपने-अपने चुनाव प्रचार में जुटे हैं और क्षेत्र की समस्याओं को लेकर लोगों को बीच पहुंच रहे हैं. साथ ही लोगों को विकास का भरोसा दे रहे हैं. इस बीच सहसपुर से दो बार के सिटिंग विधायक सहदेव सिंह पुंडीर इस बार भी मैदान में हैं. ऐसे में सहदेव सिंह पुंडीर (BJP candidate Sahdev Singh Pundir) को लेकर सहसपुर की जनता के मन में क्या है ? आइये आपको बताते हैं....

देहरादून जनपद ग्रामीण सहसपुर विधानसभा सीट पछवादून के हिसाब से बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है. क्षेत्रफल और आबादी के हिसाब से इस विधानसभा का अधिकांश भाग के लोगों की जिंदगी खेती से जुड़ी हैं. ऐसे में यहां सिंचाई, बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य केंद्र, डिग्री कॉलेज, बरसाती नालों पर पुल और मुख्य नेशनल हाईवे से जोड़ने वाले गांव में पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसी तमाम समस्याएं अब भी बरकरार हैं. ऐसे में इस बार सहदेव सिंह पुंडीर की राह इतनी आसान नहीं नजर आ रही है.

BJP प्रत्याशी सहदेव पुंडीर को लेकर जनता में असंतोष.

सहसपुर की जनता में गुस्सा: दूरस्थ इलाकों की मूलभूत समस्याएं आज तक हल नहीं होने से सहदेव सिंह पुंडीर के प्रति लोगों में नाराजगी देखी जा रही है. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी आर्येंद्र शर्मा (Congress candidate Aryendra Sharma) विकास मुद्दों को लेकर इस बार बीजेपी प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दे रहे हैं.

सिंचाई और पब्लिक ट्रांसपोर्ट: सहसपुर के दूरस्थ क्षेत्र के कैंचीवाला, रामपुर और अब्दुल्लापुर जैसे इलाकों के अधिकांश लोग भी खेतीबाड़ी से जुड़े हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उनके क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या सिंचाई को लेकर सामने आती हैं. पर्याप्त मात्रा में ट्यूबल ना होने के कारण उनकी फसल खराब होती है. तो वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि मुख्य नेशनल हाईवे से उनका गांव काफी दूर है. ऐसे में उनके सामने सबसे बड़ी समस्या पब्लिक ट्रांसपोर्ट की है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट न होने के चलते ग्रामीणों को आवाजाही में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

पढ़ें- मुस्लिम यूनिवर्सिटी वाले मुद्दे पर CM धामी का पलटवार, कांग्रेस पर साधा जमकर निशाना

डिग्री कॉलेज और पुलों का अभाव: सहसपुर विधानसभा क्षेत्र में जूनियर हाई स्कूलों का इंटर कॉलेज में उच्चीकरण ना होना और क्षेत्र की जनसंख्या के लिहाज से डिग्री कॉलेज का ना होना एक बड़ी समस्या है. ऐसे में बच्चों को काफी परेशानी होती है. कैचीवाला और खैरी गांव को जोड़ने वाला नदी का पुल न बनना भी बड़ी समस्या है. इसके अलावा जो ग्रामीण नौकरी के लिए सेलाकुई इंडस्ट्रियल एरिया जाते हैं. उनको रास्ते में कई स्थानों पर बरसाती नाले पर पुल नहीं होने से खतरा बना रहता है.

पुंडीर पर भड़कीं कैंचीवाला की महिलाएं: कैचीवाला गांव में शुक्रवार दोपहर जब एक जनसभा को संबोधित करने सहदेव सिंह पुंडीर पहुंचे तो उनको महिलाओं की नाराजगी का सामना करना पड़ा. पंडीर जब तक उनसे वोट मांगने की अपील करते उससे पहले ही महिलाओं ने घेर लिया और 5 साल तक दिखाई नहीं देने का आरोप लगाया. हालांकि, विधायक हाथ जोड़कर यह कहते नजर आए कि वह इलाके में पिछले 5 सालों में एक बार नहीं बल्कि 100 बार आ चुके हैं. बिजली, पानी, पेयजल और सड़के जैसी तमाम अन्य योजनाओं को वह लगातार कराते रहे हैं.

पढ़ें- रायपुर सीट: हीरा सिंह बिष्ट V/s उमेश शर्मा काऊ के बीच दिलचस्प मुकाबला, कांटे की है टक्कर

अब्दुल्ला गांव की मूलभूत समस्याएं: कैंचीवाला से सटे अब्दुल्ला गांव के निवासियों का कहना है कि पिछले 10 साल से क्षेत्र के विधायक, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक बीजेपी से हैं लेकिन इलाके में मूलभूत सुविधाएं अभी तक पूरी नहीं हुई हैं. पेयजल, नाले पुल, कच्चे मकान और रोजगार की समस्या जस की तस बनी हुई है. ऐसे में इस बार जो उनके क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं को देने की बात करेगा मतदाता उन्हीं को अपना समर्थन देंगे.

नुक्कड़ नाटक के जरिए प्रचार-प्रसार: सहसपुर विधानसभा क्षेत्र से अपनी जीत की मैट्रिक का दावा करने वाले बीजेपी प्रत्याशी सहदेव सिंह पुंडीर इस बार नुक्कड़ नाटक के जरिए अपना प्रचार-प्रसार करते नजर आ रहे हैं. किसी भी जनसभा में सहदेव सिंह पुंडीर के आने से पहले जनसभा स्थल में पेशेवर नुक्कड़ नाटक करने वाले केंद्र से लेकर राज्य तक भाजपा के विकास कार्य योजनाओं का बखान करते हुए जनता को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं.

क्या कहते हैं सहदेव सिंह पुंडीर: भाजपा प्रत्याशी सहदेव सिंह पुंडीर का कहना है कि राज्य और केंद्र की डबल इंजन सरकार के सहयोग से उनके विधानसभा क्षेत्र में 80 फीसदी विकास कार्य हुआ है. पेजयल, सिंचाई, सड़कें, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोड कनेक्टिविटी जैसी जरूरतों को उनके कार्यकाल में पूरा किया गया है. ऐसे में उन्होंने दावा किया है कि इस बार अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी आर्येंद्र शर्मा को 25 हजार वोटों से हराकर जीत दर्ज कराएंगे.

एक नजर आंकड़ों पर: सहसपुर विधानसभा से साल 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी सहदेव सिंह पुंडीर को 26064 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी आर्येंद्र शर्मा को 20574 वोट मिले थे. पुंडीर ने 5,490 वोट से जीत दर्ज कराई थी. वहीं, साल 2017 विधानसभा चुनाव में सहसपुर से बीजेपी प्रत्याशी सहदेव सिंह पुंडीर को 44,055 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी किशोर उपाध्याय को 25,192 वोट मिले थे. इस साल निर्दलीय प्रत्याशी आर्येंद्र शर्मा 21,888 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे.

सहसपुर विधानसभा क्षेत्र में इस बार 2017 चुनाव के मुकाबले लगभग 22 हजार से अधिक नए वोटर की संख्या बढ़ी है. यानी अभी तक निर्वाचन सूची में 1 लाख 71 हजार 762 मतदाता इस विधानसभा में वोटर सूची में है. हालांकि, अभी एक और अंतिम सूची जारी होनी बाकी हैं. इस बार सहसपुर विधानसभा सीट पर कांटे की टक्कर होगी.

Last Updated : Feb 5, 2022, 5:24 PM IST
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