देहरादूनः उत्तराखंड में फर्जी आईडी से सिम कार्ड बेचने वालों की भरमार (fake ID SIM Card) है. जिसको लेकर केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय ने उत्तराखंड एसटीएफ को पत्र लिखा. मंत्रालय ने पत्र में उत्तराखंड एसटीएफ को फर्जी आईडी पर नंबर बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. वहीं, पत्र मिलने के बाद साइबर क्राइम पुलिस एक्टिव हो गई है.
मामले को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड एसटीएफ (Uttarakhand STF) और साइबर क्राइम पुलिस (Cyber Crime Police) में बीते एक हफ्ते के भीतर कुमाऊं और गढ़वाल में 344 सिम कार्ड बरामद किए हैं. ये सभी सिम कार्ड फर्जी आईडी से लिए गए थे. मामले में एसटीएफ ने दो सिम विक्रेताओं (Case Filed Against SIM Retailers) के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
वोडाफोन कंपनी से जवाब तलबः साइबर क्राइम पुलिस के मुताबिक, गढ़वाल परिक्षेत्र के हरिद्वार के मंगलौर इलाके में 166 फर्जी सिम पाए गए. जबकि, कुमाऊं परिक्षेत्र के बाजपुर क्षेत्र में 178 फर्जी सिम कार्ड बरामद कर किया गया है. मामले में साइबर पुलिस ने वोडाफोन कंपनी के दो आउटलेट रिटेलर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया.
ये भी पढ़ेंः श्रीनगर में सेक्सटॉर्शन का शिकार हो रहे लोग, लोक-लाज से नहीं आ रहे सामने
दरअसल, 15 सितंबर को हरिद्वार के मंगलौर और 22 सितंबर को उधम सिंह नगर के बाजपुर थाने में फर्जी आईडी से सिम बेचने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. साइबर क्राइम पुलिस की मानें तो सिम कार्ड के लिए कस्टमर एप्लीकेशन फॉर्म (CAF) में लगाए गए फोटो फर्जी हैं. जिसके संबंध में वोडाफोन कंपनी से जवाब तलब (Vodafone company SIM) किया गया है.
फर्जी सिम के जरिए साइबर अपराध को अंजामः उत्तराखंड एसटीएफ (Uttarakhand Special Task Force) के मुताबिक, वर्तमान में साइबर अपराधी फर्जी सिम कार्ड के जरिए आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं. साइबर ठगी इन्हीं सिम के माध्यम से ठगी को अंजाम देते हैं. अब साइबर पुलिस फर्जी आईडी पर सिम बेचने वालों पर शिकंजा कसने जा रही है, ताकि साइबर अपराध (Uttarakhand Cyber crime) समेत अन्य गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके.