देहरादून: सड़क दुर्घटनाओं के बाद घायल का सही इलाज न होना और शख्स का मर जाना पुलिस मुख्यालय के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है. ऐसे में ट्रैफिक निदेशक केवल खुराना ने खास पहल शुरू की है, जिसमें दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को इलाज के लिये सिटी बस या टैक्सी द्वारा नजदीकी अस्पताल में पहुंचाने पर अवार्ड दिया जाएगा. इसके अलावा बीट पुलिसकर्मी ऐसा काम करने वाले लोगों की मदद भी करेंगे.
पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे में मरने वालों के पीछे की ज्यादा वजह घायलों को समय पर इलाज न मिल पाना है. जिससे घायल व्यक्ति की मौत हो जाती है. इसके अलावा राज्य में एम्बुलेंस की संख्या भी बहुत कम है. इसी को देखते हुए टैक्सी और सिटी बसों को साथ में लेकर पुलिस एक मुहिम चला रही है. इसमें घायल को अस्पताल ले जाने का खर्चा ट्रैफिक निदेशालय ही देगा. ऐसे में ट्रैफिक निदेशालय को उम्मीद है कि इस मुहिम से काफी लोगों की जान बचाई जा सकती है.
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वहीं ट्रैफिक निदेशालय के लिए एक और परेशानी निकलकर सामने आई है. ट्रांसपोर्टर्स की शिकायत रहती है कि पुलिस काम कराने के बाद रुपए नहीं देती. इसलिए ट्रैफिक निदेशक केवल खुराना ने आदेश जारी किया है कि टैक्सी और बस चालक को रास्ते में अगर कोई घायल दिखता है तो वो अपनी गाड़ी से उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराएं. इस दौरान टैक्सी और बस चालाक को पुलिस भी परेशान नहीं करेगी. इतना ही नहीं ऐसा काम करने पर उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा.
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वहीं देहरादून और कुमाऊं के आसपास की बस और टैक्सी यूनियन ने मदद करने की इच्छा जताई है. मुख्यालय की ओर से सभी जनपदों के पुलिस अधिकारियों को इस बाबत एक पत्र भेजा गया है. ताकि वे ड्राइवर को ट्रेनिग दें और सहयोग की अपील करें.