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राजनीतिक संरक्षण में काली करतूतों को अंजाम दे रहे भू-माफिया, दर्ज मुकदमों में पुलिस पर पड़ रहा दबाव - Political protection to land mafia in Uttarakhand

उत्तराखंड में भू माफियाओं को बड़े स्तर का राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है. हाल ही में दर्ज हुए मुकदमों में कार्रवाई न करने को लेकर पुलिस अधिकारियों पर पड़ता भारी दबाव इसकी तस्दीक करता है.

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सफेदपोशों के संरक्षण में काली करतूतों को अंजाम दे रहे भू-माफिया
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Published : Jan 31, 2022, 7:56 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में तरह-तरह के जालसाजी करने वाले भू-माफियाओं को बड़े स्तर का राजनीतिक स्तर पर संरक्षण प्राप्त होने की खबर सामने आई है. ईटीवी भारत को मिली विश्वसनीय जानकारी के मुताबिक हाल फिलहाल देहरादून में दो बड़े प्रॉपटी फर्जीवाड़े मामलों में नामचीन लोगों का नाम FIR में आये हैं. जिसके बाद से पुलिस पर लगातार सफेदपोश और राजनीतिक वर्चस्व से जुड़े लोगों का दबाव बनाया जा रहा है. आलम यह है कि जांच अधिकारी से लेकर उच्च स्तरीय पुलिस अधिकारियों पर प्रेशर मामले को दबाने की मंशा से बनाया जा रहा है.

ऐसे में चुनाव आचार संहिता की आड़ में राजस्व विभाग की मिलीभगत से जिन बेशकीमती भूमियों को फर्जीवाड़ा कर उनको कब्जाने का प्रयास हो रहा हैं, उनमें दर्ज मुकदमे की जांच प्रभावित करने को लेकर जिस तरह से राजनीतिक वर्चस्व वाले नेताओं का दबाव पुलिस पर बड़े स्तर पर पड़ रहा हैं.

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नेवी ऑफिसर की प्रॉपर्टी कब्जाने मामले में डकैती की धारा बढ़ाई गई: देहरादून के थाना क्लेमेंनटाउन के सुभाष नगर में पिछले दिनों नेवी ऑफिसर के बंगले से लाखों रुपए के कीमती सामान लूटपाट कर दिनदहाड़े बंदूकधारी दबंगों ने जेसीबी से मकान ढहा कर 5 बीघा बेशकीमती भूमि को कब्जाने का प्रयास किया था. उसमें जांच अधिकारी द्वारा डकैती की धारा दर्ज बढ़ा दी गई है. इतना ही नहीं इस मामले की गंभीरता को देखते हुए संगीन धाराएं बढ़ाने और पश्चिमी यूपी सहित कई भू-माफियाओं की गिरफ्तारी को लेकर जिस तरह से पुलिस की एक विशेष टीम कार्रवाई में जुटी है. उसे देखते हुए पुलिस पर अलग-अलग तरह के दबाव बनाए जा रहे हैं.

पढ़ें- लक्सर: युवक के खिलाफ धर्म परिवर्तन कराने और सामूहिक दुष्कर्म का केस, आरोपी बोला- मेरी पत्नी है वो

नामी बिल्डर पर दर्ज मुकदमें में सबसे अधिक पुलिस पर दबाव: ईटीवी भारत को मिली एक और विश्वसनीय जानकारी के मुताबिक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी और गैर सरकारी कब्जा करने के खेल में पुलिस पर इन दिनों सबसे ज्यादा दबाव देहरादून के एक नामचीन बिल्डर के खिलाफ दर्ज मामले में बनाया जा रहा है. मामला थाना राजपुर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जोहड़ी गांव स्थित 4 एकड़ की भूमि से जुड़ा है.

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आरोप के मुताबिक 2010 और 2021 में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दो बार राजस्व विभाग की मिलीभगत से जोहड़ी गांव की इस भूमि को अपने नाम रजिस्ट्री कराकर कब्जाने का प्रयास किया गया. प्रारंभिक जांच पड़ताल में आरोप सही पाए गये. जिसके बाद इस मामले में मुख्य आरोपी बिल्डर सहित कई लोगों पर गंभीर धाराओं मुकदमा दर्ज किया गया. केस दर्ज होने के बाद से गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी फरार हैं. ऐसे में पुलिस टीम इस धोखाधड़ी में शामिल राजस्व विभाग कर्मचारियों सहित भूमाफियाओं के खिलाफ इन्वेस्टिगेशन को आगे बढ़ा फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत रहे हैं.

पढ़ें- 'रूठों को मना लेंगे, बडे़ परिवार में बर्तन बजते हैं', नाराज नेताओं को लेकर बोले CM धामी

भूमाफियाओं पर प्रभावी कार्रवाई पुलिस की बड़ी चुनौती: पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह बात भी कई बार सामने आ चुकी है कि थाने स्तर पर भू माफिया अपने राजनीतिक वर्चस्व का प्रभाव दिखाकर बच जाते हैं. इसका ताजा उदाहरण पिछले दिनों थाना क्लेमेंनटाउन के सुभाष नगर स्थित हैरिटेज बंगले को लेकर सामने आया. जिसे भू माफियाओं ने दिनदहाड़े लूटा. उसके बाद प्रॉपर्टी कब्जाने के प्रयास में इस पुराने भवन को जेसीबी से धराशाई कर दिया गया.

इस मामले में मुकदमा दर्ज करने में देरी और आलाधिकारियों के हस्तक्षेप के बावजूद हल्की धाराओं में मामले को दबाने का आरोप लगा है. थाना क्लेमेंनटाउन पुलिस प्रभारी की भूमिका संदिग्ध होने के चलते उन्हें पुलिस मुख्यालय द्वारा निलंबित कर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हरिद्वार पुलिस को दी गई है.

देहरादून: उत्तराखंड में तरह-तरह के जालसाजी करने वाले भू-माफियाओं को बड़े स्तर का राजनीतिक स्तर पर संरक्षण प्राप्त होने की खबर सामने आई है. ईटीवी भारत को मिली विश्वसनीय जानकारी के मुताबिक हाल फिलहाल देहरादून में दो बड़े प्रॉपटी फर्जीवाड़े मामलों में नामचीन लोगों का नाम FIR में आये हैं. जिसके बाद से पुलिस पर लगातार सफेदपोश और राजनीतिक वर्चस्व से जुड़े लोगों का दबाव बनाया जा रहा है. आलम यह है कि जांच अधिकारी से लेकर उच्च स्तरीय पुलिस अधिकारियों पर प्रेशर मामले को दबाने की मंशा से बनाया जा रहा है.

ऐसे में चुनाव आचार संहिता की आड़ में राजस्व विभाग की मिलीभगत से जिन बेशकीमती भूमियों को फर्जीवाड़ा कर उनको कब्जाने का प्रयास हो रहा हैं, उनमें दर्ज मुकदमे की जांच प्रभावित करने को लेकर जिस तरह से राजनीतिक वर्चस्व वाले नेताओं का दबाव पुलिस पर बड़े स्तर पर पड़ रहा हैं.

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नेवी ऑफिसर की प्रॉपर्टी कब्जाने मामले में डकैती की धारा बढ़ाई गई: देहरादून के थाना क्लेमेंनटाउन के सुभाष नगर में पिछले दिनों नेवी ऑफिसर के बंगले से लाखों रुपए के कीमती सामान लूटपाट कर दिनदहाड़े बंदूकधारी दबंगों ने जेसीबी से मकान ढहा कर 5 बीघा बेशकीमती भूमि को कब्जाने का प्रयास किया था. उसमें जांच अधिकारी द्वारा डकैती की धारा दर्ज बढ़ा दी गई है. इतना ही नहीं इस मामले की गंभीरता को देखते हुए संगीन धाराएं बढ़ाने और पश्चिमी यूपी सहित कई भू-माफियाओं की गिरफ्तारी को लेकर जिस तरह से पुलिस की एक विशेष टीम कार्रवाई में जुटी है. उसे देखते हुए पुलिस पर अलग-अलग तरह के दबाव बनाए जा रहे हैं.

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नामी बिल्डर पर दर्ज मुकदमें में सबसे अधिक पुलिस पर दबाव: ईटीवी भारत को मिली एक और विश्वसनीय जानकारी के मुताबिक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी और गैर सरकारी कब्जा करने के खेल में पुलिस पर इन दिनों सबसे ज्यादा दबाव देहरादून के एक नामचीन बिल्डर के खिलाफ दर्ज मामले में बनाया जा रहा है. मामला थाना राजपुर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जोहड़ी गांव स्थित 4 एकड़ की भूमि से जुड़ा है.

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आरोप के मुताबिक 2010 और 2021 में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दो बार राजस्व विभाग की मिलीभगत से जोहड़ी गांव की इस भूमि को अपने नाम रजिस्ट्री कराकर कब्जाने का प्रयास किया गया. प्रारंभिक जांच पड़ताल में आरोप सही पाए गये. जिसके बाद इस मामले में मुख्य आरोपी बिल्डर सहित कई लोगों पर गंभीर धाराओं मुकदमा दर्ज किया गया. केस दर्ज होने के बाद से गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी फरार हैं. ऐसे में पुलिस टीम इस धोखाधड़ी में शामिल राजस्व विभाग कर्मचारियों सहित भूमाफियाओं के खिलाफ इन्वेस्टिगेशन को आगे बढ़ा फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत रहे हैं.

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भूमाफियाओं पर प्रभावी कार्रवाई पुलिस की बड़ी चुनौती: पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह बात भी कई बार सामने आ चुकी है कि थाने स्तर पर भू माफिया अपने राजनीतिक वर्चस्व का प्रभाव दिखाकर बच जाते हैं. इसका ताजा उदाहरण पिछले दिनों थाना क्लेमेंनटाउन के सुभाष नगर स्थित हैरिटेज बंगले को लेकर सामने आया. जिसे भू माफियाओं ने दिनदहाड़े लूटा. उसके बाद प्रॉपर्टी कब्जाने के प्रयास में इस पुराने भवन को जेसीबी से धराशाई कर दिया गया.

इस मामले में मुकदमा दर्ज करने में देरी और आलाधिकारियों के हस्तक्षेप के बावजूद हल्की धाराओं में मामले को दबाने का आरोप लगा है. थाना क्लेमेंनटाउन पुलिस प्रभारी की भूमिका संदिग्ध होने के चलते उन्हें पुलिस मुख्यालय द्वारा निलंबित कर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हरिद्वार पुलिस को दी गई है.

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