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उत्तराखंड में पनाह लेने वाले विकास दुबे गैंग पर पुलिस की पैनी नजर, अलर्ट पर सुरक्षा एजेंसियां

आईजी अभिनव कुमार ने साफतौर पर कहा कि वह खुद इस मामले को मॉनिटर करते हुए यूपी के आला अधिकारियों से बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा ऐसे में उन्हें उम्मीद है अगर कोई भी अपराधी उत्तराखंड की ओर रुख करता हैं तो उसे बख्शा नहीं जाएगा.

IG ABHINAV KUMAR
विकास दुबे गैंग पर पुलिस की पैनी नजर
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Published : Jul 13, 2020, 5:43 PM IST

देहरादून: कुछ दिन पहले ही कानपुर के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया. जिसके बाद अब यूपी पुलिस की नजर विकास दुबे के गुर्गों पर है. इसके अलावा यूपी पुलिस विकास दुबे को पनाह देने वालों पर भी शिकंजा कस रही है. आशंका जताई जा रही है विकास दुबे के सहयोगी बचने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बदमाशों का सहयोग लेकर उत्तराखंड की ओर पनाह ले सकते हैं. जिसे लेकर उत्तराखंड की सभी सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं.

उत्तराखंड पुलिस लगातार कानपुर आईजी और यूपी एडीजी लॉ एंड ऑर्डर सहित तमाम संबंधित सुरक्षा एजेंसियों से इस मामले में सूचनाओं का आदान प्रदान कर बदमाशों पर कड़ी नजर बनाए हुए है. इस मामले में उत्तराखंड गढ़वाल रेंज आईजी अभिनव कुमार ने बताया कि विकास दुबे प्रकरण के बाद से ही लगातार उनकी कानपुर आईजी सहित यूपी एडीजी लॉ एंड ऑर्डर से वांटेड बदमाशों को लेकर बात हो रही है. उन्होंने बताया अभी यूपी में संगीन अपराधियों पर शिकंजा कसा जा रहा है, उसे देखते हुए उत्तराखंड में अगर पूर्वी उत्तर प्रदेश या पश्चिमी यूपी का कोई गिरोह पनाह लेता है तो इस पर त्वरित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

विकास दुबे गैंग पर पुलिस की पैनी नजर

पढ़ें- LIVE : सीएम आवास पर बैठक खत्म, विधायकों को भेजा गया होटल

उत्तराखंड में पनाह लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा:आईजी
आईजी अभिनव कुमार ने साफतौर पर कहा कि वह खुद इस मामले को मॉनिटर करते हुए यूपी के आला अधिकारियों से बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा ऐसे में उन्हें उम्मीद है अगर कोई भी अपराधी उत्तराखंड की ओर रुख करता है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा.

पढ़ें-जम्मू-कश्मीर : अनंतनाग में सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर

कानपुर शूटआउट केस में कब क्या हुआ?

  • 2 जुलाई: विकास दुबे को गिरफ्तार करने 3 थानों की पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी. विकास के गैंग ने 8 पुलिसकर्मियों की हत्या की.
  • 3 जुलाई: पुलिस ने सुबह 7 बजे विकास के मामा प्रेमप्रकाश पांडे और सहयोगी अतुल दुबे का एनकाउंटर किया. 20-22 नामजद समेत 60 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की.
  • 5 जुलाई: पुलिस ने विकास के नौकर और खास सहयोगी दयाशंकर उर्फ कल्लू अग्निहोत्री को घेरा. पुलिस की गोली लगने से दयाशंकर जख्मी हुआ. उसने खुलासा किया कि विकास ने पहले से प्लानिंग कर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था.
  • 6 जुलाई: पुलिस ने अमर की मां क्षमा दुबे और दयाशंकर की पत्नी शिखा समेत 3 को गिरफ्तार किया. शूटआउट की घटना के वक्त पुलिस ने बदमाशों से बचने के लिए क्षमा दुबे का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन क्षमा ने मदद करने की बजाय बदमाशों को पुलिस की लोकेशन बता दी. शिखा भी बदमाशों की मदद कर रही थी.
  • 8 जुलाई: एसटीएफ ने विकास के करीबी अमर दुबे को मार गिराया. प्रभात मिश्रा समेत 10 बदमाशों को गिरफ्तार किया.
  • 9 जुलाई: मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे उज्जैन से गिरफ्तार. प्रभात मिश्रा और बऊआ दुबे एनकाउंटर में मारे गए.
  • 10 जुलाई: विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया.
  • 11 जुलाई: एटीएस ने विकास दुबे के दो साथी सोनू तिवारी और गुड्डन त्रिवेदी को मुंबई से गिरफ्तार किया.

देहरादून: कुछ दिन पहले ही कानपुर के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया. जिसके बाद अब यूपी पुलिस की नजर विकास दुबे के गुर्गों पर है. इसके अलावा यूपी पुलिस विकास दुबे को पनाह देने वालों पर भी शिकंजा कस रही है. आशंका जताई जा रही है विकास दुबे के सहयोगी बचने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बदमाशों का सहयोग लेकर उत्तराखंड की ओर पनाह ले सकते हैं. जिसे लेकर उत्तराखंड की सभी सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं.

उत्तराखंड पुलिस लगातार कानपुर आईजी और यूपी एडीजी लॉ एंड ऑर्डर सहित तमाम संबंधित सुरक्षा एजेंसियों से इस मामले में सूचनाओं का आदान प्रदान कर बदमाशों पर कड़ी नजर बनाए हुए है. इस मामले में उत्तराखंड गढ़वाल रेंज आईजी अभिनव कुमार ने बताया कि विकास दुबे प्रकरण के बाद से ही लगातार उनकी कानपुर आईजी सहित यूपी एडीजी लॉ एंड ऑर्डर से वांटेड बदमाशों को लेकर बात हो रही है. उन्होंने बताया अभी यूपी में संगीन अपराधियों पर शिकंजा कसा जा रहा है, उसे देखते हुए उत्तराखंड में अगर पूर्वी उत्तर प्रदेश या पश्चिमी यूपी का कोई गिरोह पनाह लेता है तो इस पर त्वरित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

विकास दुबे गैंग पर पुलिस की पैनी नजर

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उत्तराखंड में पनाह लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा:आईजी
आईजी अभिनव कुमार ने साफतौर पर कहा कि वह खुद इस मामले को मॉनिटर करते हुए यूपी के आला अधिकारियों से बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा ऐसे में उन्हें उम्मीद है अगर कोई भी अपराधी उत्तराखंड की ओर रुख करता है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा.

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कानपुर शूटआउट केस में कब क्या हुआ?

  • 2 जुलाई: विकास दुबे को गिरफ्तार करने 3 थानों की पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी. विकास के गैंग ने 8 पुलिसकर्मियों की हत्या की.
  • 3 जुलाई: पुलिस ने सुबह 7 बजे विकास के मामा प्रेमप्रकाश पांडे और सहयोगी अतुल दुबे का एनकाउंटर किया. 20-22 नामजद समेत 60 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की.
  • 5 जुलाई: पुलिस ने विकास के नौकर और खास सहयोगी दयाशंकर उर्फ कल्लू अग्निहोत्री को घेरा. पुलिस की गोली लगने से दयाशंकर जख्मी हुआ. उसने खुलासा किया कि विकास ने पहले से प्लानिंग कर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था.
  • 6 जुलाई: पुलिस ने अमर की मां क्षमा दुबे और दयाशंकर की पत्नी शिखा समेत 3 को गिरफ्तार किया. शूटआउट की घटना के वक्त पुलिस ने बदमाशों से बचने के लिए क्षमा दुबे का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन क्षमा ने मदद करने की बजाय बदमाशों को पुलिस की लोकेशन बता दी. शिखा भी बदमाशों की मदद कर रही थी.
  • 8 जुलाई: एसटीएफ ने विकास के करीबी अमर दुबे को मार गिराया. प्रभात मिश्रा समेत 10 बदमाशों को गिरफ्तार किया.
  • 9 जुलाई: मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे उज्जैन से गिरफ्तार. प्रभात मिश्रा और बऊआ दुबे एनकाउंटर में मारे गए.
  • 10 जुलाई: विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया.
  • 11 जुलाई: एटीएस ने विकास दुबे के दो साथी सोनू तिवारी और गुड्डन त्रिवेदी को मुंबई से गिरफ्तार किया.
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