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साइबर ठग खबरदार ! अब इंस्पेक्टर हैं तैयार

उत्तराखंड में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसे देखते हुए अब प्रशासन भी सतर्क हो गया है. ठगी को रोकने के लिए अब इंस्पेक्टर्स को इससे जुड़ी जानकारी दी जा रही है, जिससे साइबर क्राइम पर लगाम लग सके.

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साइबर ठगी को रोकने के लिए दी गई ट्रेनिंग
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Published : Sep 10, 2020, 9:28 AM IST

देहरादून: इसी महीने दारोगा से इंस्पेक्टर बने अधिकारियों को अब साइबर से जुड़े क्राइम की ट्रेनिंग दी जाएगी. इन इंस्पेक्टरों को पहाड़ों में भी भेजा जाएगा. आपको बता दें गढ़वाल रेंज के सात जिलों में अभी तक मात्र 44 इंस्पेक्टर थे. जिनमें से अधिकतर तो हरिद्वार, देहरादून जिलों में ही तैनात थे. जबकि 70 इंस्पेक्टरों के पद स्वीकृत थे, लेकिन अब पदोन्नति के बाद 84 इंस्पेक्टर गढ़वाल रेंज को मिले हैं, जिनको अब साइबर से जुड़े क्राइम में तैनात किया जाएगा.

साइबर ठगी को रोकने के लिए दी गई ट्रेनिंग

पढ़ें- CM त्रिवेंद्र की अध्यक्षता में कैंपा की बैठक, कहा-10 हजार युवाओं मिलेगा रोजगार

प्रमोशन ऑर्डर आने से पहले गढ़वाल रेंज में करीब 44 ही इंस्पेक्टर थे. अब 40 और इंस्पेक्टर मिलने के बाद गढ़वाल की स्थिति पहले से बेहतर हो गई है. लेकिन अब भी जब इसकी समीक्षा की गई तो मैदानी जनपद हरिद्वार और देहरादून में काफी इंस्पेक्टर हैं, लेकिन पहाड़ के जनपदों में अभी भी काफी कम संख्या में इंस्पेक्टर उपलब्ध हैं. इसको अब समीक्षा करने की जरूरत है और खासतौर से इसलिए भी कि गढ़वाल के सभी जनपदों में साइबर क्राइम की घटनाओं में वृद्धि हो रही है. आईटी एक्ट में विवेचना का अधिकार सिर्फ इंस्पेक्टर को होता है. जिसे लेकर सभी इंस्पेक्टर के सेवा विवरण जनपदों से मांगे गए हैं. निश्चित रूप से पर्वतीय जनपदों में इंस्पेक्टरों की जो कमी बनी हुई है उसको पूरा किया जा सके.

आईजी गढ़वाल अभिनव सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया कि जो नए इंस्पेक्टर प्रमोट हुए हैं उनमें से ज्यादातर को क्राइम की ट्रेनिंग किसी न किसी रूप में दी जा चुकी है. वहीं, जो सेवा विवरण मंगाया गया उसमें यह सब देखा जाएगा. इसके अलावा जिनको यह ट्रेनिंग नहीं दी गई है, उनको हम कैप्सूल कोर्स कराकर ट्रेनिंग देंगे.

देहरादून: इसी महीने दारोगा से इंस्पेक्टर बने अधिकारियों को अब साइबर से जुड़े क्राइम की ट्रेनिंग दी जाएगी. इन इंस्पेक्टरों को पहाड़ों में भी भेजा जाएगा. आपको बता दें गढ़वाल रेंज के सात जिलों में अभी तक मात्र 44 इंस्पेक्टर थे. जिनमें से अधिकतर तो हरिद्वार, देहरादून जिलों में ही तैनात थे. जबकि 70 इंस्पेक्टरों के पद स्वीकृत थे, लेकिन अब पदोन्नति के बाद 84 इंस्पेक्टर गढ़वाल रेंज को मिले हैं, जिनको अब साइबर से जुड़े क्राइम में तैनात किया जाएगा.

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प्रमोशन ऑर्डर आने से पहले गढ़वाल रेंज में करीब 44 ही इंस्पेक्टर थे. अब 40 और इंस्पेक्टर मिलने के बाद गढ़वाल की स्थिति पहले से बेहतर हो गई है. लेकिन अब भी जब इसकी समीक्षा की गई तो मैदानी जनपद हरिद्वार और देहरादून में काफी इंस्पेक्टर हैं, लेकिन पहाड़ के जनपदों में अभी भी काफी कम संख्या में इंस्पेक्टर उपलब्ध हैं. इसको अब समीक्षा करने की जरूरत है और खासतौर से इसलिए भी कि गढ़वाल के सभी जनपदों में साइबर क्राइम की घटनाओं में वृद्धि हो रही है. आईटी एक्ट में विवेचना का अधिकार सिर्फ इंस्पेक्टर को होता है. जिसे लेकर सभी इंस्पेक्टर के सेवा विवरण जनपदों से मांगे गए हैं. निश्चित रूप से पर्वतीय जनपदों में इंस्पेक्टरों की जो कमी बनी हुई है उसको पूरा किया जा सके.

आईजी गढ़वाल अभिनव सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया कि जो नए इंस्पेक्टर प्रमोट हुए हैं उनमें से ज्यादातर को क्राइम की ट्रेनिंग किसी न किसी रूप में दी जा चुकी है. वहीं, जो सेवा विवरण मंगाया गया उसमें यह सब देखा जाएगा. इसके अलावा जिनको यह ट्रेनिंग नहीं दी गई है, उनको हम कैप्सूल कोर्स कराकर ट्रेनिंग देंगे.

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