देहरादून: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Former Chief Minister Harish Rawat) देहरादून एसएसपी कार्यालय धरना देने पहुंचे. इस दौरान हरीश रावत के साथ सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे, लेकिन धरना देने से पहले ही मौके पर मौजूद पुलिस कर्मचारियों ने बल प्रयोग कर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को गिरफ्तार कर लिया है.
दरअसल, यूपी के लखीमपुर खीरी की घटना और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस देशभर में विरोध प्रदर्शन कर रही है. इसी कड़ी में उत्तराखंड कांग्रेस भी प्रदर्शन में शामिल हुई और पूर्व सीएम हरीश रावत के नेतृत्व में कांग्रेसी देहरादून एसएसपी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे. विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत करीब 80 कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया. पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में कांग्रेसी पुलिस लाइन के बाहर ही तमाम कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गए. इसी प्रकार गढ़वाल और कुमाऊं के अलग-अलग क्षेत्रों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपनी गिरफ्तारी दी.
क्या है मामला: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे से पहले किसानों के प्रदर्शन के दौरान रविवार को यहां भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. यह घटना तिकोनिया कोतवाली क्षेत्र के तिकोनिया-बनबीरपुर मार्ग पर हुई. जानकारी के मुताबिक, वाहनों द्वारा कुछ प्रदर्शनकारियों को कथित तौर पर टक्कर मारे जाने के बाद नाराज किसानों ने दो एसयूवी में आग लगा दी.
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कांग्रेसी दे रहे गिरफ्तारी: लखीमपुर खीरी में हिंसा को लेकर प्रदेशभर में किसानों में आक्रोश देखा जा रहा है. किसानों की ओर से जगह-जगह बीजेपी की योगी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. वहीं, उत्तराखंड में भी इस घटना को लेकर किसानों का विरोध जारी है. इसके साथ ही इस हिंसा को लेकर विपक्षी दल के नेता भी अपनी-अपनी प्रतिक्रिया देकर अपना आक्रोश वक्त कर रहे हैं. ऐसे में आलाकमान के निर्देश पर कांग्रेस नेता विरोध स्वरूप अपनी गिरफ्तारियां दे रहे हैं.
लखीमपुर खीरी में किसानों के ऊपर गाड़ी चलाने को लेकर उत्तराखंड में भी काफी आक्रोश है. नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है और उनके ऊपर जुर्म नहीं होने देगी.