देहरादून: नशा मुक्ति केंद्र दुष्कर्म मामले में पुलिस को सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से कई अहम सबूत मिले है. सीसीटीवी फुटेज में कुछ संदिग्ध लोग नशा मुक्ति केंद्र में आते-जाते हुए दिखाई दिए हैं. इसके अलावा पुलिस ने नशा मुक्ति केंद्र के संचालक आरोपी विद्या दत्त रतूड़ी की कॉल डिटेल भी खंगाली है. आरोपी विद्या दत्त रतूड़ी की कॉल डिटेल में एक नंबर मिला है, जिससे वो बार-बार बात करता था. पुलिस अब उसी व्यक्ति की जानकारी जुटाने में लगी हुई है.
दरअसल, मंगलवार को पुलिस नशा मुक्ति केंद्र में लगे 6 सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर अपने साथ ले गई थी. पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली तो उसमें कुछ संदिग्ध लोग दिखे. पुलिस अब इन लोगों की जानकारी जुटा रही है.
संदेह के घेरे में एक नंबर: इसके अलावा आरोपी विद्या दत्त रतूड़ी की कॉल डिटेल से एक ऐसा नंबर मिला है, जिस पर बार-बार बात होती है. पुलिस उस व्यक्ति का पता लगाने में जुटी हुई है. पुलिस को आशंका है कि कही ये व्यक्ति ड्रग्स सप्लाई करने वाला तो नहीं है. क्योंकि इस मामले के खुलासे के पहले दिन ही ये बात सामने आई थी कि आरोपी संचालक नाबालिग लड़कियों को ड्रग्स देता और फिर उनके साथ गलत काम करता था.
प्रेग्नेंसी रिपोर्ट आई निगेटिव: नाबालिग लड़की ने पुलिस को जो बयान दर्ज कराए थे, उसमें पीड़िता ने पुलिस को बताया था कि लास्ट दो महीने से उसे पीरियड नहीं आ रहे है. ऐसे में आशंका थी कि कहीं लड़की गर्भवती तो नहीं है. लेकिन मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता के गर्भवती होने की बात सामने नहीं आई है. हालांकि पुलिस अभी अन्य डॉक्टरों से भी सलाह लेगी.
क्या है मामला: बता दें कि बीती पांच अगस्त को क्लेमनटाउन थाना क्षेत्र में स्थित वॉक एंड विन सोवर लिविंग होम नाम के नशा मुक्ति केंद्र से चार नाबालिग लड़कियां फरार हो गई थी. नशा मुक्ति केंद्र के स्टाफ ने मामले की सूचना पुलिस को दी थी.
पुलिस ने अगले ही ही दिन चारों नाबालिग लड़कियों को ढूंढ़ लिया था. पुलिस को एक लड़की त्यागी रोड पर स्थित एक होटल में से मिली थी. वहीं अन्य लड़कियां भी देहरादून के एक इलाके में छिपी हुई थी. इस दौरान एक लड़की ने पुलिस को अपनी आप बीती बताई.
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नाबालिग लड़की ने बताया कि नशा मुक्ति केंद्र का संचालक विद्या दत्त रतूड़ी ने एक बार उसे ड्रग्स देने का ऑफर दिया था. इसके बदले उसने नाबालिग से गलत काम करने के लिए कहा था, लेकिन लड़की ने विरोध करते हुए विद्या दत्त रतूड़ी थप्पड़ मारा था और मामले की शिकायत मैनेजर एवं वॉर्डन विभा देवी से की थी.
आरोप है कि विभा देवी ने उल्टा उनके साथ मारपीट की. इसके बाद संचालक विद्या दत्त रतूड़ी ने उसके साथ कई बार गलत काम किया. वहीं संचालक विद्या दत्त रतूड़ी अन्य लड़कियों के साथ भी छेड़छाड़ करता था.
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उन्हें छोटी-छोटी गलतियों पर बड़ी भयानक सजा दी जाती थी. ये नशा मुक्त केंद्र इन लड़कियों के लिए किसी यातना गृह से कम नहीं थी. इसीलिए उन्होंने वहां से भागने के प्लान बनाया. प्लान के मुताबिक पांच अगस्त को चारों लड़कियों ने वॉर्डन विभा देवा को धक्का देकर कमरे में बंद कर दिया और वहां से भाग गई.
पुलिस ने लड़कियों के बयान पर 6 अगस्त को ही विभा देवी को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि संचालक रतूड़ी फरार चल रहा था, जिसे पुलिस ने सात अगस्त को ऋषिकेश के श्यामपुर से गिरफ्तार किया. अब दोनों जेल में बंद है. वहीं पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.