देहरादून: कोरोना वायरस से बचाव के लिए इन दिनों सरकार आम लोगों को जागरूक करने का अभियान चला रही है, लेकिन हकीकत तो यह है कि अब तक देहरादून पुलिस भी कोविड-19 के खतरों को ठीक से समझ नहीं पाई है. ये बात पुलिस मुख्यालय और सचिवालय से मात्र 50 मीटर दूरी पर सड़क पर पड़ी पीपीई किट के ढेर को देखकर समझी जा सकती है. यह वह पीपीई किट है, जिनका पुलिसकर्मियों ने इस्तेमाल किया और फिर यूं ही सड़क पर फेंक दिया.
जिस सचिवालय से प्रदेश में कोरोना संक्रमण के खतरों को लेकर गाइडलाइन जारी की जा रही है. वह पुलिस मुख्यालय जहां से प्रदेश भर के पुलिस कर्मियों को कोरोना काल में एहतियात बरतकर काम करने के निर्देश दिए जा रहे हैं. इन्ही सर्वोच्च संस्थानों के बाहर कोरोना को लेकर नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है. दरअसल, सचिवालय और पुलिस मुख्यालय से मात्र 50 मीटर की दूरी पर ही पीपीई किट का ढेर सड़क पर फेंका हुआ है.
हैरानी की बात तो यह है कि लोग यहां फेंकी गई पीपीई किट को पुलिसकर्मियों द्वारा फेंकी गयी बता रहे हैं. दरअसल, 1 दिन पहले कूच करने के लिए कुछ संगठन सचिवालय की तरफ रवाना हुए थे. जिन्हें बैरिकेडिंग लगाकर पीपीई किट पहने पुलिसकर्मियों ने रोका था. इसके बाद बताया जा रहा है की इन्हीं पुलिसकर्मियों ने अपनी पीपीई किट यहां उतारकर फेंक दी. जिसके बाद कई पीपीई किट सड़कों पर और कूड़े में पड़ी हुई दिखाई दे रही है. सवाल यह है कि क्या पुलिस कर्मियों को कोराना काल में कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई. क्या पुलिसकर्मी कोविड-19 को लेकर जागरूक नहीं है.
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स्वास्थ्य विभाग की स्पष्ट गाइडलाइन है कि पीपीई किट को यूं ही खुले में नहीं फेंका जा सकता. इनके लिए डिस्पोजल की अलग से व्यवस्था की गई है, लेकिन इन नियमों और निर्देशों को धता बताते हुए पुलिसकर्मियों ने जाने अनजाने में कोरोना संक्रमण को फैलाने का पूरा इंतजाम कर दिया है. पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था से जब ईटीवी भारत ने यह सवाल किया तो अशोक कुमार ने कहा कि पुलिस को इसके लिए ट्रेनिंग दी जाती रही है. ऐसा कोई मामला यदि स्पेशली उनके संज्ञान में आता है तो वह इस पर कार्रवाई करेंगे.