देहरादून: दून पुलिस और अधिक हाईटेक होगी, क्योंकि एसएसपी दून द्वारा पुलिस को स्मार्ट पुलिसिंग बनाने की तैयारी की जा रही है. दरअसल शहर में प्राइवेट सीसीटीवी कैमरे घरों और प्रतिष्ठानों में लगे हुए हैं, उनकी गूगल मैपिंग शुरू कर दी गई है. इस गूगल मैपिंग से ये फायदा होगा कि शहर में कहीं पर भी कोई घटना या वारदात होती है, तो उसकी फुटेज मिलने पर तत्काल कार्रवाई की जा सकती है.
2020 में क्राइमैक पोर्टल हुआ था लॉन्च: साल 2020 में क्राइमैक(क्राइम मल्टी एजेंसी सेंटर) पोर्टल लॉन्च किया गया था. इसमें देशभर का क्राइम डाटा फीड रहता है. किसी भी क्षेत्र में होने वाले अपराध की जानकारी अपलोड की जाती है. इसके बाद पता चलता है कि इस तरह का अपराध हाल ही के दिनों में कहां-कहां हुआ है और किस तरह से अपराधी पकड़े गए थे. वर्तमान में दून पुलिस इस पोर्टल का कम प्रयोग कर रही है. साथ ही नफीस(नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आईडेंटिफिकेशन सिस्टम) सॉफ्टवेयर पर संदिग्धों और अपराधियों के फिंगरप्रिंट्स का डेटाबेस तैयार किया जाता है.
10000 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की गूगल मैपिंग: एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि गूगल मैपिंग सभी थाना क्षेत्रों में शुरू कर दी गई है. पहले चरण में 10000 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की गूगल मैपिंग की जाएगी. कोई भी अपराधी वारदात करता है, तो उसके संदिग्ध फिंगरप्रिंट मिलते हैं. जिससे कुछ सेकेंड में मैच होकर पता चल जाता है कि वह अपराधी पूर्व में कहा पकड़ा गया है.
एसएसपी ने स्मार्ट पुलिसिंग बनाने की तैयारी:हालांकि शहर के अंदर कॉलोनी हो या फिर जनपद का बॉर्डर हो कई जगहों पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हुए है. जिससे कई बार दून पुलिस को वारदात का खुलासा करने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है, लेकिन एसएसपी ने योजना बनाई है कि अब ऐसे लोगों को प्रमोट किया जाएगा, जहां आवासीय भवन और प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे.
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