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छात्रवृत्ति घोटाला: महर्षि दयानंद आईटीआई के दो कर्मचारी गिरफ्तार, संचालक ने लिया स्टे

इस मामले में एसआईटी अभीतक 120 कॉलेजों को जांच के दायरे में ले चुकी है. वहीं, अभीतक करीब 70 से ज्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी है.

छात्रवृत्ति घोटाला
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Published : Jul 8, 2020, 3:39 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड समाज कल्याण विभाग के छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपियों पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है. पुलिस ने हरिद्वार में स्थित महर्षि दयानंद आईटीआई के दो कर्मचारी को इस मामले में गिरफ्तार किया है. आरोपियों के नाम अमित कुमार सैनी और नवीन कुमार है. जबकि, संस्थान के संचालक अश्विनी कुमार ने फिलहाल गिरफ्तारी पर हाई कोर्ट से स्टे लिया हुआ है. इसीलिए उन्हें अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है.

पुलिस के मुताबिक, अमित कुमार सैनी और नवीन कुमार को भगवानपुर से गिरफ्तार किय गया है. दोनों ने घोटाले में शामिल होने की बात कबूल की है. पुलिस ने बीती तीन फरवरी को महर्षि दयानंद आईटीआई के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 409, 467, 468 और 471 में मुकदमा दर्ज किया था.

पढ़ें- नेपाली पेंशनरों के लिए तीन दिन तक खुलेंगे अंतरराष्ट्रीय झूला पुल

एसआईटी की जांच में सामने आया था कि महर्षि दयानंद आईटीआई ने छात्रों का एक ही सत्र में दो संस्थान में एडमिशन दिखाकर छात्रवृत्ति का गबन किया है. कॉलेज ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई छात्रों के फर्जी एडमिशन दिखाकर 53 लाख आठ हजार 514 रुपए का घोटाला किया है. संस्थान के कर्मचारी अमित कुमार सैनी और नवीन कुमार ने बैंक खाते में गड़बड़ी कर ये छात्रवृत्ति निकाली थी.

एसआईटी के मुताबिक, जांच में यह भी सामने आया है कि संचालक अश्विनी कुमार ने अपने कर्मचारी अमित कुमार सैनी और नवीन कुमार के साथ मिलकर शैक्षणिक संस्थान में कथित छात्र-छात्राओं का फर्जी प्रवेश दिखाकर छात्रवृत्ति की राशि का गबन किया है. कॉलेज संचालक अश्विनी कुमार को फिलहाल हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे मिला हुआ है. कोर्ट ने अश्विनी को सरकारी बैंक के खाते में 20-20 लाख रुपए जमा करने का आदेश भी दिया था.

छात्रवृत्ति घोटाले में अब तक

  • मई 2017 में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एसआईटी जांच के आदेश दिये थे.
  • अक्तूबर 2019 में बीजेपी नेता रविंद्र जुगरान ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने हाईकोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की थी.
  • दिसंबर 2018 में पुलिस अधीक्षक टीसी मंजूनाथ की अध्यक्षता में एसआईटी बनी.
  • हाईकोर्ट के निर्देश पर एसआईटी ने जांच में तेजी दिखाई.
  • देहरादून और हरिद्वार में अब तक 80 मुकदमे दर्ज हुए हैं.
  • एसआईटी अभी तक 120 कॉलेजों को जांच के दायरे में ले चुकी है.
  • करीब 70 से ज्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी हैं.
  • 11 जिलों में आईजी संजय गुंज्याल के नेतृत्व में अलग एसआईटी बनी.
  • एसआईटी ने 53 मुकदमे दर्ज किए, जिनमें से 45 राज्य के बाहर के हैं.

देहरादून: उत्तराखंड समाज कल्याण विभाग के छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपियों पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है. पुलिस ने हरिद्वार में स्थित महर्षि दयानंद आईटीआई के दो कर्मचारी को इस मामले में गिरफ्तार किया है. आरोपियों के नाम अमित कुमार सैनी और नवीन कुमार है. जबकि, संस्थान के संचालक अश्विनी कुमार ने फिलहाल गिरफ्तारी पर हाई कोर्ट से स्टे लिया हुआ है. इसीलिए उन्हें अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है.

पुलिस के मुताबिक, अमित कुमार सैनी और नवीन कुमार को भगवानपुर से गिरफ्तार किय गया है. दोनों ने घोटाले में शामिल होने की बात कबूल की है. पुलिस ने बीती तीन फरवरी को महर्षि दयानंद आईटीआई के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 409, 467, 468 और 471 में मुकदमा दर्ज किया था.

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एसआईटी की जांच में सामने आया था कि महर्षि दयानंद आईटीआई ने छात्रों का एक ही सत्र में दो संस्थान में एडमिशन दिखाकर छात्रवृत्ति का गबन किया है. कॉलेज ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई छात्रों के फर्जी एडमिशन दिखाकर 53 लाख आठ हजार 514 रुपए का घोटाला किया है. संस्थान के कर्मचारी अमित कुमार सैनी और नवीन कुमार ने बैंक खाते में गड़बड़ी कर ये छात्रवृत्ति निकाली थी.

एसआईटी के मुताबिक, जांच में यह भी सामने आया है कि संचालक अश्विनी कुमार ने अपने कर्मचारी अमित कुमार सैनी और नवीन कुमार के साथ मिलकर शैक्षणिक संस्थान में कथित छात्र-छात्राओं का फर्जी प्रवेश दिखाकर छात्रवृत्ति की राशि का गबन किया है. कॉलेज संचालक अश्विनी कुमार को फिलहाल हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे मिला हुआ है. कोर्ट ने अश्विनी को सरकारी बैंक के खाते में 20-20 लाख रुपए जमा करने का आदेश भी दिया था.

छात्रवृत्ति घोटाले में अब तक

  • मई 2017 में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एसआईटी जांच के आदेश दिये थे.
  • अक्तूबर 2019 में बीजेपी नेता रविंद्र जुगरान ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने हाईकोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की थी.
  • दिसंबर 2018 में पुलिस अधीक्षक टीसी मंजूनाथ की अध्यक्षता में एसआईटी बनी.
  • हाईकोर्ट के निर्देश पर एसआईटी ने जांच में तेजी दिखाई.
  • देहरादून और हरिद्वार में अब तक 80 मुकदमे दर्ज हुए हैं.
  • एसआईटी अभी तक 120 कॉलेजों को जांच के दायरे में ले चुकी है.
  • करीब 70 से ज्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी हैं.
  • 11 जिलों में आईजी संजय गुंज्याल के नेतृत्व में अलग एसआईटी बनी.
  • एसआईटी ने 53 मुकदमे दर्ज किए, जिनमें से 45 राज्य के बाहर के हैं.
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