देहरादूनः कोतवाली ऋषिकेश पुलिस ने रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर 44 लाख रुपए की ठगी करने वाले दो आरोपियों को हरिद्वार से दबोचा है. जबकि, तीसरा आरोपी की पुलिस तलाश कर रही है. फिलहाल, पुलिस दोनों आरोपियों के आपराधिक इतिहास खंगाल रही है. एसएसपी की मानें तो तीनों आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर लगाई जाएगी. साथ ही दोनों आरोपी ने ठगी से जो भी प्रॉपर्टी बनाई है, उनको जब्त किया जाएगा और बैंक अकाउंट भी फ्रिज किया जाएगा.
पुलिस की मानें तो आरोपी रेलवे का अपॉइंटमेंट लेटर (Railway Appointment letter) देकर ठगी का शिकार बनाते थे. आरोपियों ने सात लोगों को ठगी का शिकार बनाया था. पहला मामला 5 जून 2022 का है. जब पौड़ी के सतपुली निवासी सोनू ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि संदीप कुमार ने उसके दोस्त से ऋषिकेश में संपर्क करने को कहा. जिसके बाद उसके दोस्त मोहित से रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर 14 लाख की धोखाधड़ी की गई. जिसके संबंध में कोतवाली ऋषिकेश में मुकदमा पंजीकृत किया गया.
दूसरा मामला 15 अगस्त 2022 का है. जब त्रिलोकी दास समेत कई लोगों ने कोतवाली ऋषिकेश में शिकायत दर्ज कराई. जिसमें उन्होंने बताया कि संदीप कुमार, रविंद्र और उनके अन्य एक दोस्त की ओर से ऋषिकेश में संपर्क कर उनके बच्चों को रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर कुल 6 लोगों से 30 लाख रुपए की धोखाधड़ी की गई. वहीं, पुलिस ने पीड़ित की तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत किया. साथ ही आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम का गठन किया.
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वहीं, पुलिस की टीम ने पीड़ितों से आरोपियों से संबंधित जानकारियां जुटाई. जिसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी. इसी कड़ी में पुलिस ने एक आरोपी संदीप कुमार निवासी रोशनाबाद, हरिद्वार मूल निवासी स्योहारा, जिला बिजनौर और रविंद्र सिंह निवासी रोशनाबाद हरिद्वार मूल निवासी धामपुर बिजनौर को हरिद्वार से गिरफ्तार किया.
ऐसे करते थे ठगीः देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुंवर (Dehradun SSP Dalip Singh Kunwar) ने बताया की दोनों मूल रूप से बिजनौर के रहने वाले हैं. संदीप कुमार हरिद्वार सिडकुल में एक फैक्ट्री में काम करता है. जबकि, रविंद्र की रोशनाबाद में कॉस्मेटिक की दुकान है. उनका एक अन्य मित्र जो पहले ऋषिकेश में रहता था और मूल रूप से बिजनौर का रहने वाला है.
तीनों मिलकर नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं को रेलवे में नौकरी (Job in Railway) लगवाने का झांसा देकर उनसे पैसों की ठगी कर लेते थे. जिसमें उनका मित्र जो ऋषिकेश में रहता था, वो संदीप को एफसीआई ऑफिसर और रविंद्र को रेलवे का अधिकारी बताते हुए युवकों को अपनी ऊंची पहुंच का हवाला देकर उन्हें अपने जाल में फंसा लेता था. जिसके बाद तीनों आरोपी युवकों से नौकरी लगवाने के नाम पर पैसे ऐंठ लेते थे.