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Shiv Kumar Murder: रुपयों के लिए की हत्या, 3 दिनों तक लाश को घर में रखा, चोरी की स्कूटी से शव ठिकाने लगाया

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 12, 2023, 6:29 PM IST

Dehradun Shiv Kumar murder case का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने इस मामले में मृतक के एक दोस्त को गिरफ्तार किया है, जबकि दो दोस्त पहले ही दूसरे मामले में जेल जा चुके है. हत्या का कारण नशे के बाद रुपयों को लेन-देन बताया जा रहा है. Dehradun Police arrested friend of deceased

Shiv Kumar Murder
Shiv Kumar Murder

देहरादून: पटेल नगर कोतवाली क्षेत्र में लालपुल के नीचे बीती 30 सितंबर को मिली युवक का लाश मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. मृतक की शिनाख्त शिव कुमार के रूप में की थी, जो यूपी के अमेठी जिले का रहने वाला था. फिलहाल वो पटेल नगर में रहता था. पुलिस के मुताबिक शिव कुमार की हत्या की गई थी. आरोपी को पुलिस ने भंडारी बाग एसजीआरआर हॉस्टल के सामने से गिरफ्तार किया है. वहीं दो अन्य आरोपी दूसरे मामले में पहले ही जेल जा चुके है.

देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने पूरे मामले का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि शिव कुमार और उसके तीनों साथी नशे का आदी थे. चारों साथ में ही खाना पिया करते थे. पुलिस के अनुसार 25 सितंबर को शिव और उसके तीनों साथियों ने एक साथ पार्टी की थी, वहीं उनका पैसे के लेने को लेकर विवाद हो गया. इसी झगड़े में उन्होंने शिव कुमार के सिर पर डंडे से वार किया, जिससे उसकी मौत हो गई.
पढ़ें- रक्षा मंत्रालय की जमीन का फर्जी बैनामा बनाने वाला अरेस्ट, सहारनपुर रजिस्ट्री कार्यालय से जुड़े रजिस्ट्री घोटाले के तार

देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पुलिस के बचने के लिए आरोपियों ने तीन दिन तक शिव कुमार की लाश को कमरे में रखे रखा, लेकिन जब चौथे दिन दुर्गंध आने लगी तो उन्होंने शव को कम्बल में लपेटकर लाल पुल से नीचे गंदे नाले में फेंक दिया. पुलिस को शिव की लाश 29 सितंबर को मिली थी यानी की हत्या के चार दिन बाद. पुलिस से बचने के लिए दो दोस्तों तो चोरी और अवैध नशे की तस्करी के मामले में जेल जा चुके हैं.

ऐसे हुआ खुलासा: दरअसल, पुलिस ने जब मामले की जांच शुरू की तो सामने आया कि शिव कुमार की आखिरी बार ऋषभ गुप्ता के घर गया था और अगले दिन उसका फोन पप्पू लेकर गया था. मुखबीर की सूचना पर पुलिस ने आज 12 अक्टूबर को आशीष उर्फ पप्पू को गिरफ्तार किया.

आशीष के पास से पुलिस को शिव कुमार का फोन मिला. इसके बाद पुलिस ने आशीष से पूछताछ की. पूछताछ ने आशीष ने पुलिस को बताया कि 25 सितंबर को वो, शिव कुमार, ऋषभ गुप्ता और शुभम उर्फ खस्ता एक साथ थे. उन्होंने साथ में बैठकर शराब पी थी.
पढ़ें- श्यामपुर में चोरी करने वाला कठुआ गैंग का सदस्य गिरफ्तार, 100 लीटर कच्ची शराब के साथ एक आरोपी भी चढ़ा पुलिस के हत्थे

आशीष ने पुलिस को बताया कि शिव कुमार के पास तीन चार हजार रुपए थे, जिसको लेकर उनका आपस में झगड़ा हो गया. झगड़े में उन्होंने शिव कुमार के सिर पर डंडे से वार किया, जिससे वो वहीं गिर गर मर गया. इसके बाद तीनों मकान पर ताला लगाकर चले गए.

हत्या के तीन दिन बाद ऋषभ गुप्ता ने कोतवाली क्षेत्र से एक स्कूटी चोरी और उसी स्कूटी पर शिव कुमार के लेकर गए. इसके बाद उन्होंने शव को लालपुल के नीचे फेंक दिया. लाश को फेंकने के बाद तीनों गांधी ग्राम सत्तोवाली घाटी से होते हुए वापस घर पर आ गए. उसके बाद आरोपी ऋषभ गुप्ता स्कूटी चोरी के मामले में 30 सितंबर को कोतवाली नगर से जेल चला गया और दूसरा आरोपी शुभम उर्फ खस्ता को एक अक्टूबर को थाना बसन्त विहार पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट मे गिरफ्तार कर लिया था.

देहरादून: पटेल नगर कोतवाली क्षेत्र में लालपुल के नीचे बीती 30 सितंबर को मिली युवक का लाश मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. मृतक की शिनाख्त शिव कुमार के रूप में की थी, जो यूपी के अमेठी जिले का रहने वाला था. फिलहाल वो पटेल नगर में रहता था. पुलिस के मुताबिक शिव कुमार की हत्या की गई थी. आरोपी को पुलिस ने भंडारी बाग एसजीआरआर हॉस्टल के सामने से गिरफ्तार किया है. वहीं दो अन्य आरोपी दूसरे मामले में पहले ही जेल जा चुके है.

देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने पूरे मामले का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि शिव कुमार और उसके तीनों साथी नशे का आदी थे. चारों साथ में ही खाना पिया करते थे. पुलिस के अनुसार 25 सितंबर को शिव और उसके तीनों साथियों ने एक साथ पार्टी की थी, वहीं उनका पैसे के लेने को लेकर विवाद हो गया. इसी झगड़े में उन्होंने शिव कुमार के सिर पर डंडे से वार किया, जिससे उसकी मौत हो गई.
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देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पुलिस के बचने के लिए आरोपियों ने तीन दिन तक शिव कुमार की लाश को कमरे में रखे रखा, लेकिन जब चौथे दिन दुर्गंध आने लगी तो उन्होंने शव को कम्बल में लपेटकर लाल पुल से नीचे गंदे नाले में फेंक दिया. पुलिस को शिव की लाश 29 सितंबर को मिली थी यानी की हत्या के चार दिन बाद. पुलिस से बचने के लिए दो दोस्तों तो चोरी और अवैध नशे की तस्करी के मामले में जेल जा चुके हैं.

ऐसे हुआ खुलासा: दरअसल, पुलिस ने जब मामले की जांच शुरू की तो सामने आया कि शिव कुमार की आखिरी बार ऋषभ गुप्ता के घर गया था और अगले दिन उसका फोन पप्पू लेकर गया था. मुखबीर की सूचना पर पुलिस ने आज 12 अक्टूबर को आशीष उर्फ पप्पू को गिरफ्तार किया.

आशीष के पास से पुलिस को शिव कुमार का फोन मिला. इसके बाद पुलिस ने आशीष से पूछताछ की. पूछताछ ने आशीष ने पुलिस को बताया कि 25 सितंबर को वो, शिव कुमार, ऋषभ गुप्ता और शुभम उर्फ खस्ता एक साथ थे. उन्होंने साथ में बैठकर शराब पी थी.
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आशीष ने पुलिस को बताया कि शिव कुमार के पास तीन चार हजार रुपए थे, जिसको लेकर उनका आपस में झगड़ा हो गया. झगड़े में उन्होंने शिव कुमार के सिर पर डंडे से वार किया, जिससे वो वहीं गिर गर मर गया. इसके बाद तीनों मकान पर ताला लगाकर चले गए.

हत्या के तीन दिन बाद ऋषभ गुप्ता ने कोतवाली क्षेत्र से एक स्कूटी चोरी और उसी स्कूटी पर शिव कुमार के लेकर गए. इसके बाद उन्होंने शव को लालपुल के नीचे फेंक दिया. लाश को फेंकने के बाद तीनों गांधी ग्राम सत्तोवाली घाटी से होते हुए वापस घर पर आ गए. उसके बाद आरोपी ऋषभ गुप्ता स्कूटी चोरी के मामले में 30 सितंबर को कोतवाली नगर से जेल चला गया और दूसरा आरोपी शुभम उर्फ खस्ता को एक अक्टूबर को थाना बसन्त विहार पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट मे गिरफ्तार कर लिया था.

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