देहरादूनः सुरेंद्र कुमार हत्याकांड मामले में फरार 25 हजार के इनामी बदमाश को थाना डालनवाला पुलिस और एसओजी की टीम ने राजस्थान से गिरफ्तार किया कर लिया है. पुलिस द्वारा आरोपी को न्यायालय में पेशकर जेल भेज दिया है. आरोपी ने पुलिस को बताया कि सुरेंद्र आरोपी के साथ जबरन अप्राकृतिक संबंध (unnatural relationship) बनाता था और ऐसा करने के लिए उस पर बार-बार दबाव डालता था. संंबंध नहीं बनाने पर सुरेंद्र आरोपी को रिश्तेदारों में बदनाम करने की धमकी देता था. इससे परेशान होकर आरोपी ने सुरेंद्र कुमार की हत्या की थी.
जानकारी के मुताबिक, 1अप्रैल की सुबह थाना डालनवाला को सूचना मिली कि करनपुर क्षेत्र का रहने वाला सुरेंद्र कुमार जायसवाल (Surendra Kumar Jaiswal) का शव आवास 68-करनपुर में पड़ा है. सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने घर की दूसरी मंजिल पर पड़े शव को बरामद किया. सुरेंद्र के गले पर काले रंग के बैग की रस्सी लिपटी हुई थी. मौके पर फील्ड यूनिट की टीम को बुलाकर फोटोग्राफी ओर वीडियोग्राफी कराई गई. पुलिस द्वारा परिजनों से पूछताछ में पता चला कि सुरेंद्र कुमार जायसवाल वन विभाग से सेवानिवृत्त था और लगभग पिछले 25 सालों से अपने परिवार से अलग करनपुर स्थित आवास में अकेले रह रहा था.
सीसीटीवी फुजेट से मिला सुरागः इसके बाद घटना के संबंध में मृतक की पत्नी आशा जायसवाल की तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत किया गया. आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीम का गठन किया गया. गठित पुलिस टीमों द्वारा मृतक के घर में हो रहे निर्माण कार्य में लगे मजदूरों व आस-पास के लोगों से पूछताछ करते हुए घटना स्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेजों को खंगाला गया. इस दौरान सीसीटीवी के आधार पर 30 मार्च की रात मृतक के घर पर एक संदिग्ध व्यक्ति जाता हुए और एक अप्रैल की सुबह घर से बाहर आते हुए दिखाई दिया. पुलिस ने उक्त व्यक्ति के संबंध में मृतक के घर पर निर्माण कार्य में लगे मजदूरों से जानकारी लेने पर पता चला कि उक्त व्यक्ति को सुरेंद्र ने अपने भतीजे के रूप में लोगों से मिलाया था. लेकिन घटना के बाद से भतीजा घर से गायब था.
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आरोपी से नहीं था मृतक का रिश्ताः हैरानी की बात ये है कि मृतक के परिजनों से जब भतीजे के बारे में जानकारी ली गई तो पता चला कि ऐसा कोई भतीजा उनका रिश्तेदार नहीं है. इसके बाद पुलिस ने मृतक की कॉल डिटेल चेक की जिसमें भतीजे की लोकेशन जिला भरतपुर राजस्थान मिली. इसके बाद पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने राजस्थान पहुंची, लेकिन वो वहां से फरार हो चुका था. इसके बाद 21 अप्रैल को न्यायालय से आरोपी का गैर जमानती वांरट जारी हुआ. इसके बाद देहरादून एसएसपी द्वारा आरोपी पर 25 हजार रूपये का ईनाम घोषित किया गया. इस दौरान पुलिस टीम को सूचना मिली कि आरोपी राजस्थान के भिवाड़ी में छिपकर रह रहा है. थाना डालनवाला और एसओजी की संयुक्त टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अलवर जिले के भिवाड़ी से आरोपी को गिरफ्तार किया.
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बदनाम करने की दी धमकीः एसपी सिटी सरिता डोभाल ने बताया कि सुरेंद्र और आरोपी की मुलाकात करीब 5 से 6 साल पहले गोवर्धन मथुरा में हुई थी. उस दौरान सुरेंद्र ने आरोपी से जान-पहचान बढ़ाते हुए उसे मथुरा में अलग-अलग स्थानों पर घुमाया था. इस दौरान मथुरा में सुरेंद्र ने उसे अपने साथ अप्राकृतिक संबंध बनाने और उसके एवज में पैसे देने की बात कही. चूंकि आरोपी नशे का आदि था और आर्थिक स्थिती ठीक न होने के कारण मान गया. उसके बाद मृतक सुरेंद्र और आरोपी लगातार एक दूसरे के संपर्क में रहे. काफी समय तक गोवर्धन मथुरा में ही एक दूसरे से मिलते रहे. इसके कुछ समय बाद आरोपी ने ये काम करने से मना कर दिया तो सुरेंद्र आरोपी के घर भरतपुर राजस्थान पहुंच गया और उसके साथ संबंध नहीं बनाने के एवज में रिश्तेदारों और गांव वालों के सामने बदनाम करने की धमकी देने लगा.
गुस्से में आकर वारदात को अंजामः डर के कारण आरोपी को सुरेंद्र की बात माननी पड़ी. इसके बाद 3-4 महीने पहले आरोपी काम की तलाश में हरिद्वार आया और सिडकुल में दैनिक मजदूरी पर काम करने लगा. इस दौरान मृतक सुरेंद्र द्वारा आरोपी को बदनाम करने की धमकी देकर बार-बार अपने साथ संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया. वहीं, 30 अप्रैल को भी दबाव बनाकर देहरादून बुलाया. 1 अप्रैल को जब आरोपी अपने काम पर वापस जाने लगा तो सुरेंद्र द्वारा दोबारा संबंध बनाने का दबाव डाला गया. जिस पर आक्रोशित होकर आरोपी ने पास ही पड़े बैग की रस्सी से सुरेंद्र का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और मौके से फरार हो गया.