देहरादून: हाल ही नैनीताल हाई कोर्ट ने नाबालिगों के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में पोक्सो कोर्ट से फांसी सजा पाए दोषी को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया था. मामले में पोस्को कोर्ट के सरकारी वकील भरत सिंह नेगी का कहना है कि इस मामले में सरकार को सुप्रीम कोर्ट में अपील करनी चाहिए ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके.
देहरादून पोक्सो कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता भरत सिंह नेगी के मुताबिक इस मामले में सबसे बड़ा अहम सबूत बच्ची और आरोपी परवान सिंह का डीएनए मेच मिलान था. मृतक बच्चों के हाथ पर परवान सिंह के दाढ़ी के बाल मिले थे. जिसे इस केस में अहम सबूत माना गया था. हालांकि ऊपरी अदालत में इस तरह के अहम सबूत को अलग नजरिए से देखा गया.
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भरत सिंह नेगी ने बताया कि हाईकोर्ट ने ये तो माना है कि घटना के समय आरोपी परवान सिंह मौके पर मौजूद था. लेकिन उसके बाल मरे हुए बच्चों हाथ में कैसे आए ? तस्वीरों में इसकी पैरवी में साफ नहीं हो पाई. जिसका फायदा परवान सिंह को मिला और कोर्ट ने उसे दोषमुक्त कर दिया. हालांकि यह हैरान और परेशान करने वाला विषय है. क्योंकि मरे हुए बच्चों के बंद मुट्ठी में कही से उड़कर आरोपी का बाल कैसे फंस सकता हैं?
नेगी के मुताबिक ऐसे में जघन्य अपराध के लिए पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने व जनता का कानून का भरोसा कायम रखने के लिए राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट में अपील करना जरूरी हो जाता है.
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क्या था मामला
बता दें कि साल 2018 में ऋषिकेश में गुरुद्वारे के सेवादार परवान सिंह पर दो मासूम बच्चियों के साथ बलात्कार और बाद में हत्या करने का आरोप लगा था. इस मामले में देहरादून की पोक्सो कोर्ट ने परवान सिंह को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. इसके बाद परवान सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में अपील की थी. लेकिन हाई कोर्ट ने सबूतों के अभाव में परवान सिंह दोषमुक्त कर दिया था.