देहरादून: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) एक बार फिर से बाबा केदार का दर्शन (Baba Kedar Darshan) करने पहुंचे हैं. इस मौके पर वह केदारनाथ रोपवे का शिलान्यास करेंगे. ऐसे में आइए जानते हैं केदारनाथ रोपवे को लेकर कुछ महत्वपूर्ण जानकारी.
आज होगा भूमि पूजन: समुद्र तल से 11000 फीट की ऊंचाई पर हिंदुओं के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक केदारनाथ धाम मौजूद है. केदारनाथ धाम की यात्रा (Kedarnath Dham Tour) सुगम बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे प्रोजेक्ट का भूमि पूजन (Bhoomi Pujan of Ropeway Project) करेंगे. रोपवे प्रोजेक्ट के लिए कार्यदायी संस्था एनएचएआई के परियोजना निदेशक पंकज मौर्य ने कहा पीएम मोदी सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 13 किलोमीटर रोपवे प्रोजेक्ट के फर्स्ट फेज में गौरीकुंड से केदारनाथ 9.5 किलोमीटर और गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक के 12.4 किलोमीटर रोपवे प्रोजेक्ट का केदारनाथ में भूमि पूजन करेंगे. हालांकि, इन परियोजनाओं को लेकर कार्यक्रम बदरीनाथ में किया जाएगा.
केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे: बता दें कि 16 किलोमीटर लंबी केदारनाथ की पैदल यात्रा को सुगम और सरल बनाने के लिए रोपवे प्रोजेक्ट की नींव रखी गई. जिसे धरातल पर उतारने के लिए लगातार कार्यदायी संस्था द्वारा काम किया जा रहा है. वही हाल ही में सोनप्रयाग से केदारनाथ और गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक के रोपवे प्रोजेक्ट को केंद्रीय पर्यावरण बोर्ड से मंजूरी मिली है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दोनों परियोजनाओं का भूमि पूजन करेंगे. इस परियोजना के धरातल पर उतर जाने के बाद केदारनाथ की 16 किलोमीटर की पैदल यात्रा 30 मिनट में पूरी हो पाएगी.
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रोपवे में होंगे दो मेन और दो टेक्निकल स्टेशन: 13 किलोमीटर लंबे इस रोपवे में यात्रियों के लिए मुख्य तौर से दो स्टेशन सोनप्रयाग और गौरीकुंड से होंगे. वहीं, आपातकाल के लिए इसमें चिड़वासा और लिंग चोली में टेक्निकल स्टेशन भी बनाए जा रहे हैं. जो आपातकाल स्थिति में काम आएंगे. बता दें कि शुरुआती फेज में इस प्रोजेक्ट में प्रत्येक घंटे 2,000 यात्रियों की आवाजाही का लक्ष्य रखा गया है. वहीं, धीरे-धीरे इसकी क्षमता को बढ़ाते हुए 1 घंटे में तकरीबन 3600 यात्रियों की आवाजाही के लिए विकसित किया जाएगा.
हेली सर्विस का विकल्प होगा रोपवे: केदारनाथ और हेमकुंड साहिब में रोपवे प्रोजेक्ट (Ropeway Project in Hemkund Sahib) के धरातल पर उतरने से यात्रियों को महंगी हेली सेवाओं का विकल्प मिल जाएगा. केदारनाथ में हर साल करोड़ों कमाने करने वाली हेली सेवाओं पर लगातार सवाल खड़े होते आए हैं. केदारघाटी में हर सेकेंड गरजने वाले इन हेलीकॉप्टर में हजारों को किराया भरकर यात्री जाने के लिए मजबूर हैं, लेकिन रोपवे के धरातल पर उतरने के बाद केदारनाथ की यात्रा सुगम तो होगी ही साथ ही किफायती भी हो जाएगी.
माणा के लोग खुश: वहीं पीएम मोदी के माणा दौरे से स्थानीय लोग काफी खुश नजर आ रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि हमें बहुत खुशी है कि पीएम इतनी दूर से हमारे गांव आ रहे हैं. यहां बेरोजगार युवा हैं और प्रधानमंत्री को उनके लिए कुछ करना चाहिए.
वहीं, एक अन्य स्थानीय का कहना है कि प्रधानमंत्री यहां 27 गांवों को गोद लिया है और इसकी शुरुआत माणा से हुई. पीएम ने उत्तराखंड को बढ़ावा दिया और इसके ब्रांड एंबेसडर बन गए हैं.