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ऋषिकेश: 29 सितंबर को पीएम मोदी तीन नए एसटीपी का करेंगे लोकार्पण, जानिए खासियत

29 सितंबर को पीएम नरेंद्र मोदी देश के दूसरे कंप्यूटराइज्ड सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन करेंगे. प्लांट 150 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ है.

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Published : Sep 20, 2020, 5:04 PM IST

Updated : Sep 20, 2020, 8:26 PM IST

Rishikesh LakkadGhat STP
लक्कड़घाट स्थित 26 एमएलडी एसटीपी

ऋषिकेश: 29 सितंबर को पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लक्कड़घाट स्थित 26 एमएलडी की क्षमता वाले सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का लोकार्पण करेंगे. पीएम मोदी के कार्यक्रम की जानकारी मिलने के बाद नमामि गंगे परियोजना के अधिकारी और जिला प्रशासन अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गया है. ऋषिकेश के लक्कड़घाट स्थित 26 एमएलडी क्षमता वाला सीवर ट्रीटमेंट प्लांट देश के सबसे आधुनिक ट्रीटमेंट प्लांटों में एक है.

बता दें कि पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट देश का दूसरा प्लांट है। इससे पहले हरिद्वार में इस तरह के प्लांट की शुरुआत हो चुकी है. लक्कड़घाट सीवर ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि यह देश का दूसरा ऐसा प्लांट है, जो कि पूरी तरह ऑटोमोड में संचालित होगा. प्लांट से ट्रीट किए गए पानी को सिंचाई के लिए उपयोग में लाया जा सकेगा.

करीब 5 हेक्टेयर की भूमि पर बने 26 एमएलडी एसटीपी का कार्य पूरा हो चुका है. नमामि गंगे परियोजना के प्रबंधक अरविंद चतुर्वेदी का कहना है कि अमूमन इतने बड़े प्लांट को बनाने में लगभग 4 साल का समय लगता है. लेकिन यह प्लांट करीब 2 साल में बनकर तैयार हो गया है. ऋषिकेश की आबादी बढ़ने पर भी इस एसटीपी को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगा.

29 सितंबर को पीएम मोदी तीन नए एसटीपी का करेंगे लोकार्पण.

ये भी पढ़ें: तिब्बत के साथ कैसा रहा चीन का सलूक, सुनें शरणार्थियों की जुबानी

नमामि गंगे के परियोजना प्रबंधक अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि लक्कड़घाट में बनकर तैयार हुए इस सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की कई विशेषताएं हैं. यह ईको फ्रेंडली प्लांट से निकलने वाला पानी काफी साफ और सुथरा रहेगा. वहीं, ट्रीट पानी का सिचाई में भी उपयोग हो सकेगा. यहां लगे स्क्रीन पर देखा जा सकेगा कि ट्रीट किए गए पानी में ऑक्सीजन की मात्रा क्या है. पूरी तरह कंप्यूटराज्ड होने के कारण दिल्ली में बैठे अफसर भी इस प्रोजेक्ट के जल की गुणवत्ता की निगरानी कर सकेंगे. कंपनी प्लांट शुरू होने के बाद अगले 15 साल तक देखरेख और संचालन का काम करेगी.

21 मीटर ऊंचा देश का पहला एसटीपी

इसके साथ ही पीएम मोदी ऋषिकेश के चंद्रेश्वर नगर बने 7.5 एमएलडी के मल्टीपर्पज सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का भी लोकार्पण करेंगे. ये एसटीपी नमामि गंगे योजना के तहत पेयजल निगम द्वारा बनाया गया है. 12 करोड़ रुपये की लागत से बने इस एसटीपी से चन्द्रेश्वर नाला, ढालवाला नाला एवं शमशान घाट नाला के दूषित जल को ट्रीट किया जाएगा. ये एसटीपी देश का पहला ऐसा एसटीपी है, जो मल्टी स्टोरी है और इसकी ऊंचाई 21 मीटर है. एसटीपी से शोधित जल का सिंचाई के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा. इसके साथ ही पीएम ढालवाला चोर पानी में पांच एमएलडी के एसटीपी का भी लोकार्पण करेंगे.

ऋषिकेश: 29 सितंबर को पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लक्कड़घाट स्थित 26 एमएलडी की क्षमता वाले सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का लोकार्पण करेंगे. पीएम मोदी के कार्यक्रम की जानकारी मिलने के बाद नमामि गंगे परियोजना के अधिकारी और जिला प्रशासन अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गया है. ऋषिकेश के लक्कड़घाट स्थित 26 एमएलडी क्षमता वाला सीवर ट्रीटमेंट प्लांट देश के सबसे आधुनिक ट्रीटमेंट प्लांटों में एक है.

बता दें कि पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट देश का दूसरा प्लांट है। इससे पहले हरिद्वार में इस तरह के प्लांट की शुरुआत हो चुकी है. लक्कड़घाट सीवर ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि यह देश का दूसरा ऐसा प्लांट है, जो कि पूरी तरह ऑटोमोड में संचालित होगा. प्लांट से ट्रीट किए गए पानी को सिंचाई के लिए उपयोग में लाया जा सकेगा.

करीब 5 हेक्टेयर की भूमि पर बने 26 एमएलडी एसटीपी का कार्य पूरा हो चुका है. नमामि गंगे परियोजना के प्रबंधक अरविंद चतुर्वेदी का कहना है कि अमूमन इतने बड़े प्लांट को बनाने में लगभग 4 साल का समय लगता है. लेकिन यह प्लांट करीब 2 साल में बनकर तैयार हो गया है. ऋषिकेश की आबादी बढ़ने पर भी इस एसटीपी को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगा.

29 सितंबर को पीएम मोदी तीन नए एसटीपी का करेंगे लोकार्पण.

ये भी पढ़ें: तिब्बत के साथ कैसा रहा चीन का सलूक, सुनें शरणार्थियों की जुबानी

नमामि गंगे के परियोजना प्रबंधक अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि लक्कड़घाट में बनकर तैयार हुए इस सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की कई विशेषताएं हैं. यह ईको फ्रेंडली प्लांट से निकलने वाला पानी काफी साफ और सुथरा रहेगा. वहीं, ट्रीट पानी का सिचाई में भी उपयोग हो सकेगा. यहां लगे स्क्रीन पर देखा जा सकेगा कि ट्रीट किए गए पानी में ऑक्सीजन की मात्रा क्या है. पूरी तरह कंप्यूटराज्ड होने के कारण दिल्ली में बैठे अफसर भी इस प्रोजेक्ट के जल की गुणवत्ता की निगरानी कर सकेंगे. कंपनी प्लांट शुरू होने के बाद अगले 15 साल तक देखरेख और संचालन का काम करेगी.

21 मीटर ऊंचा देश का पहला एसटीपी

इसके साथ ही पीएम मोदी ऋषिकेश के चंद्रेश्वर नगर बने 7.5 एमएलडी के मल्टीपर्पज सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का भी लोकार्पण करेंगे. ये एसटीपी नमामि गंगे योजना के तहत पेयजल निगम द्वारा बनाया गया है. 12 करोड़ रुपये की लागत से बने इस एसटीपी से चन्द्रेश्वर नाला, ढालवाला नाला एवं शमशान घाट नाला के दूषित जल को ट्रीट किया जाएगा. ये एसटीपी देश का पहला ऐसा एसटीपी है, जो मल्टी स्टोरी है और इसकी ऊंचाई 21 मीटर है. एसटीपी से शोधित जल का सिंचाई के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा. इसके साथ ही पीएम ढालवाला चोर पानी में पांच एमएलडी के एसटीपी का भी लोकार्पण करेंगे.

Last Updated : Sep 20, 2020, 8:26 PM IST

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