देहरादूनः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज सुबह 11 बजे अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' (Mann Ki Baat) के जरिए देशवासियों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने केदारनाथ धाम में फैली गंदगी का भी जिक्र किया और इस पर अपनी चिंता भी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि कैसे हम लोग धार्मिक स्थलों में गंदगी फैला रहे हैं. उन्होंने उत्तराखंड के उन लोगों भी तारीफ की, जो तन, मन और धन से केदारनाथ और उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्वच्छता अभियान चला रहे हैं. पीएम मोदी ने ऐसे तीन लोगों को जिक्र किया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में कहा कि हमें तीर्थ स्थलों की गरिमा बनाए रखने की जरूरत है. इस समय में उत्तराखंड के चारधाम की पवित्र यात्रा चल रही है. यहां हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. लेकिन मैंने देखा है कि श्रद्धालु केदारनाथ में कुछ यात्रियों द्वारा फैलाई जा रही गंदगी की वजह से दुखी हैं. सोशल मीडिया पर कई लोगों ने अपनी बात रखी है. हम पवित्र यात्रा में जाएं और वहां गंदगी का ढेर हो, यह ठीक नहीं. सुचिता, साफ-सफाई, एक पवित्र वातावरण को हमें कभी भूलना नहीं चाहिए. उसे जरूर बनाए रखें.
पीएम मोदी ने मन की बात में रुद्रप्रयाग के रहने वाले मनोज बैंजवाल का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि मनोज बैंजवाल (Manoj Bainjwal) पिछले 25 सालों से पर्यावरण की देखरेख कर रहे हैं. मनोज स्वच्छता की मुहिम चलाने के साथ ही पवित्र स्थालों को भी साफ करने में जुटे रहते हैं. गुप्तकाशी के रहने वाले सुरेंद्र बगवाड़ी (Surendra Bagwadi) ने भी स्वच्छता को अपना जीवन मंत्र बना लिया है. सुरेंद्र गुप्तकाशी में नियममित रूप से सफाई कार्यक्रम चलाते हैं. सुरेंद्र ने इस स्वच्छता अभियान का नाम मन की बात रखा है.
पीएम मोदी ने देवर गांव की चंपा देवी (Champa Devi) का जिक्र किया. चंपा देवी पिछले तीन सालों से गांव ही महिलाओं को वेस्ट मैनेजमेंट सीखा रही है. चंपा देवी ने अपने क्षेत्र में सैकड़ों पेड़ भी लगाए हैं. चंपा देवी ने अपने परिश्रम से हराभरा वन तैयार किया है. पीएम मोदी ने तीनों लोगों की तारीफ करते हुए कहा कि ऐसे ही लोगों के प्रयास से देवभूमि और पवित्र धार्मिक स्थल की दैविय अनुभूति बनी हुई है, जिसे अनुभव करने के लिए लोग देवभूमि उत्तराखंड जाते हैं. इस देवभूमि को स्वच्छ बनाने की जिम्मेदारी हम सब की है. पीएम मोदी ने कहा कि अभी चारधाम के बाद देश में कई यात्राएं होनी है. इसलिए हमें तीर्थ यात्रा तीर्थ सेवा के भाव से करनी होगी और आगामी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के लिए आह्वान करना होगा कि देश को स्वच्छता बनाए रखने के साथ हर व्यक्ति वृक्षारोपण करेगा.