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ऐसा होगा केदारनाथ में बनने वाला रोपवे, ईटीवी भारत पर देखें EXCLUSIVE डिजाइन - Kedarnath and Hemkund Sahib ropeway

उत्तराखंड दौरे पर पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे सहित करीब ₹3400 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास किया. जिनमें गौरीकुंड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब दो नई रोपवे परियोजना भी शामिल है. केदारनाथ रोपवे लगभग 9.7 किलोमीटर लंबा होगा. यह गौरीकुंड को केदारनाथ से जोड़ेगा, जिससे गौरीकुंडे से केदारनाथ की दूरी महज 30 मिनट में पूरी हो जाएगा.

PM Narendra Modi
हेमकुंड साहिब रोपवे का शिलान्यास
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Published : Oct 21, 2022, 7:31 PM IST

Updated : Oct 21, 2022, 9:14 PM IST

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देवभूमि के दौरे पर पहले केदारनाथ पहुंचे. जहां उन्होंने बाबा केदार की पूजा अर्चना की. अपने इस दौरान में उन्होंने केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे सहित करीब ₹3400 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास किया. वहीं, पीएम मोदी ने बदरी विशाल के भी दर्शन करने के लिए बदरीनाथ पहुंचे. जहां उन्होंने भगवान बदरी की पूजा अर्चना की.

केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे का शिलान्यास

3400 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात: वहीं, आज उत्तराखंड दौरे पर पहुंचे पीएम मोदी ने ₹3400 करोड़ रुपये से अधिक की रोपवे और सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं का शिलान्यास किया. जिनमें गौरीकुंड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब दो नई रोपवे परियोजना भी शामिल है. केदारनाथ रोपवे लगभग 9.7 किलोमीटर लंबा होगा. यह गौरीकुंड को केदारनाथ से जोड़ेगा, जिससे गौरीकुंड से केदारनाथ की दूरी महज 30 मिनट में पूरी हो जाएगा.

45 मिनट में हेमकुंड साहिब पहुंचेंगे: वहीं, हेमकुंड रोपवे गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ेगा. यह लगभग 12.4 किलोमीटर लंबा होगा और यात्रा समय को एक दिन से कम करके केवल 45 मिनट कर देगा. यह रोपवे घांघरिया को भी जोड़ेगा, जो फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश द्वार है. इन दोनों रोपवे को लगभग 2430 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा. यह परिवहन का एक पर्यावरण अनुकूल साधन होगा, जो आवागमन को सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करेगा. इस अहम बुनियादी ढांचे का विकास धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा. जिससे क्षेत्र में आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी और साथ ही साथ रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे.

रोपवे प्रोजेक्ट का भूमि पूजन: उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से केदारनाथ और हेमकुंड साहिब यात्रा को सुगम बनाने के लिए रोपवे प्रोजेक्ट का भूमि पूजन किया गया. पीएम मोदी सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 13 किलोमीटर रोपवे प्रोजेक्ट के फर्स्ट फेज में गौरीकुंड से केदारनाथ 9.5 किलोमीटर और गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक के 12.4 किलोमीटर रोपवे प्रोजेक्ट का केदारनाथ में भूमि पूजन किया.

केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे: बता दें कि 16 किलोमीटर लंबी केदारनाथ की पैदल यात्रा को सुगम और सरल बनाने के लिए रोपवे प्रोजेक्ट की नींव रखी गई. जिसे धरातल पर उतारने के लिए लगातार कार्यदायी संस्था द्वारा काम किया जा रहा है. वहीं, हाल ही में सोनप्रयाग से केदारनाथ और गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक के रोपवे प्रोजेक्ट को केंद्रीय पर्यावरण बोर्ड से मंजूरी मिली है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दोनों परियोजनाओं का भूमि पूजन किया. इस परियोजना के धरातल पर उतर जाने के बाद केदारनाथ की 16 किलोमीटर की पैदल यात्रा 30 मिनट में पूरी हो पाएगी.

लाैे
केदारनाथ में बनने वाले रोपवे का डिजाइन

ये भी पढ़ें: सोमनाथ से राममंदिर तक का जिक्र कर बरसे PM, बोले- क्या हुआ था... सब जानते हैं

रोपवे में होंगे दो मेन और दो टेक्निकल स्टेशन: 13 किलोमीटर लंबे इस रोपवे में यात्रियों के लिए मुख्य तौर से दो स्टेशन सोनप्रयाग और गौरीकुंड से होंगे. वहीं, आपातकाल के लिए इसमें चिड़वा सा और लिंग चोली में टेक्निकल स्टेशन भी बनाए जा रहे हैं. जो आपातकाल स्थिति में काम आएंगे. बता दें कि शुरुआती फेज में इस प्रोजेक्ट में प्रत्येक घंटे 2,000 यात्रियों की आवाजाही का लक्ष्य रखा गया है. वहीं, धीरे-धीरे इसकी क्षमता को बढ़ाते हुए 1 घंटे में तकरीबन 3600 यात्रियों की आवाजाही के लिए विकसित किया जाएगा.

हेली सर्विस का विकल्प होगा रोपवे: केदारनाथ और हेमकुंड साहिब में रोपवे प्रोजेक्ट (Ropeway Project in Hemkund Sahib) के धरातल पर उतरने से यात्रियों को महंगी हेली सेवाओं का विकल्प मिल जाएगा. केदारनाथ में हर साल करोड़ों कमाने करने वाली हेली सेवाओं पर लगातार सवाल खड़े होते आए हैं. केदारघाटी में हर सेकेंड गरजने वाले इन हेलीकॉप्टर में हजारों को किराया भरकर यात्री जाने के लिए मजबूर हैं, लेकिन रोपवे के धरातल पर उतरने के बाद केदारनाथ की यात्रा सुगम तो होगी ही साथ ही किफायती भी हो जाएगी.

हजार करोड़ से सड़क चौड़ीकरण: प्रधानमंत्री ने इस दौरान करीब 1000 करोड़ रुपये की सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं का भी शिलान्यास किया. जिसके तहत दो सड़क चौड़ीकरण परियोजनाएं माणा से माणा पास (एनएच 07) और जोशीमठ से मलारी (एनएच 107बी) तक सीमावर्ती क्षेत्रों में हर मौसम में सड़क संपर्क प्रदान करने की दिशा में एक और कदम साबित होंगी. कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के अलावा, ये परियोजनाएं रणनीतिक दृष्टि से भी फायदेमंद साबित होंगी.

प्रधानमंत्री मोदी का देवभूमि से लगाव: पीएम मोदी का उत्तराखंड और भगवान केदारनाथ से लगाव किसी से छिपा नहीं है. यही वजह है कि मोदी जब से प्रधानमंत्री बने हैं, तब से उत्तराखंड के दौरे पर आते रहते हैं. साथ ही बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए कई बार आ चुके हैं. 2013 आपदा के बाद केदारनाथ धाम की बिगड़ी सूरत को प्रधानमंत्री ने विगत 8 सालों में संवारने का काम कर रहे हैं. करोड़ों की लागत से केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य किया जा रहा है. गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा की स्थापना की गई है. इसके अलावा प्रदेश में केंद्र की कई योजनाएं चल रही है.

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देवभूमि के दौरे पर पहले केदारनाथ पहुंचे. जहां उन्होंने बाबा केदार की पूजा अर्चना की. अपने इस दौरान में उन्होंने केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे सहित करीब ₹3400 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास किया. वहीं, पीएम मोदी ने बदरी विशाल के भी दर्शन करने के लिए बदरीनाथ पहुंचे. जहां उन्होंने भगवान बदरी की पूजा अर्चना की.

केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे का शिलान्यास

3400 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात: वहीं, आज उत्तराखंड दौरे पर पहुंचे पीएम मोदी ने ₹3400 करोड़ रुपये से अधिक की रोपवे और सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं का शिलान्यास किया. जिनमें गौरीकुंड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब दो नई रोपवे परियोजना भी शामिल है. केदारनाथ रोपवे लगभग 9.7 किलोमीटर लंबा होगा. यह गौरीकुंड को केदारनाथ से जोड़ेगा, जिससे गौरीकुंड से केदारनाथ की दूरी महज 30 मिनट में पूरी हो जाएगा.

45 मिनट में हेमकुंड साहिब पहुंचेंगे: वहीं, हेमकुंड रोपवे गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ेगा. यह लगभग 12.4 किलोमीटर लंबा होगा और यात्रा समय को एक दिन से कम करके केवल 45 मिनट कर देगा. यह रोपवे घांघरिया को भी जोड़ेगा, जो फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश द्वार है. इन दोनों रोपवे को लगभग 2430 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा. यह परिवहन का एक पर्यावरण अनुकूल साधन होगा, जो आवागमन को सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करेगा. इस अहम बुनियादी ढांचे का विकास धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा. जिससे क्षेत्र में आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी और साथ ही साथ रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे.

रोपवे प्रोजेक्ट का भूमि पूजन: उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से केदारनाथ और हेमकुंड साहिब यात्रा को सुगम बनाने के लिए रोपवे प्रोजेक्ट का भूमि पूजन किया गया. पीएम मोदी सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 13 किलोमीटर रोपवे प्रोजेक्ट के फर्स्ट फेज में गौरीकुंड से केदारनाथ 9.5 किलोमीटर और गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक के 12.4 किलोमीटर रोपवे प्रोजेक्ट का केदारनाथ में भूमि पूजन किया.

केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे: बता दें कि 16 किलोमीटर लंबी केदारनाथ की पैदल यात्रा को सुगम और सरल बनाने के लिए रोपवे प्रोजेक्ट की नींव रखी गई. जिसे धरातल पर उतारने के लिए लगातार कार्यदायी संस्था द्वारा काम किया जा रहा है. वहीं, हाल ही में सोनप्रयाग से केदारनाथ और गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक के रोपवे प्रोजेक्ट को केंद्रीय पर्यावरण बोर्ड से मंजूरी मिली है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दोनों परियोजनाओं का भूमि पूजन किया. इस परियोजना के धरातल पर उतर जाने के बाद केदारनाथ की 16 किलोमीटर की पैदल यात्रा 30 मिनट में पूरी हो पाएगी.

लाैे
केदारनाथ में बनने वाले रोपवे का डिजाइन

ये भी पढ़ें: सोमनाथ से राममंदिर तक का जिक्र कर बरसे PM, बोले- क्या हुआ था... सब जानते हैं

रोपवे में होंगे दो मेन और दो टेक्निकल स्टेशन: 13 किलोमीटर लंबे इस रोपवे में यात्रियों के लिए मुख्य तौर से दो स्टेशन सोनप्रयाग और गौरीकुंड से होंगे. वहीं, आपातकाल के लिए इसमें चिड़वा सा और लिंग चोली में टेक्निकल स्टेशन भी बनाए जा रहे हैं. जो आपातकाल स्थिति में काम आएंगे. बता दें कि शुरुआती फेज में इस प्रोजेक्ट में प्रत्येक घंटे 2,000 यात्रियों की आवाजाही का लक्ष्य रखा गया है. वहीं, धीरे-धीरे इसकी क्षमता को बढ़ाते हुए 1 घंटे में तकरीबन 3600 यात्रियों की आवाजाही के लिए विकसित किया जाएगा.

हेली सर्विस का विकल्प होगा रोपवे: केदारनाथ और हेमकुंड साहिब में रोपवे प्रोजेक्ट (Ropeway Project in Hemkund Sahib) के धरातल पर उतरने से यात्रियों को महंगी हेली सेवाओं का विकल्प मिल जाएगा. केदारनाथ में हर साल करोड़ों कमाने करने वाली हेली सेवाओं पर लगातार सवाल खड़े होते आए हैं. केदारघाटी में हर सेकेंड गरजने वाले इन हेलीकॉप्टर में हजारों को किराया भरकर यात्री जाने के लिए मजबूर हैं, लेकिन रोपवे के धरातल पर उतरने के बाद केदारनाथ की यात्रा सुगम तो होगी ही साथ ही किफायती भी हो जाएगी.

हजार करोड़ से सड़क चौड़ीकरण: प्रधानमंत्री ने इस दौरान करीब 1000 करोड़ रुपये की सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं का भी शिलान्यास किया. जिसके तहत दो सड़क चौड़ीकरण परियोजनाएं माणा से माणा पास (एनएच 07) और जोशीमठ से मलारी (एनएच 107बी) तक सीमावर्ती क्षेत्रों में हर मौसम में सड़क संपर्क प्रदान करने की दिशा में एक और कदम साबित होंगी. कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के अलावा, ये परियोजनाएं रणनीतिक दृष्टि से भी फायदेमंद साबित होंगी.

प्रधानमंत्री मोदी का देवभूमि से लगाव: पीएम मोदी का उत्तराखंड और भगवान केदारनाथ से लगाव किसी से छिपा नहीं है. यही वजह है कि मोदी जब से प्रधानमंत्री बने हैं, तब से उत्तराखंड के दौरे पर आते रहते हैं. साथ ही बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए कई बार आ चुके हैं. 2013 आपदा के बाद केदारनाथ धाम की बिगड़ी सूरत को प्रधानमंत्री ने विगत 8 सालों में संवारने का काम कर रहे हैं. करोड़ों की लागत से केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य किया जा रहा है. गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा की स्थापना की गई है. इसके अलावा प्रदेश में केंद्र की कई योजनाएं चल रही है.

Last Updated : Oct 21, 2022, 9:14 PM IST
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