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ऋषिकेश में उखड़े 'जीरो टॉलरेंस' के दावे, दो महीने भी नहीं चली दो करोड़ से बनी बैराज रोड

उत्तराखंड के ऋषिकेश में 2 करोड़ रुपए की लागत से बनाई गई बैराज रोड दो महीने भी सही से नहीं चल पाई. इतने कम समय में ही इस सड़क में गड्ढे हो गए हैं.

बैराज रोड में गड्ढे.
बैराज रोड में गड्ढे.
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Published : Feb 12, 2021, 8:13 PM IST

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को जाने वाली करीब 5 किलोमीटर लंबी बैराज रोड का पीडब्ल्यूडी ने 2 करोड़ रुपए से नवनिर्माण किया था. इस रकम से सड़क का कई स्थानों पर चौड़ीकरण भी किया गया. हैरत की बात यह है कि बनने के चंद महीने बाद ही यह सड़क कई स्थानों पर धंस गई है. सिर्फ इतना ही नहीं, सड़क कई जगह से उखड़ भी चुकी है. जिसके बाद से निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं. इस बारे में जब महकमे के अधिकारियों से पूछताछ की गई तो उनका कहना था कि संबंधित निर्माण एजेंसी से उखड़े हिस्से की मरम्मत करा दी जाएगी. धंसे हुए हिस्सों को भी जल्द ही दुरुस्त करा लिया जाएगा. निर्माण एजेंसी पर कार्रवाई से संबंधित कोई भी जवाब विभाग ने नहीं दिया है.

बैराज रोड में गड्ढे.
सीएम हेल्पलाइन में शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाईसमाजसेवी रवि कुमार जैन ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि इस सड़क की गुणवत्ता को लेकर पूर्व में भी उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत दर्ज कराने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई हैसीएम का विभागयह आलम तब है जबलोक निर्माण विभाग यानी पीडब्ल्यूडी राज्य के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत का विभाग है. मुख्यमंत्री ने यह विभाग अपने पास ही रखा है. बावजूद इसके ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र में नवनिर्मित सड़कें चंद महीने भी नहीं चल पा रही हैं. इतना ही नहीं स्वीकृत सड़कों का काम भी तय समय पर पूरा नहीं हो रहा है. प्रगति विहार में नगर निगम की ओर से सड़क किनारे बिछाई गई इंटरलॉकिंग टाइल्स पर भी पीडब्ल्यूडी सड़क बिछा चुका है. क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की इन कमियों से मुख्यमंत्री की भी किरकिरी हो रही है.

'जल्द दुरुस्त होगी सड़क'
पीडब्ल्यूडी के ऋषिकेश डिवीजन के अधिशासी अभियंता (ईई) विपुल सैनी ने बताया कि बैराज रोड से संबंधित मामला उनके संज्ञान में है. सड़क की गुणवत्ता को लेकर निर्माण एजेंसी से बातचीत की गई है. जल्द ही धंसे और उखड़े हिस्सों को दुरुस्त करा लिया जाएगा.

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को जाने वाली करीब 5 किलोमीटर लंबी बैराज रोड का पीडब्ल्यूडी ने 2 करोड़ रुपए से नवनिर्माण किया था. इस रकम से सड़क का कई स्थानों पर चौड़ीकरण भी किया गया. हैरत की बात यह है कि बनने के चंद महीने बाद ही यह सड़क कई स्थानों पर धंस गई है. सिर्फ इतना ही नहीं, सड़क कई जगह से उखड़ भी चुकी है. जिसके बाद से निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं. इस बारे में जब महकमे के अधिकारियों से पूछताछ की गई तो उनका कहना था कि संबंधित निर्माण एजेंसी से उखड़े हिस्से की मरम्मत करा दी जाएगी. धंसे हुए हिस्सों को भी जल्द ही दुरुस्त करा लिया जाएगा. निर्माण एजेंसी पर कार्रवाई से संबंधित कोई भी जवाब विभाग ने नहीं दिया है.

बैराज रोड में गड्ढे.
सीएम हेल्पलाइन में शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाईसमाजसेवी रवि कुमार जैन ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि इस सड़क की गुणवत्ता को लेकर पूर्व में भी उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत दर्ज कराने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई हैसीएम का विभागयह आलम तब है जबलोक निर्माण विभाग यानी पीडब्ल्यूडी राज्य के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत का विभाग है. मुख्यमंत्री ने यह विभाग अपने पास ही रखा है. बावजूद इसके ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र में नवनिर्मित सड़कें चंद महीने भी नहीं चल पा रही हैं. इतना ही नहीं स्वीकृत सड़कों का काम भी तय समय पर पूरा नहीं हो रहा है. प्रगति विहार में नगर निगम की ओर से सड़क किनारे बिछाई गई इंटरलॉकिंग टाइल्स पर भी पीडब्ल्यूडी सड़क बिछा चुका है. क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की इन कमियों से मुख्यमंत्री की भी किरकिरी हो रही है.

'जल्द दुरुस्त होगी सड़क'
पीडब्ल्यूडी के ऋषिकेश डिवीजन के अधिशासी अभियंता (ईई) विपुल सैनी ने बताया कि बैराज रोड से संबंधित मामला उनके संज्ञान में है. सड़क की गुणवत्ता को लेकर निर्माण एजेंसी से बातचीत की गई है. जल्द ही धंसे और उखड़े हिस्सों को दुरुस्त करा लिया जाएगा.

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